भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष बनने को तैयार पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि उनके लिए ये कुछ अच्छा करने का बेहतरीन मौका है. गांगुली ने कहा कि वो ऐसे वक्त में कमान संभालने जा रहे हैं जब बोर्ड की छवि बेहद खराब हुई है.
गांगुली ने आखिरी मौके पर अध्यक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे पूर्व टेस्ट क्रिकेटर बृजेश पटेल को पीछे छोड़ दिया. सोमवार 14 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक नामांकन का आखिरी वक्त है और माना जा रहा है कि गांगुली इकलौते उम्मीदवार होंगे.
गांगुली ने पीटीआई से बात करते हुए कहा-
“आपको दोपहर 3 बजे तक का इंतजार करना होगा. निश्चित तौर पर ये एक सुखद अनुभूति है क्योंकि मैंने देश के लिए क्रिकेट खेला और कप्तानी भी की है.”
गांगुली ने आगे कहा कि बीसीसीआई हाल के वक्त में अच्छे हाल में नहीं है और उसे सुधारने का मौका मिला है.
“मैं ऐसे वक्त में जिम्मेदारी संभाल रहा हूं जब पिछले 3 सालों में बीसीसीआई की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही है. बोर्ड की छवि को पिछले कुछ वक्त में काफी नुकसान पहुंचा है. इसलिए ये मेरे लिए एक बेहतरीन मौका है कि बोर्ड के लिए कुछ अच्छा कर सकूं.”सौरव गांगुली
गांगुली ने माना कि दुनिया के सबसे बड़े और सबसे रईस क्रिकेट बोर्ड को चलाना आसान नहीं है.
“आप चाहे निर्विरोध चुने गए हों या नहीं, लेकिन यह एक बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि यह क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है. क्रिकेट के क्षेत्र में भारत एक शक्तिशाली देश है और यह एक बड़ी चुनौती होगी.”सौरव गांगुली
फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों का ध्यान है प्राथमिकता
इसके साथ ही गांगुली ने साफ किया कि उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे पहले फर्स्ट क्लास क्रिकेटर हैं. गांगुली ने कहा कि वो भारतीय क्रिकेट से जुड़े सभी जरूरी लोगों से मिलकर इस सब पर कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो प्रशासकों की समिति (सीओए) अपने वक्त में नहीं कर पाई.
“सबसे पहले हम सभी से बात करेंगे और फिर फैसले लेंगे, लेकिन मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेटर्स हैं. मैं तीन साल तक सीओए से अपील करता रहा लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी. इसलिए सबसे पहला काम मैं यही करूंगा और फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयास करूंगा.”सौरव गांगुली
हालांकि गांगुली का कार्यकाल बहुत लंबा नहीं होने वाला. उन्हें जुलाई 2020 में अपना पद छोड़ना पड़ेगा क्योंकि बीसीसीआई के नए संविधान के तहत कोई भी शख्स बोर्ड या राज्य संघों में 6 साल से ज्यादा लगातार नहीं रह सकता. गांगुली 2014 में बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) से जुड़े और 2015 से लगातार इसके अध्यक्ष हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)