क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद राहुल द्रविड़ ने करियर की दूसरी इनिंग कोच के तौर पर शुरू की थी. इस पोजीशन पर भी द्रविड़ को वही तारीफ और इज्जत मिली, जो उनको क्रिकेट खेलते समय अपने टीममेट और दूसरी टीम से मिलती थी. हालांकि BCCI की कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) चेयरमैन विनोद राय ने खुलासा किया है कि द्रविड़ को राष्ट्रीय टीम का कोच बनने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
2017 में क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के रिश्ते बिगड़ गए थे. विनोद राय ने बताया कि इसके बाद BCCI ने द्रविड़ से संपर्क किया था लेकिन उन्होंने कुछ निजी कारणों से मना कर दिया था.
स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए विनोद राय ने कहा कि राहुल ने हमसे बहुत साफ बात की थी.
राहुल ने कहा था कि उनके दोनों बेटे बड़े हो रहे हैं और वो भारतीय टीम के साथ पूरी दुनिया में घूम रहे हैं और घर पर बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं. राहुल ने कहा कि वो बच्चों और परिवार को समय देना चाहते हैं. ये बहुत साफ निवेदन था.विनोद राय
राय ने कहा कि ये साफ है कि राहुल द्रविड़ के नाम पर विचार हो रहा था.
राहुल द्रविड़ भारत अंडर-19 और इंडिया A के कोच बने रहे थे और जुलाई 2019 में वो नेशनल क्रिकेट अकादमी में हेड ऑफ क्रिकेट बन गए थे.
‘द्रविड़ ने सचिन-सौरव को T20 विश्व कप न खेलने के लिए मनाया था’
2007 का T20 वर्ल्ड कप फॉर्मेट का पहला सबसे बड़ा टूर्नामेंट था और भारत ने उसमें अपने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को शिकस्त देकर खिताब अपने नाम कर लिया था. भारतीय टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी ने की थी. हालांकि इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम के तीन सबसे बड़े खिलाड़ी- सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ नहीं खेले थे. और इनके न खेलने की वजह भी सामने आई है.
2007 में भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर रहे लालचंद राजपूत ने स्पोर्ट्सकीड़ा क्रिकेट फेसबुक पेज पर बातचीत के दौरान बताया था कि राहुल द्रविड़ ने सचिन और सौरव को इस टूर्नामेंट में न खेलने के लिए राजी किया था.
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