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RR Vs PBKS: क्या गेल के लिए IPL 2021 होगा आखिरी और सबसे यादगार?  

क्रिस गेल ने IPL में कई बार दिखाया अपना खेल, लेकिन अपनी टीम को ताज नहीं पहना पाए

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क्रिकेट भी एक बेहद दिलचस्प किस्म का खेल हैं जहां पर असली महानता की कसौटी को आंकने के लिए अलग-अलग तरह के पैमाने का इस्तेमाल अलग-अलग दौर में होता आया है. टेस्ट क्रिकेट में सर डॉन ब्रैडमैन की महानता पर कोई विवाद नहीं है क्योंकि उनके आंकड़े ना भूतो ना भविष्यति वाले हैं तो साथ ही हर मुल्क के खिलाफ उनके देश ने उनके दौर में जीत हासिल की. वन-डे क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर की महानता पर असली मुहर तब तक नहीं लगी जब तक कि उन्होंने वर्ल्ड कप जीताने में योगदान नहीं दिया.

आधुनिक युग में टी-20 फॉर्मेट में गेल की अहमियत वही है जो ब्रैडमैन की टेस्ट और सचिन की वन-डे में है. वैसे तो गेल 2 बार वेस्टइंडीज के लिए वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रह चुके हैं लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग में गेल किसी भी टीम के साथ खिताबी जीत का हिस्सा नहीं रह पाए हैं.

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असाधारण खिलाड़ी की अधूरी CV

ये बात गेल जैसे असाधारण खिलाड़ी की CV के साथ मेल नहीं खाती है. आखिर जिस खिलाड़ी ने दुनिया में सबसे ज़्यादा टी20 टीमों की तरफ से खेला हो, सबसे ज़्यादा रन बनाये हों, सबसे ज़्यादा छक्के जड़ें हो और सबसे धुरंधर बल्लेबाज रहा हो तो वो 13 साल में किसी भी टीम को अपने बूते पर आईपीएल क्यों नहीं जीता पाया?

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‘गेल का खेल वाला युग’

बहुत कम फैंस को शायद ये बात याद हो कि आईपीएल के पहले सीजन में अनफिट होने के चलते गेल एक भी मैच कोलकाता के लिए नहीं खेल पाये ते और इसके बाद अगले 2 साल भी वो बस आये और खेल कर चले गये. कोई खास धमाका नहीं कर पाये. लेकिन, 2011 से 2013 के तीन साल को आईपीएल के इतिहास में ‘गेल का खेल वाला युग’ के तौर पर हमेशा याद किया जायेगा. इस दौरान उन्होंने 608,733 और 708 रन करीब 67, 61 और 59 की औसत और 183,160 और 156 वाले स्ट्राइक रेट से बनाए.

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41 साल की उम्र में भी 21 साल के यौवन का एहसास

ये सच है कि गेल में अब पुराना वाला दमखम नहीं रहा है लेकिन बदलते वक्त के साथ उन्होंने खुद को अपडेट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. पिछले साल पंजाब के लिए 288 रन(औसत 41- स्ट्राइक रेट 137 ), 490 रन (औसत 41- स्ट्राइक रेट 153) 2019 में और 368 रन (औसत 41 और स्ट्राइक रेट 146) 2018 में, इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि बढ़ती उम्र ने उनके खेल में गिरावट को अचानक ही प्रवेश करने नहीं दिया है.

तो क्या बात है जो गेल को 41 साल की उम्र में भी 21 साल के यौवन का एहसास देती है? “ ये है मन की इच्छा-शक्ति. दिमाग अभी भी चाहता है कि मैं क्रिकेट के मैदान में रहूं. खेलते हुए रहते मैं लुत्फ उठाना चाहता हूं.,” गेल ने ये बात पिछले महीने कुछ कैरेबियाई पत्रकारों के साथ बातचीत में कही.
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“अबे, कितनी ट्रॉफी आईपीएल में अपनी टीम को जिताई!”

पंजाब की मौजूदा टीम के सबसे युवा खिलाड़ी 20 साल के रवि बिशनोई का तभी जन्म भी नहीं हुआ था जब गेल ने सितंबर 1999 में अपने अंत्तराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक 2 मौके पर , वन-डे में दोहरा शतक 1 बार और टी20 में भी शतक जड़ने वाले गेल इकलौते बल्लेबाज है और इतने सालों तक निरंतरता कायम रखने मात्र से ही वो महानतम की रेस में काफी आगे हैं. लेकिन, इन सबसे बावजूद गेल को एक कमी बहुत अखरती है. अपने साथी किरान पोलार्ड और ड्वेन ब्रावो के मजाकिया तानों पर उन्हें खामोश हो जाना पड़ता है जब वो दोनों कहते हैं- अबे, कितनी ट्रॉफी तुमने आईपीएल में अपनी टीम को जिताई!

गेल पिछले साल दोनों दोस्तों को चुप कराने के बेहद करीब आ गये थे. पहले 7 मैचों में जब वो खेले नहीं तो उनकी टीम को सिर्फ 1 जीत मिली. लेकिन, जैसे ही वो वापस टीम में आये लगातार 5 मैच जिता डाले और अचानक से ही उनकी टीम प्ले ऑफ की दावेदार में शामिल हो गई.

एक बात और अहम रही कि गेल ने 2020 में 288 रन (137.14 के स्ट्राइक रेट से) बतौर ओपनर ना होकर तीसरे नंबर के बल्लेबाज़ के तौर पर बनाये. अब सोचिए कि इस फॉर्मेट का सबसे महान बल्लेबाज जिसने ताउम्र (लगभग 400 टी20 मैच) ओपनिंग की, उसने एक मिनट भी इस बात की परवाह नहीं की जब कोच अनिंल कुंबले ने टीम हित में उन्हें नीचे बल्लेबाजी करने का आग्रह किया. “ ऐसा लगता है कि अब मैं नंबर 3 स्पेशलिस्ट हो गया हूं. मुझे 1 , 3 या 5 से फर्क नहीं पड़ता है. मैं जिस नंबर पर भी बल्लेबाजी करूं, मैं उसका सर्वश्रैष्ठ बल्लेबाज़ होना चाहता हूं,” ये कहना था गेल का.

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निर्दयी फॉर्मेट कहां करती है महानता का सम्मान?

रिकॉर्ड और उपल्बधियों के मामले में टी20 फॉर्मेट में गेल के पास शायद ही कोई फटक पाये. 1000 से ज्यादा छक्के लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज, आईपीएल में सबसे ज़्यादा 349 छक्के लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज़ (अगला नंबर एबी डिविलियर्स का है जो 250 भी नहीं पार कर पायें हैं) हैं. लेकिन, इन सबके बावजूद गेल को 1 नहीं 2 बार आईपीएल में टीमों ने नंजरअंदाज किया. बहरहाल, गेल जानते हैं कि निर्दयी फॉर्मेट और हर साल दमदार खेल दिखाने की कॉर्परेट वाली मानसिकता महानता का सम्मान भला कहां करती हैं. इसलिए, वो अपने दम पर हर बार एक और यादगार वापसी करते हैं. “ मैं कोशिश करता हूं कि मेरा दिमाग हमेशा साफ रहे. स्वच्छ मन ही आपको इस बात की आजादी देता है कि आप जो भी चाहें वो करें.”

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आलोचकों और फैंस को अक्सर छकाते हैं गेल

दरअसल, कई मायनों में गेल आलोचकों और फैंस को धोखा देने की कोशिश करते हैं. उन्होंने शायद जानबूझकर एक मदमस्त, दिलफेंक, शरारती और हमेशा किशोरावस्था में जीने वाले शख्स की ऐसी छवि मीडिया के सामने रखी है कि उनके खेल का आकलन गंभीरता से करने में हर कोई सहज ना हो. अगर वो भांगड़ा करने में उतने ही सहज है जितना कि बिना स्टेप आउट करके छक्के लगाने में, अगर वो सपना चौधरी की गाने पर एकदम ठेठ हरियाणवी की तरह थिरक सकते हैं तो बिना चेहरे पर भाव लाए वो दुनिया के शानदार गेंदबाजों की पिटाई भी कर सकतें हैं. ये सब तो एक जीनियस ही कर सकता है.

लेकिन, आईपीएल में गेल की महानता और विरासत शयाद तब तक अधूरी ही मानी जाएगी जबतक कि वो एक आईपीएल जीतने वाली टीम का हिस्सा हों. ना गेल ना तो उनकी टीम पंजाब ने एक बार भी ये ट्रॉफी जीती है. क्या 2021 गेल खुद के सपने और अपनी टीम के सपने को अंजाम तक ले जाने में कामयाब होंगे? अगर ऐसा होता है तो आईपीएल में संभवत: उनका आखिरी सीजन शायद सबसे यादगार बन जाए!

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