पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली जल्द ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष बनने वाले हैं. रविवार 13 अक्टूबर की देर रात हुए नाटकीय घटनाक्रम में सौरव ने इस रेस में आगे चल रहे पूर्व टेस्ट क्रिकेटर बृजेश पटेल को पीछे छोड़ दिया. गांगुली ने नाम पर सभी सदस्य राज्यों के प्रतिनिधियों में सहमति बन गई.
भारतीय क्रिकेट और ‘बंगाल टाइगर’ के नाम से मशहूर सौरव गांगुली के फैंस ने इसे गांगुली का एक और शानदार ‘कमबैक’ बताया और भारतीय क्रिकेट का सबसे अच्छा फैसला कहा.
इसके साथ ही करीब 3 साल से चले आ रहे भारतीय क्रिकेट में प्रशासकों की समिति (सीओए) का शासन भी खत्म होगा. हालांकि बीसीसीआई के चुनाव 23 अक्टूबर को होने हैं, लेकिन एकमत की स्थिति में चुनाव कराने की जरूरत नहीं होगी.
गांगुली के अलावा गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह का भी बीसीसीआई सचिव बनना तय है, जबकि पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमल नए कोषाध्यक्ष बनेंगे.
2000 से 2005 तक भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे बाएं हाथ के बल्लेबाज सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट को फिर से खड़ा करने और एक मजबूत टीम बनाने के लिए जाना जाता है. अपनी बैटिंग के साथ-साथ अपनी लीडरशिप से गांगुली ने भारतीय क्रिकेट इतिहास और फैंस के दिल में अपनी खास जगह बनाई.
ऐसे में सोशल मीडिया पर देर रात इस खबर के फैलने के साथ ही यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया जताने लगे. भारतीय क्रिकेट और खासतौर पर गांगुली के फैंस ने इस खबर पर अपनी खुशी और उत्साह जाहिर किया.
हालांकि गांगुली का कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहने वाला. बीसीसीआई के नए संविधान के नियमों के तहत गांगुली को जुलाई 2020 में अपना पद छोड़ना पड़ेगा. नए संविधान के मुताबिक कोई भी प्रशासक लगातार 6 साल से ज्यादा किसी पद पर नहीं रह सकता. इसके बाद 3 साल का कूलिंग ऑफ पीरियड जरूरी है.
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