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IPL Final: KKR ट्रॉफी की कितनी दावेदार? फाइनल तक सफर बता रहा मजबूत और कमजोर पक्ष

IPL का फाइनल मुकाबला 26 मई को कोलकाता नाइटराइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच चेन्नई में खेला जाएगा.

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आईपीएल 2024 (IPL 2024) का कारवां अब आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है. IPL का निर्णायक और फाइनल मुकाबला रविवार, 26 मई को कोलकाता नाइटराइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच चेन्नई में खेला जाएगा. इस सीजन कोलकाता की टीम तीन साल बाद आईपीएल के प्लेऑफ में पहुंची. इसके साथ ही वह क्वालीफायर मुकाबले में हैदराबाद को आठ विकेट से हराते हुए फाइनल में पहुंची है.

कोलकाता की टीम आखिरी बार 2021 में फाइनल में पहुंची थी लेकिन उसे चेन्नई सुपरकिंग्स के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. अब कोलकाता की नजर इस साल ट्राफी जीतने पर होगी.

इसी सिलसिले में हम जानते हैं कि कोलकाता को फाइनल जीतने के लिए कौन सी रणनीति अपनानी पड़ेगी. इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे कि टीम का मजबूत और कमजोर पक्ष क्या है.

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कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम 12 मैचों में ही नौ मैच जीतकर प्लेऑफ में क्वालीफाई कर गई थी. कोलकाता के लीग चरण के आखिरी दो मैच मौसम खराब हो जाने की वजह से रद्द हो गए थे, जहां उन्हें एक-एक अंक मिले थे.

कैसा रहा इस सीजन टीम का प्रदर्शन?

कोलकाता नाइटराइडर्स का प्रदर्शन इस सीजन काफी शानदार रहा है. कोलकाता ने इस सीजन छह बार दो सौ से ज्यादा का स्कोर बनाया है. जिसमें पांच बार पहले बल्लेबाजी करते हुए 200 रनों का आंकड़ा पार किया है.

कोलकाता ने अपने शुरुआती तीन मैचों में जीत दर्ज की. चौथे मैच में उसे चेन्नई से हार का सामना करना पड़ा. टीम को पांचवे में जीत और फिर छठे मैच में हार मिली. इसके बाद सातवें मैच में फिर जीत दर्ज की लेकिन आठवें मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद नौवें मुकाबले में वापसी करते हुए फाइनल में जगह बनाई.

टीम का मजबूत पक्ष क्या रहा है?

कोलकाता की टीम इस साल बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी तक हर क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन करते हुए नजर आई है. आईए एक- एक कर टीम के मजबूत पक्ष को समझते हैं.

फिल सॉल्ट- सुनील नरेन की जोड़ी

यदि बल्लेबाजी की बात करें तो कोलकाता के दोनों ओपनर बैटर, फिल सॉल्ट और सुनील नरेन का प्रदर्शन शानदार रहा है. फिल सॉल्ट ने इस सीजन 12 मैचों में 182 की स्ट्राइक रेट से 435 रन बनाएं हैं. हालांकि वह अब टीम में उपलब्ध नहीं हैं. वो इंग्लैंड की टीम के साथ वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिए अपने देश वापस चले गए है.

वहीं सुनील नरेन ने 13 मैचों में 179.85 की स्ट्राइक रेट से 482 रन बनाएं हैं.

मिडिल ऑर्डर एक मजबूत पक्ष

कोलकाता का मिडिल ऑर्डर भी इस सीजन शानदार रहा है. मिडिल ऑर्डर के लगभग सभी बल्लेबाजों ने टीम के जरूरत के अनुसार प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाई है. टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर, वेंकटेश अय्यर, आंद्रे रसेल से लेकर रिंकु सिंह ने टीम के प्रदर्शन में अपना योगदान दिया है. इस सीजन श्रेयस अय्यर ने 345, वेंकटेश अय्यर ने 318, आंद्रे रसेल ने 222 और रिंकु सिंह ने 168 रनों का योगदान दिया है.

गेंदबाजों का कमाल प्रदर्शन

कोलकाता के लिए गेंदबाजी का नेतृत्व वरुण चक्रवर्ती कर रहे हैं. चक्रवर्ती इस सीजन 20 विकेट लेने के साथ ही पर्पल कैप की रेस में तीसरे स्थान पर हैं. वहीं हर्षित राणा 17 विकेट के साथ विकेट लेने वालों की सूची में 10वें नंबर पर है. वहीं सुनील नरेन अब तक 16 विकेट ले चुके हैं.

मिचेल स्टार्क की वापसी

कोलकाता के लिए अभी सबसे अच्छी बात यह रही है कि मिचेल स्टार्क फॉर्म में वापस आ गए हैं. आईपीएल 2024 के ऑक्शन में दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी रहे मिचेल स्टार्क इस सीजन के शुरुआती मैचों में प्रदर्शन काफी खराब रहा था. हालांकि क्वालीफायर मैच में स्टार्क के प्रदर्शन देख कोलकाता को और मजबूती मिली है.

मिचेल स्टार्क ने इस सीजन अभी तक 13 मैचों में 15 विकेट लिए हैं.

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मेंटर के रूप में गंभीर की वापसी

कोलकाता नाइटराइडर्स को दो बार टीम को चैंपियन बना चुके टीम के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर की मेंटर के रूप में वापसी से कोलकाता में एक विशेष मजबूती दिख रही है. इस सीजन चाहे बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, टीम हर क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन करती नजर आई है.

कोलकाता के ओपनर बैटर फिल सॉल्ट के साथ सुनील नरेन से पारी की शुरुआत कराना गंभीर की ही रणनीति थी. इस रणनीति से टीम को एक अतिरिक्त हिटर बल्लेबाज मिल गया है. सुनील नरेन के ओपन करने से टीम को इस सीजन एक मजबूत शुरूआत मिली है.

टीम को कमजोर पक्ष क्या है?

कोलकाता नाइटराइडर्स के इस सीजन के प्रदर्शन को देखा जाए तो ज्यादा कमजोर पक्ष नहीं रहा है. हां लेकिन यह माना जा सकता है कि फिल सॉल्ट के टीम में नहीं होना कोलकाता के लिए थोड़ा चिंता का विषय है. कोलकाता ने सॉल्ट के बिना अपना क्वालीफायर का मैच खेला था, जहां उनकी जगह रहमतुल्लाह गुरबाज ने टीम को शुरुआत दिलाई थी.

कई पूर्व क्रिकेटर गुरबाज को कोलकाता की कमजोर कड़ी मान रहे थे, हालांकि जिस हिसाब से उन्होंने क्वालीफायर मैच में हैदराबाद के खिलाफ फ्रंट फुट पर आकर बल्लेबाजी की, इससे कोलकाता ने राहत की सांस ली होगी.

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कोलकाता टीम के मुख्य गेंदबाज मिचेल स्टार्क उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर रहे थे. हालांकि क्वालीफायर मैच में स्टार्क के प्रदर्शन से टीम मैनेजमेंट को यह शिकायत खत्म हो गई होगी.

कोलकाता के इस सीजन के प्रदर्शन को देखते हुए लगता है कि वह इस साल ट्रॉफी अपने नाम कर सकती है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि टीम ने इस सीजन एक शानदार खेल दिखाया है.

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