मद्रास हाई कोर्ट ने अदालत की अवमानना (Contempt of Court) के लिए आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार को 15 दिन की कारावास की सजा सुनाई है. यह याचिका पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने दायर की थी, जिन्होंने इस अधिकारी पर सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाई कोर्ट दोनों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.
न्यायमूर्ति एस एस सुंदर और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की पीठ ने संपत कुमार को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका देने के लिए सजा को 30 दिनों के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था.
यह है पूरा मामला
यह मामला 2014 का है, जब धोनी ने संपत कुमार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था. संपत कुमार ने शुरुआत में 2013 के आईपीएल सट्टेबाजी मामले को संभाला था. यह मुकदमा संपत कुमार के लगाए गए उन आरोपों के जवाब में था, जिसमें धोनी को इस घोटाले से जोड़ा गया था.
संपत कुमार ने एक लिखित बयान में सुप्रीम कोर्ट पर कानून के शासन से भटकने का आरोप लगाया था और जस्टिस मुद्गल समिति की रिपोर्ट को संभालने पर सवाल उठाया था, जिसे 2013 के मैच फिक्सिंग के आरोपों की जांच के लिए बनाया गया था.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो से कुछ दस्तावेजों को रोकने में सुप्रीम कोर्ट की मंशा थी.
धोनी ने अपनी याचिका में इन बयानों को निंदनीय और अपमानजनक बताया था, जो सीधे तौर पर न्यायिक प्रणाली की अखंडता पर हमला करते थे. वरिष्ठ वकील पीआर रमन के माध्यम से दायर याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि संपत कुमार की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. तमिलनाडु के महाधिवक्ता आर शुनमुगसुंदरम ने मामले की समीक्षा के बाद धोनी को अदालत की आपराधिक अवमानना याचिका दायर करने की अनुमति दे दी थी.
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