टीम इंडिया (Team India) के पूर्व खिलाड़ी और कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने खुलासा किया है कि सिडनी टेस्ट में अश्विन (Ashwin) की जगह कुलदीप को खिलाने से अगर अश्विन को ठेस पहुंची है तो मैं बहुत खुश हूं. इसने उसे कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने आगे कहा कि, विराट और बीसीसीआई का मामला बातचीत करके बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था.
द इंडियन एक्सप्रेस के ईअड्डा को दिए गए एक इंटरव्यू में पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि विराट ने अपना पक्ष दे दिया था, इसके बाद बीसीसीआई को अपना पक्ष देने की जरूरत है. बातचीत करके इस मसले को अच्छी तरीके से सुलझाया जा सकता था.
आर अश्विन को दिया जवाब
कुछ दिन पहले भारतीय स्पीनर आर अश्विन द्वारा कि गई टिप्पणी का जवाब देते हुए शास्त्री ने कहा " अश्विन ने सिडनी टेस्ट नहीं खेला था और कुलदीप ने अच्छी गेंदबाजी की. इसलिए यह उचित है कि मैं कुलदीप को मौका दूं. अगर इससे अश्विन को ठेस पहुंची है तो मैं बहुत खुश हूं. इसने उसे कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया. मेरा काम हर किसी के टोस्ट को मक्खन लगाना नहीं है. मेरा काम बिना एजेंडे के तथ्यों को बताना है."
उन्होंने आगे कहा, "यदि आपका कोच आपको चुनौती देता है, तो आप क्या करेंगे? रोते हुए घर जाओगे और कहोगे कि मैं वापस नहीं आऊंगा. एक खिलाड़ी के रूप में मैं इसे एक चुनौती के रूप में लूंगा, कोच को गलत साबित करने के लिए.
पाकिस्तान से मिली हार पर भी दिया जवाब
पाकिस्तान के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप में मिली हार पर उन्होंने कहा, 'आप पाकिस्तान के खिलाफ मैच के लिए अलग तरह से तैयारी नहीं करते. पिछले 20 वर्षों के परिणामों को देखें, तो हमारे पास 90% से अधिक जीतने का रिकॉर्ड है. किसी भी दिन कुछ भी हो सकता है. लेकिन एक या दो हार के कारण कुछ भी क्यों बदलें.
एमएस धोनी पर रवि शास्त्री ने कहा,
“मेरे लिए, ये वास्तव में मायने नहीं रखता था जब धोनी को मेंटर के रूप में घोषित किया गया था. सफेद गेंद वाले क्रिकेट की बात करें तो धोनी से तेज दिमाग कोई नहीं है. मैं उन्हें (धोनी को) करीब से जानता हूं और अगर खेल की भलाई के लिए कुछ किया जाता है, तो क्यों नहीं?”
हितों का टकराव बिल्कुल बकवास
आईपीएल-राष्ट्रीय टीम के हितों के टकराव पर शास्त्री ने कहा, “ये हितों के टकराव से ऊपर है. मैं वास्तव में इसके लिए नहीं था. भारतीय टीम के साथ मालिश करने वाला आईपीएल टीम के साथ काम नहीं कर सकता. हितों का टकराव बिल्कुल बकवास है. इसे कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए. अगर मैं भारत का कोच हूं तो मुझे कमेंट्री करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, यह हितों का टकराव कैसा है? लोढ़ा की रिपोर्ट में जब से यह सामने आया तब से मैं इसके खिलाफ था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)