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धोनी ने रिटायरमेंट के लिए 15 अगस्त ही क्यों चुना?रैना ने बताई वजह 

अब लोगों के मन में ये भी सवाल है कि ये फैसला अचानक लिया गया था या पहले से तय था

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महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना की जुगलबंदी खासा चर्चा में रही है. मैदान पर तो ये दोस्ती दिखती ही थी, मैदान से बाहर जाने के फैसले के लिए भी दोनों ने एक ही दिन चुना. 15 अगस्त को धोनी-रैना ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. धोनी को अपना मेंटर मानने वाले रैना ने अपने 'कप्तान' के रिटायरमेंट के ऐलान वाले इंस्टाग्राम पोस्ट के कुछ मिनटों के बाद ही एक तस्वीर के साथ लिखा- “ मैं इस सफर में आपके (धोनी) साथ आगे चलना चुनता हूं.''

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ये फैसला कब और कैसे लिया गया था?

अब लोगों के मन में ये भी सवाल है कि ये फैसला अचानक लिया गया था या पहले से तय था. या फिर रैना ने अपने 'माही भाई' को फॉलो किया. दैनिक जागरण से बातचीत में सुरेश रैना ने इन सवालों के जवाब दिए हैं. रैना ने बताया कि चेन्नई पहुंचने के काफी पहले दोनों खिलाड़ियों ने सबकुछ तय कर लिया था.

उन्होंने बताया कि वो जानते थे कि चेन्नई पहुंचकर धोनी अपना रिटायरमेंट अनाउंस करेंगे, इसलिए वो भी तैयार थे.

दैनिक जागरण से बातचीत में रैना ने कहा,

“हमने मन बना लिया था कि 15 अगस्त के दिन ही रिटायर होना है. माही भाई का जर्सी नंबर 7 है और मेरा 3. और शनिवार 15 अगस्त को देश की स्वतंत्रता के 73 साल हो रहे थे. इससे बेहतर दिन हमें नहीं मिल सकता था.”

रिटायरमेंट वाली शाम कैसी रही?

धोनी और रैना की मैदान की पार्टनरशिप काफी समय से चलती आ रही है. धोनी ने अपना इंटरनेशनल करियर 2004 में शुरु किया था और रैना ने साल 2005 में, भारतीय क्रिकेट टीम के अलावा दोनों खिलाड़ी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए भी साथ ही खेलते हैं. रिटायरमेंट की खबर सोशल मीडिया में आने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो सामने आयी. इस वीडियो में सुरेश रैना को भावुक होकर धोनी को गले लगाते देखा जा सकता है. ये वीडियो प्रैक्टिस सेशन के बाद का है.

सुरेश रैना ने उस शाम को याद करते हुए बताया कि ऐलान के बाद दोनों एक दूसरे के गले लगकर काफी देर तक रोते रहे. उस वक्त पीयूष, अंबाती रायडू, केदार जादव मौजूद थे.

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