पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी कर रहे लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनैशनल स्टेडियम में मंगलवार की शाम एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले जाने वाले दूसरे टी-20 मैच शुरू होने से पांच मिनट पहले कमेंट्री बॉक्स के दरवाजे का शीशा अचानक टूट गया. क्रिकेटर से कमेंटेटर बने सुनील गावस्कर और संजय मांजरेकर उसकी चपेट में आने से बाल बाल बच गये.
'ताश के पत्तों की तरह बिखर गया दरवाजे का शीशा’
लखनऊ में मंगलवार शाम भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैच शुरू होने वाला था. स्टेडियम में मीडिया सेंटर के बगल में मौजूद कमेंट्री बॉक्स से शाम छह बज कर पचपन मिनट पर जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी. आवाज सुनकर मीडियाकर्मी वहां पहुंचे तो देखा कि दरवाजे का शीशा टूटा पड़ा था और संजय मांजरेकर दूर खड़े थे. वहीं सुनील गावस्कर भी मौजूद थे. मांजेरेकर ने बाद में बताया कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आयी है. मांजरेकर ने कहा, ‘‘कांच का एक दरवाजा ताश की पत्तों की तरह बिखर गया लेकिन किसी को चोट नहीं आयी. सभी सुरक्षित हैं.''
बताया जा रहा है कि मीडिया सेंटर में भी असुविधाओं के चलते पत्रकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनैशनल स्टेडियम के प्रोजेक्ट की मंजूरी पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने साल 2014 में दी थी और इसे बनाने का काम साल 2015 में शुरू हुआ था. इस स्टेडियम को बनाने के लिए तीन साल का समय तय किया गया था लेकिन ये निर्धारित समय से चार महीने पहले ही बनकर तैयार हो गया.
मंगलवार को हुए मैच के साथ 24 साल बाद लखनऊ ने किसी इंटरनेशनल क्रिकेट मैच की मेजबानी की. इससे पहले आखिरी बार यहां 1994 में भारत और श्रीलंका के बीच केडी सिंह बाबू स्टेडियम में टेस्ट मैच खेला गया था. 71 एकड़ में फैले इस स्टेडियम में करीब 50 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है. साथ ही यहां एक हजार कार और करीब पांच हजार टू-व्हीलर पार्किंग की व्यवस्था है. इसके अलावा स्टेडियम में फ्लड लाइट, मीडिया सेंटर, पवेलियन, फाइव स्टार ड्रेसिंग रूम जैसी कई विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं.
(इनपुट: भाषा)
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