भारत और श्रीलंका के बीच गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में तीन मैचों की टी-20 सीरीज का पहला मैच 5 जनवरी को खेला जाएगा. इस सीरीज में भारत के दो दिग्गजों- शिखर धवन और जसप्रीत बुमराह पर निगाहें रहेंगी, जो चोट के बाद वापसी कर रहे हैं.
वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ने टी-20 और वनडे सीरीज दोनों में जीत हासिल की थी. इसके बाद टीम ब्रेक पर थी और अब नए साल की शुरुआत वो जीत के साथ करना चाहेगी.
श्रीलंका की मौजूदा टीम को देखा जाए हर हाल में भारत का पलड़ा उस पर भारी लग रहा है. हालांकि यह टी-20 है और खेल के इस सबसे छोटे प्रारूप में कोई भी टीम किसी भी को हरा सकती है. यही इस प्रारूप की खूबी है.
धवन चोट की वजह से टीम से बाहर थे. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में शतक जमाकर अपनी फिटनेस तो साबित कर दी है. अब सवाल यह है कि क्या धवन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसी फॉर्म को जारी रख पाएंगे? उन पर जिम्मेदारी भी बड़ी है क्योंकि चयनकर्ताओं ने इस सीरीज के लिए उप-कप्तान रोहित शर्मा को आराम दिया है. रोहित इस समय फॉर्म में हैं और धवन के ऊपर उनकी कमी पूरी करने की जिम्मेदारी है.
वहीं दूसरे सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल के लिए भी यह सीरीज अपने आप को साबित करने का एक और मंच है. वेस्टइंडीज के खिलाफ दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने रोहित के साथ मिलकर टीम को मजबूत शुरुआत दी थी. धवन के साथ भी उन्हें यही करना होगा लेकिन साथ ही निजी तौर पर तीसरे सलामी बल्लेबाज के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत भी करना होगा.
बुमराह भी जुलाई में वेस्टइंडीज दौरे पर चोटिल हो गए थे. उसके बाद से यह उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय सीरीज है.
बुमराह के लिए यह सीरीज और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जाने वाली वनडे सीरीज एक परीक्षा है जो उन्हें न्यूजीलैंड दौरे के लिए देनी है. गेंदबाजी में कुंद हुई धार को बुमराह यहां तेज और पैनी करना चाहेंगे.
इन दोनों के अलावा नवदीप सैनी, शार्दुल ठाकुर के लिए भी मौका है कि वह मौजूदा समय में बैकअप गेंदबाज के तौर पर ही सही लेकिन अपनी दावेदारी पुख्ता करें. हमेशा की तरह विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत भी जाहिर तौर पर एक और परीक्षा से गुजरेंगे. दूसरी तरफ श्रीलंका के लिए इस समय हर सीरीज कड़ी परीक्षा है.
कप्तान लसिथ मलिंगा के नेतृत्व में भारत आई श्रीलंका ने टीम में अनुभवी खिलाड़ी एंजेलो मैथ्यूज को वापस बुलाया है.
उसके पास निरोशन डिकवेला, कुशल मेंडिस, धनंजय डी सिल्वा जैसे कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन क्या ये सभी भारतीय जमीन पर श्रीलंका के बुरे इतिहास को बदलने में सक्षम हैं, इस पर संदेह लगता है.
कुल मिलाकर दोनों टीमें नए साल में विजयी शुरुआत चाहेंगी और इसी साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप की तैयारियों पर ध्यान देंगी.
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