वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई लेकिन अब टीम को अपनी तैयारियों के लिए आगे बढ़ना होगा. इसके लिए टीम इंडिया के सामने सबसे पहला मौका है वेस्टइंडीज का दौरा. भारतीय टीम 3 अगस्त से 3 सितंबर तक अमेरिका/वेस्टइंडीज के दौरे पर रहेगी. रविवार 21 जुलाई को सलेक्शन कमेटी इस दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान करेगी.
वर्ल्ड कप के समय से ही जो खबरें आ रही हैं, उनके मुताबिक इस सीरीज के लिए कुछ खिलाड़ियों को आराम दिया जा सकता है. हालांकि शुरू में माना जा रहा था कि कप्तान विराट कोहली भी वनडे और टी-20 सीरीज में शामिल नहीं होंगे, लेकिन अब उन्होंने भी खुद को इस दौरे के लिए उपलब्ध कराया है. इसके बावजूद टीम में कुछ नए खिलाड़ियों को मौका मिलने की संभावना तय है.
इधर एमएस धोनी के भविष्य को लेकर अभी भी अटकलें जारी हैं. हालांकि फिलहाल धोनी ने संन्यास का ऐलान तो नहीं किया है लेकिन उन्होंने 2 महीने की छुट्टी जरूर ली है. इसके चलते ऋषभ पंत समेत कुछ और नए खिलाड़ियों को मौका मिलना तय है.
इसके साथ ही टीम मैनेजमेंट के पास मौका है कि इस सीरीज में वो सबसे विवादित नंबर 4 की पोजिशन के लिए कुछ खिलाड़ियों को आजमा सकते हैं, जो फिर लंबे वक्त तक टीम इंडिया का हिस्सा बनने की क्षमता रखते हों.
ऐसे में नजर डालते हैं उन खिलाड़ियों पर जिनको इस सीरीज में मौका मिलने की सबसे ज्यादा संभावना है. साथ ही कौन से वो खिलाड़ी हैं जो भारत के मिडिल ऑर्डर की दिक्कत को दूर कर सकते हैं.
ऋषभ पंत
ऋषभ पंत का इस सीरीज में जाना तय है. इसके कारण हैं. पहला तो ये कि पंत वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे और 4 मैच खेले भी. पंत का प्रदर्शन कोई शानदार नहीं था, लेकिन उनसे पूरे टीम मैनेजमेंट की उम्मीदें और उन्हें सपोर्ट भी काफी हैं.
इसके साथ ही धोनी की गैर हाजिरी में पंत ही टीम के नंबर 1 विकेटकीपर दिख रहे हैं, क्योंकि दिनेश कार्तिक को मौका मिलने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है. अगर कार्तिक को शामिल किया भी जाता है, तो इसकी संभावना कम है कि उन्हें पंत से पहले प्लेइंग इलेवन में जगह मिले, क्योंकि पंत अगले साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम मैनेजमेंट की योजना का हिस्सा हैं.
हालांकि पंत इस दौरे में भी नंबर 4 पर खेलेंगे या फिर ओपनिंग में उन्हें मौका दिया जाएगा, ये सबसे बड़ा सवाल रहेगा.
मयंक अग्रवाल
मयंक अग्रवाल को विजय शंकर के घायल होने के बाद वर्ल्ड कप टीम में शामिल किया गया था. हालांकि उन्हें अभी तक टीम में मौका नहीं मिला है.
मयंक अग्रवाल ने भारत के लिए कुछ महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में डेब्यू किया था, जहां उन्होंने 2 अर्धशतक लगाए थे. रणजी और लिस्ट ए में मयंक के प्रदर्शन के अपने अलग ही चर्चे रहे हैं और ये सीरीज मौका हो सकती है, जहां वो वनडे टीम में भी अपनी दावेदारी ठोक सकते हैं.
हालांकि अग्रवाल सही मायनों में एक ऑलराउंडर हैं, लेकिन मिडिल ऑर्डर की परेशानी का समाधान ढूंढ़ने के लिए उन्हें भी आजमाया जा सकता है
श्रेयस अय्यर
हालिया स्थिति को देखते हुए श्रेयस अय्यर को मौका मिलने की संभावनाएं लगभग तय हैं. अय्यर ने पिछले कुछ वक्त में लगातार रन बनाए हैं. खासतौर पर शॉर्ट फॉर्मेट में मिडिल ऑर्डर में अच्छी बल्लेबाजी की है. आम तौर पर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले अय्यर को भी चौथे नंबर पर आजमाया जा सकता है.
अय्यर के चुने जाने की संभावनाएं इसलिए भी बेहद मजबूत हैं, क्योंकि वो इस वक्त वेस्टइंडीज दौरे पर भारत की ‘ए’ टीम के साथ हैं. अय्यर ने पहले वनडे में बेहतरीन 77 रन बनाए और मैन ऑफ द मैच भी बने. वहीं तीसरे वनडे में भी 47 रन बनाए. खास बात ये है कि दोनों मैच में अय्यर ने पारी को संभालने का काम किया.
वैसे भी करीब डेढ़ साल पहले अय्यर ने टीम इंडिया के साथ 6 वनडे मैच खेले थे और उसमें 42 की औसत से 210 रन बनाए. हाल ही में अय्यर ने कहा भी कि वो कोहली, धोनी और रोहित की तरह खेलना चाहते हैं और टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं.
शुभमन गिल
भारतीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा चर्चा और प्रतिभाशाली नए खिलाड़ियों में गिल का नाम आसानी से ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ के साथ लिया जाता है. गिल के बारे में बात अब सिर्फ अंडर-19 वर्ल्ड कप की नहीं होती बल्कि अब आईपीएल और रणजी ट्रॉफी में उनके प्रदर्शन के चर्चे हो रहे हैं.
गिल ने पिछले रणजी सीजन में सिर्फ 5 मैचों में पंजाब के लिए 728 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं. साथ ही इस बार आईपीएल में कोलकाता के लिए लगभग 400 रन भी बनाए.
बात सिर्फ आंकड़ों की नहीं है, बल्कि उस स्टाइल की भी है, जिसके चलते गिल इस समय सबकी जुबान पर छाए हैं.
गिल ने अपनी पारियों में धार और धैर्य दोनों ही दिखाए हैं. आमतौर पर ओपनिंग या तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले गिल ने दिखाया है कि वो टीम की जरूरत के मुताबिक हर गियर में बल्लेबाजी कर सकते हैं. काफी हद तक विराट कोहली की तरह अपनी पारी की रफ्तार को धीमा या तेज करने में काबिल हैं.
मनीष पांडे
मनीष पांडे पिछले करीब 4 साल से भारतीय टीम में बीच-बीच में मौका पाते रहे हैं. हालांकि 2-3 अच्छी पारियों को छोड़कर पांडे ज्यादा असर नहीं छोड़ पाए और अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए. इसके बावजूद घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में उनका प्रदर्शन कमोबेश अच्छा रहा है. हालांकि निरंतरता की कमी हर स्तर पर दिखी है.
फिर भी पांडे के पक्ष में 2 खास बातें जाती हैं- पहला, वो हर रुक कर बल्लेबाजी भी कर सकते हैं और हालात के मुताबिक क्रीज पर आते ही बड़े शॉट्स लगाने में भी काबिल हैं. दूसरा, बाकी कई खिलाड़ियों के मुकाबले वो एक बेहतरीन फील्डर भी हैं.
पांडे की प्रतिभा पर भरोसा और उनके प्रदर्शन का ही नतीजा है कि विंडीज दौरे के लिए उन्हें भारत की ‘ए’ टीम की कमान सौंपी गई. वहां पांडे ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए तीसरे वनडे में अच्छा शतक जड़ा.
गेंदबाजी में ये हैं संभावनाएं
गेंदबाजी में बहुत हद तक संभावनाएं हैं, कि टीम के तीनों प्रमुख तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी को आराम दिया जा सकता है. इसमें भी बुमराह और शमी को आराम मिलना तय है. ऐसे में कुछ बिल्कुल नए और कुछ आजमाए हुए चेहरों को मौका मिल सकता है.
खलील अहमद
खलील ने पिछले साल ही भारतीय टीम के साथ छोटे फॉर्मेट में डेब्यू किया था. हालांकि दोनों में से किसी भी फॉर्मेट में वो ज्यादा कामयाबी हासिल नहीं कर सके, लेकिन कई मौकों पर अपनी बेहतरीन लाइन और डेथ ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी से प्रभावित किया है.
साथ ही आईपीएल में भी शुरुआती मैच मिस करने के बाद कुछ ही मैचों में 15 से ज्यादा विकेट हासिल कर वो हैदराबाद के सबसे सफल गेंदबाज थे.
खलील भी इस वक्त ‘ए’ टीम के साथ विंडीज में हैं और वहां 3 मैच में 8 विकेट लेकर प्रभावित करने में कामयाब भी हुए. ऐसे में वनडे और टी-20 सीरीज के लिए खलील के चुने जाने की संभावनाएं बेहद मजबूत है.
नवदीप सैनी
नवदीप सैनी पिछले करीब साल भर में अपना नाम लोगों की जुबान में चढ़ाने में कामयाब रहे हैं. उन्हें एक दो मौकों पर भारतीय टीम के अलग-अलग सीरीज में 15 सदस्यों में शामिल किया भी गया था. हालांकि वो डेब्यू करने में नाकाम रहे. इसके बावजूद उन्होंने घरेलू सर्किट में प्रभावित किया है.
सैनी ने अपनी तेज रफ्तार और बाउंस का अच्छा इस्तेमाल कर बल्लेबाजों को परेशानी में डाला है. आईपीएल में वो बेंगलुरु के सबसे घातक तेज गेंदबाज थे. हालांकि कई बार तेज गेंदबाजी करने की कोशिश में वो अपनी लाइन भटकते हैं और इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है. वो महंगे साबित होते हैं.
इसके बावजूद इस दौरे पर उन्हें मौका मिलने की संभावना काफी मजबूत है, क्योंकि बुमराह की गैर मौजूदगी में टीम को विंडीज की धीमी पिचों पर तेज गति वाले गेंदबाज की भी जरूरत होगी और सैनी वो कमी पूरी कर सकते हैं.
दीपक चाहर-राहुल चाहर
चाहर भाईयों का नाम पिछले कुछ वक्त से भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए जाना-पहचाना हो गया है. दोनों भाईयों की किफायती गेंदबाजी और लगातार विकेट लेने की क्षमता ने उन्हें हर फॉर्मेट में असरदार गेंदबाज बनाया है.
बड़े भाई दीपक ने राजस्थान की रणजी टीम में अपनी पहचान बनाई है और उनके सबसे प्रमुख गेंदबाज हैं. वहीं छोटे फॉर्मेट में, खासतौर पर टी-20 में तो वो मैच को नियंत्रित करने वालों में से रहे हैं. आईपीएल में लगातार 2 सीजन उन्होंने धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया.
इसी तरह 19 साल के राहुल चाहर ने अपनी उम्र से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट में किया है. सिर्फ 24 लिस्ट ‘ए’ मैचों में राहुल ने 42 विकेट लिए हैं. वहीं पिछले 2 सीजन से आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से एक नई प्रतिभा के तौर पर उभरे हैं.
भारतीय टीम में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने लगातार मैच खेले हैं. ऐसे में दोनों को आराम मिलने की संभावना है. खासतौर पर कुलदीप को, क्योंकि आईपीएल के बाद वर्ल्ड कप में भी वो बेहद औसत नजर आए. इसलिए राहुल चाहर को मौका जरूर मिल सकता है.
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