वीडियो जर्नलिस्टः अत्हर
वीडियो एडिटरः संदीप सुमन
कोरोनावायरस के बढ़ते असर ने देश के सबसे ग्लैमरेस क्रिकेट टूर्नामेंट आईपीएल को भी अपना शिकार बना ही लिया. अब इंडियन प्रीमियर लीग का नया सीजन 29 मार्च नहीं, 15 अप्रैल के बाद शुरू होगा. देश भर में आयोजनों पर लग रही रोक, विदेशों से आने वाले खिलाड़ियों को लेकर छिड़ी बहस और एडवाइजरी की शक्ल में आने वाले सरकार के फरमानों के सामने आखिरकार BCCI को भी झुकना ही पड़ा.
आईपीएल को फिलहाल 18 दिन के लिए टाल दिया गया है. ये आईपीएल के इतिहास में पहली बार है कि आईपीएल का शेड्यूल बदला गया है.
लेकिन BCCI को ये कदम उठाने में बड़ा वक्त लगा. शुरुआत में तो BCCI के लिए ये कोई मुद्दा ही नहीं था. खुद BCCI के बॉस सौरव गांगुली से 4 मार्च को बोर्ड की एक मीटिंग के बाद कोरोनावायरस को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि बोर्ड ने उस पर कोई चर्चा ही नहीं की. इसके बाद भी गांगुली ने 2-3 बार दोहराया कि लीग अपने वक्त से शुरू होगी.
लेकिन इसके बाद हालात बदले. पहले सरकार ने विदेशियों पर 15 अप्रैल तक वीजा पाबंदियां लगाईं, जिसके कारण विदेशी खिलाड़ियों के शामिल होने को लेकर सवाल उठने लगे. फिर खेल मंत्रालय की एडवाइजरी आई जिसमें कहा गया कि “अगर कोई स्पोर्ट्स इवेंट होना है तो वो हो सकता है, लेकिन एक साथ भारी भीड़ जमा नहीं होनी चाहिए.” यानी बिना दर्शकों के ही मैच करवाइए.
इसका असर भी दिखा. BCCI ने भारत और साउथ अफ्रीका के बीच होने वाले दूसरे और तीसरे वनडे मैच को खाली स्टेडियम में ही कराने का फैसला लिया.
BCCI के पास थे कुछ विकल्प?
अब जब सबकी निगाहें 14 मार्च को होने वाली IPL गवर्निंग काउंसिल मीटिंग पर थीं, तो उससे पहले ही BCCI ने बड़ा फैसला लिया औऱ 15 अप्रैल तक लीग को टाल दिया. लीग टालने के अलावा भी वैसे BCCI के पास कुछ विकल्प थे-
- पूरा IPL सीजन रद्द किया जाए- सभी टीमें और मैचों का insurance रहता है, फिर भी ये BCCI के लिए बिल्कुल आखिरी रास्ता होता क्योंकि इसमें कई पेंच भी है.
- IPL को छोटा किया जाए- ये एक बेहतर विकल्प दिखता है. दुनियाभर के हालात देखते हुए 2 महीने का टूर्नामेंट बहुत समझदारी भरा नहीं लगता. लीग को छोटा किया जाए और सिर्फ 1 राउंड के मैच खेले जाएं.
- Closed-door में मैच खेले जाएं यानी लीग अपने टाइम पर शुरू हो और सभी मैच बिना दर्शकों के हों तो BCCI ने लीग टालने का रास्ता क्यों चुना?
इसका बड़ा कारण विदेशी खिलाड़ियों की कमी को माना जा सकता है. वीजा में पाबंदियों के कारण विदेशी खिलाड़ियों का 15 अप्रैल तक भारत आना मुश्किल था और उनके बिना IPL अधूरा है. आप सोचिए एबी डिविलियर्स, ग्लेन मैक्सवेल, पैट कमिंस, कीरन पोलार्ड, आंद्रे रसेल जैसे खिलाड़ियों के बिना लीग का रोमांच कितना अधूरा लगेगा. ऐसे में BCCI ने भी 15 अप्रैल तक लीग को टालने का फैसला किया.
एक IPL फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने IANS से यही बात कही-
“अगर हमारे चार विदेशी खिलाड़ी नहीं होंगे तो आईपीएल अपना रोमांच खो देगा क्योंकि भारतीय सितारों की तरह ही वो भी हमारी टीम का अहम हिस्सा हैं.”
सवाल, जिनके नहीं मिले जवाब
BCCI ने भले ही 15 अप्रैल तक आईपीएल को टाला हो लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं-
- 15 अप्रैल के बाद लीग का स्ट्रक्चर क्या होगा?- 29 मार्च से शुरू होने वाला IPL 57 दिन तक चलना था और 24 मई को फाइनल के साथ खत्म होना था. इस दौरान 60 मैच खेले जाने थे. तो क्या 15 अप्रैल के बाद लीग शुरू होने की स्थिति में सभी 60 मैच खेले जाएंगे या कुछ कमी होगी?
- क्या दर्शकों को मिलेगी एंट्री?- एक सवाल और है. 15 अप्रैल के बाद जब लीग दोबारा शुरू होगी, तो क्या दर्शकों को एंट्री दी जाएगी? या मैच क्लोज्ड डोर में ही खेले जाएंगे? वैसे फ्रेंचाइजी तो 29 मार्च से ही क्लोज्ड डोर में खेलने के लिए भी तैयार थीं.
- इंटरनेशनल शेड्यूल से कैसे बैठेगा तालमेल?- 24 मई को लीग का फाइनल होना तय है और उसके बाद भारत समेत सभी टीमों के पहले से तय बाई-लेटरल सीरीज हैं. BCCI कैसे उससे तालमेल बैठाएगी? क्या लीग की तारीखें आगे बढाई जाएंगी? या फिर एक ही दिन में 2 मैच करवाए जाएंगे, जिससे BCCI इस साल बच रही थी.
फिलहाल सभी की नजरें IPL गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग पर टिकी हैं.. जिसमें इन सब सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है.
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