नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) के मुखिया राहुल द्रविड़ 'हितों के टकराव' के मुद्दों के सम्बंध में गुरुवार 26 सितंबर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स अधिकारी डी.के. जैन के सामने पेश होंगे.
मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान को एनसीए का अध्यक्ष बनाए जाने पर हितों के टकराव का मुद्दा उठाया था और कहा था कि द्रविड़ इंडिया सीमेंट्स के कर्मचारी हैं.
द्रविड़ के अलावा और बीसीसीआई के कर्मचारी मयंक पारिख भी ऐसे ही एक मामले में डीके जैन के सामने पेश होंगे.
द्रविड़ को मिले नोटिस के जवाब में में प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा था कि द्रविड़ ने उस पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन सीओए के अन्य सदस्य ने कहा था कि द्रविड़ ने कंपनी से छुट्टी ली है.
यह देखना दिलचस्प होगा कि जैन इस मुद्दे को किस तरह से लेते हैं और बीसीसीआई किस तरह से इस मुद्दे का बचाव करती है.
वहीं पारिख कई ऐसे क्लबों से जुड़े हैं जिनके पास मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) में वोट करने का अधिकार है. साथ ही वह बीसीसीआई के कर्मचारी भी हैं. यही स्थिति दिवंगत एमवी श्रीधर के साथ थी जिन्हें महा प्रबंधक (क्रिकेट संचालन) के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
जैन लोढ़ा समिति की सिफारिशों और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लागू करने को लेकर बेहद गंभीर हैं. उन्होंने हाल ही में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भी अलग-अलग पदों पर बने रहने से रोक दिया था.
जैन ने हालांकि गांगुली को संदेह का लाभ दिया था लेकिन साथ ही कहा था कि उन्हें एक बार में से ज्यादा पद पर नहीं बने रहना चाहिए.
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