भारतीय क्रिकेट में इन दिनों ये चर्चा गर्म है. इस चर्चा के गरमाने की सबसे बड़ी वजह है रोहित शर्मा की कप्तानी में एशिया कप में टीम इंडिया को मिली जीत. इससे पहले रोहित शर्मा की कप्तानी में ही निदहास ट्रॉफी में भी टीम इंडिया चैंपियन बनी थी. चूंकि कामयाबी ताजा है, इसलिए चर्चा भी गर्म है.
यूं तो विराट कोहली की काबिलियत पर किसी को कोई शक नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में उनके कुछ फैसले, कुछ रणनीतियां और कुछ मनमर्जियां टीम इंडिया पर भारी पड़ी हैं. मैच के मुश्किल लम्हों में विराट कोहली सही फैसला लेने में चूके हैं. दूसरी तरफ रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान एक से बढ़कर एक रोमांचक मैचों में जीत हासिल की है.
निदहास ट्रॉफी के बाद एशिया कप में टीम इंडिया ने आखिरी गेंद पर जीत हासिल की. भले ही उस वक्त रोहित शर्मा क्रीज पर न रहे हों, लेकिन कप्तान के तौर पर उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों में ये आत्मविश्वास भरा है कि वो मैच को किसी भी मोड़ पर ले जाकर अपने कब्जे में कर सकते हैं. लिहाजा कई बड़े दिग्गज खिलाड़ी भी इस चर्चा में कूद पड़े हैं कि विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी में बेहतर कौन है?
चलिए सिलसिलेवार तरीके से इस बात को समझने की कोशिश करते हैं कि क्या इस चर्चा में कोई दम है या नहीं. सबसे पहले बतौर कप्तान रोहित शर्मा की कामयाबी का आंकलन कर लेते हैं. पहले बात करते हैं बतौर कप्तान उन्हें मिली कामयाबी की.
- रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने बांग्लादेश को तीन विकेट से हराकर एशिया कप जीता
- रोहित शर्मा की कप्तानी में ही भारत ने बांग्लादेश को 4 विकेट से हराकर निदहास कप टी-20 जीता था
अब लगे हाथ बतौर कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले का भी हाल-चाल लिया जाए. ये आंकड़े देखिए, जो रोहित शर्मा के पक्ष में जाते हैं:
अंतरराष्ट्रीय मैचों के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग की बात भी करनी होगी. ऐसा इसलिए, क्योंकि आईपीएल में रोहित शर्मा की गिनती सबसे कामयाब कप्तानों में होती है. एक वक्त पर आईपीएल में फिसड्डी साबित होने वाली मुंबई की टीम की किस्मत तब ही से बदली थी, जब रोहित शर्मा ने कमान संभाली. रोहित शर्मा अब तक तीन बार मुंबई इंडियंस को चैंपियन बना चुके हैं.
- 2013 में रोहित की कप्तानी में मुंबई ने चेन्नई को 23 रनों से हराया था
- 2015 में रोहित की कप्तानी में मुंबई ने फिर चेन्नई को 41 रनों से हराकर खिताब जीता
- 2017 में रोहित की कप्तानी में मुंबई ने पुणे को 1 रनों से हराया था
इससे उलट, बतौर कप्तान विराट कोहली आईपीएल में बुरी तरह फ्लॉप रहे हैं. 2015 और 2016 में तो फिर भी बंगलुरु की टीम टॉप 3 में थी. 2017 और 2018 में तो टीम की हालत बहुत खराब थी. 2017 में टीम आठवीं और 2018 में छठी पायदान पर थी. बंगलुरु की ये स्थिति तब है, जब टी-20 फॉर्मेट के सबसे ज्यादा खतरनाक खिलाड़ी इस टीम में शामिल हैं.
हालिया मैचों में विराट का बतौर कप्तान प्रदर्शन
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि बतौर बल्लेबाज विराट कोहली इस वक्त दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं. दुनिया की किसी भी टीम के खिलाफ किसी भी तरह की पिच पर विराट कोहली को आउट करना आसान नहीं है. इंग्लैंड के खिलाफ हालिया सीरीज में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की. वो भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे.
इंग्लैंड में वनडे सीरीज में विराट कोहली ने 3 मैचों में 191 रन बनाए थे. 5 टेस्ट मैचों में उन्होंने 593 रन बनाए थे. बावजूद इसके उनकी कप्तानी को सवालों के घेरे में रखा गया, क्योंकि वनडे और टेस्ट सीरीज में भारत को हार का सामना करना पड़ा.
दक्षिण अफ्रीका में और उसके बाद इंग्लैंड में भारतीय टीम टेस्ट मैचों में जीत के बहुत करीब तक पहुंची, लेकिन बाजी हाथ से फिसल गई. जानकारों का मानना है कि इन टेस्ट मैचों में विराट कोहली ने अव्वल तो सही प्लेइंग 11 नहीं खिलाया, दूसरा वो अपने खिलाड़ियों को उनका रोल सही तरीके से ‘एक्सप्लेन’ नहीं कर पाए.
अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, कुलदीप यादव, आर अश्विन जैसे खिलाड़ियों को प्लेइंग 11 में खिलाने या न खिलाने के विराट के फैसले की आलोचना भी हुई. हाल के दिनों में रोहित शर्मा और करुण नायर को टेस्ट टीम से बाहर करने के फैसले को लेकर भी विराट कोहली पर सवाल उठ रहे हैं.
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