वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
मुंबई इंडियंस ने रिकॉर्ड 5वीं बार आईपीएल ट्रॉफी जीतकर ना सिर्फ इस टूर्नामेंट में इतिहास रचा बल्कि वो सबसे ज्यादा टी20 ट्रॉफी जीतने वाली टीम भी बन गई है. इससे पहले वेस्टइंडीज के ट्रिनबागो नाइट राइडर्स ने 4, इंग्लिश काउंटी लेस्टरशर ने 3, पर्थ स्कॉर्चर ने 3 और चेन्नई सुपर किंग्स ने भी 3 टी20 ट्रॉफी जीती थी.
लेकिन, मुंबई की जीत की सबसे बड़ी वजह है बल्लेबाजी करते हुए पहली 36 गेंदें यानी पावरप्ले का खेल. यहां पर मुंबई के पास क्विंटन डी कॉक जैसा आक्रामक बल्लेबाज है, जो अपनी निजी रिकॉर्ड की परवाह नहीं करता है. साउथ अफ्रीका के डी कॉक ने इस सीजन पावर-प्ले में 16 मैचों के दौरान 309 रन बनाये. जो सबसे ज्यादा रहे और इसके चलते मुंबई को हर बार धारदार शुरुआत मिली.
आखिरी 5 ओवर्स में डेथ ओवर्स की बल्लेबाजों में हार्दिक पंड्या और पोलार्ड का तोड़ तो किसी भी टीम के पास नहीं था. इन्हीं दोनों के चलते मुंबई ने पूरे टूर्नामेंट में 137 छक्के लगाये और दूसरी नंबर पर राजस्थान रॉयल्स से इस मामले में उन्होंने 34 छक्के ज्यादा लगाये.
गेंदबाजी के डेथ ओवर्स में भी मुंबई के पास जसप्रीत बुमराह जैसा गेंदबाज था. दरअसल, मुंबई के खिलाड़ियों को ना तो बल्लेबाजों के ओरेंज कैप यानि सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज(के एल राहुल) पर ध्यान होता है और ना ही पर्पल कैप यानि सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज(इस बार कगीसो रबादा के नाम ये रिकॉर्ड रहा) , उनका ध्यान हर कीमत पर कप जीतने पर होता है और उनके खिलाडियों को निजी रिकॉर्ड की परवाह नहीं होती है.
डेथ ओवर की गेंदाबजी में भी मुंबई के पास ट्रैंट बोल्ट जैसा गेंदबाज था. बोल्ट का जितनी खूबसूरती से इस्तेमाल मुंबई ने किया ये उनकी शानदार सोच को दर्शाता है. बोल्ट की जिम्मेदारी थी नई गेंद से विकेट झटककर देना और उन्होंने पावर-प्ले के दौरान 16 विकट झटके जो टूर्नामेंट क इतिहास में साझा तौर पर सबसे उम्दा रहें हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो मुंबई के पास तरकश में वो हर तीर मौजूद थे. जिससे विरोधी को किसी भी समय कहीं भी धराशायी किया जा सकता है और हर सीजन वो यही काम दोहराते दिख रहें हैं.
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