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पहली हैट्रिक से जहीर के कहर तक, WC में Ind-NZ के यादगार मुकाबले

वर्ल्ड कप में आखिरी बार 2003 में भारत और न्यूजीलैंड का सामना हुआ था

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ICC वर्ल्ड कप 2019 अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया है. मंगलवार 9 जुलाई को भारत और न्यूजीलैंड पहले सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगे. मैनचेस्टर में होने वाला ये सेमीफाइनल दोनों टीमों के बीच वर्ल्ड कप में नौवां मुकाबला होगा. लीग स्टेज में 7 मैच जीतकर भारत टेबल में टॉप पर रहा, जबकि न्यूजीलैंड ने आखिरी के 3 मैच हार गया और किसी तरह सेमीफाइनल में पहुंच गया.

ये मुकाबला ऐसी टीमों के बीच है, जो पिछले दो वर्ल्ड कप के फाइनल खेल चुकी हैं. फर्क बस इतना है कि 2011 में भारतीय टीम वर्ल्ड चैंपियन बनी थी, जबकि 2015 में न्यूजीलैंड फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था.

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वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड पड़ा है भारी

न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ऐसी टीमें हैं, जो सबसे ज्यादा 8 बार सेमीफाइनल तक पहुंची हैं. ऑस्ट्रेलिया तो हरा बार फाइनलमें पहुंचने में कामयाब रहा, लेकिन न्यूजीलैंड सिर्फ एक बार फाइनल में पहुंचा और हार गया. भारतीय टीम सातवीं बार सेमीफाइनल में पहुंची है. इसमें से 2 बार चैंपियन बन कर लौटी और एक बार फाइनल हारी.

दोनों टीमों के बीच अब तक 106 मैच खेले गए हैं, जिसमें टीम इंडिया का पलड़ा भारी है. भारत ने 55 बार न्यूजीलैंड को हराया है, जबकि 45 मैच में न्यूजीलैंड ने बाजी मारी. एक मैच टाई हुआ और 6 मैच का कोई नतीजा नहीं निकला.

हालांकि, वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड भारत से एक कदम आगे है. वर्ल्ड कप में दोनों टीमों के बीच 8 मुकाबले हुए जिसमें 4 न्यूजीलैंड के पक्ष में रहे और 3 भारत के, जबकि इसी वर्ल्ज कप का एक मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो गया था. इसमें भी इंग्लैंड में हुए सभी 3 मैचों में भारत को हार का सामना करना पड़ा.

दोनों टीमें 16 साल बाद वर्ल्ड कप में टकराएंगी. आखिरी बार 2003 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के सेंचुरियन में सुपर सिक्स मुकाबले में दोनों आमने-सामने थे और उसमें भारतीय टीम जीती थी.

एक नजर वर्ल्ड कप में दोनों टीमों के कुछ यादगार मुकाबलों पर.

1975 वर्ल्ड कप- 4 विकेट से हार

इंग्लैंड में हुए पहले वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ पहला मैच हारने के बाद भारत ने कमजोर ईस्ट अफ्रीका को आसानी से हराया. भारत का सामना अपने आखिरी ग्रुप मैच में 14 जून को मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड से हुआ.

भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 60 ओवरों में 230 रन पर ढेर हो गई. भारते का टॉप ऑर्डर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया. तीसरे नंबर पर आए अंशुमन गायकवाड़ ने 37 रन बनाए, लेकिन भारत को 230 तक पहुंचाने में सबसे बड़ा हाथ था सैय्यद आबिद अली का. आबिद ने 98 गेंदों पर 70 रन बनाए.

लक्ष्य ज्यादा बड़ा नहीं था और सामने टीम भी मजबूत थी. इसके बावजूद भारतीय गेंदबाजों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया. मदन लाल, बिशन सिंह बेदी और आबिद अली ने ज्यादा मौके नहीं दिए. हालांकि न्यूजीलैंड के दिग्गज कप्तान ग्लेन टर्नर एक छोर पर टिके रहे और बेहतरीन 114 रन बनाए.

भारतीय गेंदबाजों ने न्यूजीलैंड को संघर्ष करने के लिए मजबूर किया. इसके बावजूद भारतीय टीम 4 विकेट से हार गई. गेंदबाजी में भी आबिद हीरो रहे. उन्होंने 35 रन देकर 2 विकेट लिए.

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1987 वर्ल्ड कप- 16 रन से जीत

भारत बतौर वर्ल्ड चैंपियन इस वर्ल्ड कप में उतरा था और टूर्नामेंट का मेजबान भी था. इस वर्ल्ड कप में टीम पहली बार मजबूत दावेदार थी. टूर्नामेंट के आठवें मैच में भारत का सामना न्यूजीलैंड से बंगलुरु में हुआ.

न्यूजीलैंड के कप्तान जैफ क्रो ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और उनका फैसला सही साबित हुआ. भारत ने सिर्फ 21 रन के भीतर ओपनर श्रीकांत-सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर के विकेट गंवा दिए. लेकिन अपना पहला वर्ल्ड कप खेल रहे नवजोत सिंह सिद्धू पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और आक्रामक रुख बनाए रखा.

सिद्धू ने पहले अजहरुद्दीन और फिर रवि शास्त्री के साथ पारी को संभाला. सिद्धू ने 71 गेंद पर 75 रन बनाए. इसके बाद कमान संभाली कप्तान कपिल देव ने. आखिरी ओवरों में कपिल और किरण मोरे ने तूफानी पारियां खेली. कपिल ने 58गेंद में 72 और मोरे ने 26 गेंद में 42 रन बनाए और भारत का स्कोर 50 ओवर में 252रन तक पहुंचा.

न्यूजीलैंड की शुरुआत शानदार रही और सिर्फ 2 विकेट खोकर 146 रन बना लिए थे. यहीं पर शास्त्री ने खतरनाक दिख रहे केन रदरफोर्ड को 75 रन पर आउट कर दिया. इसके बाद तो मनिंदर सिंह, शास्त्री और प्रभाकर ने कसी हुई गेंदबाजी शुरू कर दी.

हालांकि एंड्रू जोंस (64) ने मैच को आखिर तक ले जाने की कोशिश की लेकर 225 के स्कोर पर उन्हें रन आउट कर भारत ने सारी उम्मीदें खत्म कर दी और मैच 16 रन से जीत लिया.

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1987 वर्ल्ड कप- 9 विकेट से जीत

इसी वर्ल्ड कप में एक बार फिर दोनों टीमों का आमना-सामना हुआ. ये मैच कई मायनों में भारत के लिए यादगार बन गया. इस मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को कोई मौका नहीं दिया और 9 विकेट से जीत दर्ज की. लेकिन ये मैच आज भी जाना जाता है चेतन शर्मा के लिए.

नागपुर में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग की, लेकिन अच्छी शुरुआत के बावजूद लगातार विकेट भी गिरते रहे. न्यूजीलैंड ने 41 ओवर में 5 विकेट पर 181 रन बना लिए थे. 42वें ओवर में आए चेतन शर्मा ने इस ओवर में इतिहास रच दिया.

182 के स्कोर पर शर्मा ने ओवर की आखिरी 3 गेंद पर 3 खिलाड़ियों को आउट कर वर्ल्ड कप में पहली हैट्रिक लेने का कारनामा किया. इस हैट्रिक में 2 बातें बेहद खास थी. शर्मा ने तीनों खिलाड़ियों को बोल्ड किया और उसमें भी तीनों के अलग अलग स्टंप को बिखेरा. शर्मा ने रदरफोर्ड का मिडिल स्टंप, फिर इयान स्मिथ का ऑफ स्टंप और आखिरी में चैटफील्ड का लेग स्टंप उड़ाया.

भारत को ऑस्ट्रेलिया से आगे निकलने के लिए इस मैच को 42 ओवर में खत्म करना था. लेकिन श्रीकांत और गावस्कर ने टीम को ऐसी शुरुआत दिलाई कि भारत ने 32.1 ओवर में ही मैच खत्म कर दिया.

श्रीकांत 58 गेंद में 75 रन बनाकर आउट हुए, जबकि गावस्कर ने 88 गेंद में 103 रन बनाए, जो उनके वनडे करियर का इकलौता शतक रहा. अजहर ने भी 41 रन बनाए और भारत ने 9 विकेट से मैच जीत लिया.

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2003 वर्ल्ड कप, 7 विकेट से जीत

ये वर्ल्ड कप में दोनों टीमों की आखिरी टक्कर थी. सेंचुरियन में हुए सुपर सिक्स के इस मुकाबले में दोनों टीमों की ओर से बेहतरीन तेज गेंदबाजी देखने को मिली.

सेंचुरियन की तेज पिच पर सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया.

जहीर खान ने हालात का फायदा उठाया और पहले ओवर में ही न्यूजीलैंड को बिना खाता खोले ही 2 झटके दे दिए. जहीर ने दूसरी गेंद पर क्रेग मैक्मिलन को और फिर तीसरी गेंद पर नाथन एस्टल को आउट कर दिया. स्टीफन फ्लेमिंग (30) ने कुछ कोशिश की, लेकिन जहीर, नेहरा और श्रीनाथ के सामने सब बेबस नजर आए. 60 रन तक ही आधी टीम आउट हो गई. 

लोअर ऑर्डर ने कुछ रन बनाए और 45.1 ओवर में न्यूजीलैंड 146 रन पर ढेर हो गया. जहीर खान ने 42 रन देकर 4 विकेट लिए.

भारत की शुरुआत भी खराब रहीऔर शेन बॉन्ड की तूफानी गेंदों के सामने सहवाग और गांगुली चौथे ओवर तक पैवेलियन लौट गए. छठे ओवर में डैरेल टफी ने तेंदुलकर को भी आउट कर दिया और भारत ने 21 रन पर 3 विकेट खो दिए.

इसके बाद आए मोहम्मद कैफ और राहुल द्रविड़ ने संभल कर खेलना शुरू किया और फिर कोई और विकेट नहीं गिरा. दोनों ने हाफ सेंचुरी जड़ी. कैफ के 68 और द्रविड़ के 53 रनों की बदौलत भारत ने 40.4 ओवरों में मैच जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया.

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इन मैचों के अलावा दोनों टीमें 1979 में भी भिड़ी थीं, जहां न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से जीत दर्ज की थी. वहीं 1992 में भारत को एक बार फिर 4 विकेट से हार मिली थी. इंग्लैंड में आखिरी बार 1999 में हुए वर्ल्ड कप में दोनों टीमें नॉटिंघम में भिड़ी थीं, जहां भारत को 5 विकेट से हार का मुंह देखना पड़ा.

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