इरफान पठान ने शनिवार 4 जनवरी को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है. इरफान ने दिसंबर 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था.
अपने करियर के खत्म होने पर इरफान ने कहा, ‘‘लोग 27-28 साल की उम्र में अपना करियर शुरू करते हैं और मेरा करियर तब समाप्त हो गया जब मैं 27 साल का था और मुझे इसका अफसोस है.’’
इरफान जब 19 साल के थे तब उन्होंने 2003 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की तरफ से पहला मैच खेला था. उन्होंने अपना आखिरी मैच 2012 में श्रीलंका के खिलाफ विश्व टी20 में खेला था.
35 वर्षीय इरफान ने बताया कि जब 27 साल में उनका करियर खत्म हुआ था, तब उन्होंने 301 अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल कर लिए थे. लेकिन उनका करियर वहीं पर खत्म हो गया और उन्हें इस बात का अफसोस है.’’
मैं चाहता था कि मैं और मैच खेलूं और अपने विकेटों की संख्या 500-600 तक पहुंचांऊ और रन बनाऊं लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.इरफान पठान
‘ज्यादा मौके नहीं मिले’
इरफान ने कहा, ‘‘सत्ताईस वर्षीय इरफान पठान को अपने करियर के चरम पर ज्यादा मौके नहीं मिले. जो भी कारण रहे हों ऐसा नहीं हुआ. कोई शिकायत नहीं है लेकिन जब पीछे मुड़कर देखता हूं तो खेद होता है. ’’
पठान ने कहा कि 2016 में पहली बार उन्हें लगा कि अब वो फिर से कभी भारत की तरफ से नहीं खेल पाएंगे.
मैं 2016 के बाद समझ गया कि मैं वापसी नहीं करने वाला हूं जबकि मैंने तब मुश्ताक अली ट्राफी में सर्वाधिक रन बनाये थे. मैं सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर था और जब मैंने चयनकर्ताओं से बात की तो वे मेरी गेंदबाजी से बहुत खुश नहीं थे.इरफान पठान
बड़ौदा में जन्में पठान को पर्थ में 2008 में शानदार प्रदर्शन के लिये मैन आफ द मैच चुना गया लेकिन इसके बाद वह केवल दो टेस्ट ही और खेल पाये.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग पर्थ टेस्ट की बात करते हैं और अगर लोग पूरे आंकड़ों पर गौर करें तो इसके बाद मैं केवल एक टेस्ट (असल में दो टेस्ट) ही और खेला. मैं उस मैच में ‘मैन आफ द मैच’ था लेकिन फिर मुझे मौके नहीं मिले. यहां तक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने आखिरी मैच में मैं आलराउंडर के रूप में खेला था. मैंने नंबर सात पर बल्लेबाजी की थी.’’
करीब 9 साल के अपने करियर में इरफान ने भारत के लिए 28 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मैच खेले और 301 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए
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