BCCI अध्यक्ष सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) के एक ट्वीट से खेल जगत से लेकर राजनीति के गलियारों तक में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. हर कोई अपने-अपने हिसाब से अनुमान लगाना शुरू कर दिया है. लेकिन, जो मुख्य अनुमान था उसको जय शाह ने खारिज कर दिया. ANI से BCCI सचिव जय शाह ने कहा कि सौरभ गांगुली ने BCCI के अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है.
बता दें, सौरभ गांगुली ने ट्वीट कर कहा कि मैं कुछ ऐसा शुरू करने की योजना बना रहा हूं, जो मुझे लगता है कि शायद बहुत से लोगों की मदद करेगा. मुझे आशा है कि मेरे जीवन के इस अध्याय में प्रवेश करते ही आप समर्थन जारी रखेंगे. सौरव गांगुली के इसी ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उनके इस्तीफे की चर्चा शुरू हो गई. लेकिन, इस चर्चा पर जय शाह ने ब्रेक लगा दिया.
ममता की गुगली का सम्मान, बीजेपी की बॉल को छक्का
दरअसल, कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे. इस दौरान शाह ने सौरभ गांगुली के घर जाकर डिनर किया था. इसके बाद भी अटकलों का बाजार शुरू हो गया था. लेकिन, गांगुली ने एक दिन बाद ही एक बयान दिया कि वो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफी करीबी हैं. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हुई.
चर्चा ये भी हुई की अमित शाह से बात नहीं बनी तो गांगुली ने दीदी का रुख कर लिया है. हालांकि, ये जगजाहिर है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में सौरभ गांगुली के सहारे ममता बनर्जी का किला ढाहने के फिराक में है. लेकिन, गांगुली हैं कि मौका ही नहीं दे रहे हैं. बीजेपी की हर बॉल पर घूमाकर छक्का जड़ दे रहे हैं और ममता बनर्जी की गुगली का सम्मान कर रहे हैं.
हालांकि, सौरभ गांगुली ने ऐसा पहली बार करके नहीं चौंकाया है. इससे पहले भी वो अपने कई निर्णयों से अपने प्रशंसक और चाहने वालों को चौंकाते रहे हैं. आइए कुछ ऐसे ही फैसलों पर नजर डालते हैं, जो सौरभ गांगुली ने लेकर सभी को चौंका दिया था.
इंडिया क्रिकेट टीम के कप्तान रहते सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट में एक नई इबारत लिखी, जिसे आज भी सब याद करते हैं. सौरव गांगुली की कप्तानी की खास बात यही थी कि वे कभी भी फैसले लेने से हिचकते नहीं थे. आलोचकों की परवाह किए बगैर ही वो अपनी सोच और समझ से फैसले लेते थे.
सचिन तेंदुलकर से गेंदबाजी कराना
सौरव गांगुली के फैसले ने उस समय सबको चौंका दिया था, जब कोलकाता के ईडन गार्डंस में सचिन तेंदुलकर गेंदबाजी करने उतरे थे. दरअसल, कोलकाता के ईडन गार्डंस में भारतीय टीम ऑस्ट्रलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रही थी. उस टेस्ट मैच में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने रिकॉर्ड साझेदारी की थी और ऑस्ट्रेलिया के सामने एक बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया था. 5वें दिन ऑस्ट्रेलिया टीम ड्रॉ करवाने की तरफ बढ़ रही थी. गांगुली ने सचिन को गेंद थमाई और उन्होंने गिलक्रिस्ट, हेडन और शेन वॉर्न का विकेट लेकर इस निर्णय को सही साबित कर दिया.
राहुल द्रविड़ को विकेटकीपर बनाना
सौरभ गांगुली की कप्तानी के दौरान एक ऐसा समय आया जब टीम इंडिया एक अच्छे ऑल राउंडर की कमी से जूझ रही थी. विकल्प के रूप में सौरव गांगुली ने अतिरिक्त बल्लेबाज को जगह देने की योजना बनाई. इसके लिए उन्हें किसी प्रयोग की जरूरत थी और वह राहुल द्रविड़ को कीपर बनाकर किया. राहुल द्रविड़ को कीपर बनाने से भारतीय टीम में अतिरिक्त बल्लेबाज के लिए जगह बनी और टीम इंडिया ने 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई.
वीरेंद्र सहवाग को टेस्ट का ओपनर बनाना
सौरव गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग को टेस्ट में ओपन उतारकर सभी को हैरान कर दिया था. इससे पहले सभी भारतीय कप्तानों ने उसी को ओपनर बनाया था जो अपने विकेट की परवाह करता हो और मैच को रोककर खेलता हो. लेकिन, गांगुली ने इस ट्रेडिशन को तेड़ते हुए सहवाग को ओपरन की कमान सौंपी थी. गांगुली का यह प्रयोग भी कामयाब रहा और आगे चलकर वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट मैच में दो तिहरे शतक बतौर ओपनर जड़े.
महेंद्र सिंह धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ टीम में शामिल करना
सौरव गांगुली की कप्तानी में ही महेंद्र सिंह धोनी को इंडिया की तरफ से खेलने का मौका मिला था. उस समय टीम एक विकेटर की कमी से जूझ रही थी. उस समय सौरव गांगुली के पास कई नाम आए, लेकिन गांगुली ने महेंद्र सिंह धोनी के साथ आगे बढ़ना उचित समझा और पाकिस्तान के खिलाफ उन्हें टीम में शामिल किया. नतीजा महेंद्र सिंह धोनी उस मैच में 148 रनों की पारी खेली और उसके बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
ATK मोहन बागान के निदेशक पद से अचानक इस्तीफा
सौरव गांगुली ने इंडियन सुपर लीग (ISL)) क्लब एटीके मोहन बागान के निदेशक पद से इस्तीफा देकर भी सभी को हैरान कर दिया था. गांगुली ने यह कदम हितों के टकराव से बचने के प्रयास में उठाया था, क्योंकि RPSG समूह उस समय IPL की दौड़ में शामिल हो गया था.
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