भारत को पहला विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव की एंजियोप्लास्टी सफल रही है और यह महान खिलाड़ी स्वास्थ है. कपिल अब गोल्फ कोर्स पर जाने के बारे में सोच रहे हैं. कपिल 1983 विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे. इस टीम के खिलाड़ियों का एक व्हॉट्सएप ग्रुप है. इस ग्रुप में कपिल की टीम के पूर्व साथियों ने उन्हें जल्दी स्वास्थ होने के लिए शुभकामनाएं दीं.
कपिल ने इन सभी दुआओं के जवाब में लिखा,
“मैं अच्छा हूं और अब अच्छा कर रहा हूं. तेजी से स्वास्थ होने के रास्ते पर हूं. गोल्फ खेलने का इंतजार नहीं कर पा रहा. आप लोग मेरा परिवार हो. धन्यवाद.”
दिल्ली के फोर्टिस में हुई एंजियोप्लास्टी
विश्व कप विजेता टीम के एक सदस्य ने कहा, "बड़े दिल वाला इंसान, कपिल, जल्दी से ठीक हो रहे हैं. अपने चरित्र के मुताबिक, उन्होंने मुश्किल समय को बदल दिया." कपिल देव की शुक्रवार को यहां दक्षिणी दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में सफल आपातकालीन कोरोनरी एंजियोप्लास्टी हुई.
अस्पताल ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 61 साल के कपिल को गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने के बाद भर्ती कराया गया था. अस्पताल ने आगे बताया कि कपिल की हालत स्थिर है और अगले कुछ दिनों में उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी.
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के कार्डियलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. अतुल माथुर के अनुसार कपिल को देर रात 1 बजे भर्ती कराया गया था, जहां बाद में उनकी इमर्जेंसी कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की गई. अस्पताल ने एक बयान में कहा,
“ पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव को सीने में दर्द की शिकायत के बाद दिल्ली के ओखला में फोर्टिस अस्पताल में गुरुवार देर रात 1 बजे भर्ती कराया गया था. बाद में डॉ. अतुल माथुर की निगरानी में उनकी इमर्जेंसी एंजियोप्लास्टी की गई.”
बयान में आगे कहा गया है कि फिलहाल कपिल आईसीयू में हैं और डॉ. अतुल माथुर और उनकी टीम की निगरानी में हैं. कपिल की हालत स्थिर है और उन्हें कुछ दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर ने आईएएनएस से कहा, " उन्हें गुरुवार रात को अस्पताल लाया गया था. उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी. जांच के बाद रात में ही एंजियोप्लास्टी की गई. अब वह स्थिर हैं. आम तौर पर छुट्टी देने से पहले मरीज को 48 से 72 घंटे तक अस्पताल में रखा जाता है."
डॉक्टर ने साथ ही कहा कि दिग्गज क्रिकेटर को लंबे समय से शुगर की समस्या थी. उन्होंने कहा,
“मधुमेह के रोगी में रक्त वाहिकाओं में अधिक कैल्शियम जमा होता है. इसलिए, यह एक ऐसा मुद्दा है जो कि जियोप्लास्टी से गुजरने वाले रोगियों के लिए हो सकता है. लेकिन वह स्थिर हैं.”
1994 में लिया था संन्यास
किसी समय टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले कपिल देव ने 1994 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. वह छह साल तक सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बने हुए थे. उनके बाद इंग्लैंड के कॉर्टनी वाल्श ने उनका रिकॉर्ड तोड़ा था.
कपिल देव की कप्तानी में ही भारत ने 1983 में पहली बार विश्व कप जीता था. कपिल ने भारत के लिए 131 टेस्ट और 225 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश : 5248 और 3783 रन बनाए हैं. उन्होंने इसके अलावा 275 प्रथम श्रेणी मैच और 310 लिस्ट-ए मैच भी खेले हैं.
कपिल ने 16 अक्टूबर 1978 को फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की थी. इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 1978 को क्वेटा में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया था.
कपिल ने अपना आखिरी टेस्ट मार्च 1994 में हेमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ जबकि अपना आखिरी वनडे अक्टूबर 1978 को फरीदाबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था.
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