देसी बनाम विदेशी की तरह ही ताकत बनाम तकनीक की लड़ाई भी आईपीएल में काफी पुरानी है. इन लड़ाइयों में बाजी कभी इस करवट बैठती है कभी उस करवट. याद कीजिए, 13 अप्रैल को किंग्स इलेवन पंजाब और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच मैच था. किंग्स इलेवन पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 173 रन बनाए. इसमें क्रिस गेल के तूफानी 99 रन शामिल थे. बावजूद इसके पंजाब की टीम हार गई. अभी मैच में चार गेंद फेंकी जानी बाकी भी थी.
ये 2019 सीजन में लगातार 6 हार के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की पहली जीत है. इस जीत में विराट कोहली की बल्लेबाजी बहुत ‘क्रूशियल’ रही. विराट कोहली ने 53 गेंद पर 67 रन बनाए. विराट की तकनीकी पारी ने क्रिस गेल की तूफानी पारी पर पानी फेर दिया.
इस सीजन में पहले भी कुछ मैचों में तकनीक और ताकत की लड़ाई देखने को मिली थी. इस लड़ाई से आशय बहुत सीधा है. आईपीएल में एक तरफ क्रिस गेल, आंद्रे रसेल, कीरॉन पोलार्ड जैसे खिलाड़ी हैं जो ताकत के दम पर रन बनाते हैं. ऐसे ज्यादातर बल्लेबाज कैरिबियन हैं. इनके बल्ले पर गेंद आने के बाद कई बार ‘मिसटाइम’ शॉट भी बाउंड्री पार चला जाता है. दूसरी तरफ ऐसे बल्लेबाज हैं जो ‘क्रिकेटिंग शॉट्स’ खेलकर रन जोड़ते हैं.
तकनीक Vs ताकत
इन दोनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन का फर्क समझना है तो इनके कुल रन नहीं बल्कि स्ट्राइक रेट देखना चाहिए. दिलचस्प बात ये है कि कई बार तकनीक वाले बल्लेबाज का प्रदर्शन ताकत वाले बल्लेबाज के प्रदर्शन पर भारी पड़ता है. जैसा किंग्स इलेवन पंजाब और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर वाले मैच में हुआ. लेकिन कई बार इसका उलटा भी होता है. इसी वजह से आईपीएल की शुरूआत से लेकर अब तक तकनीक बनाम ताकत की लड़ाई में जीत हार का खेल जारी है.
इस बात को इस विरोधाभास से भी समझ सकते हैं कि प्वाइंट टेबल में चेन्नई की टीम टॉप पर है लेकिन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में एक भी बल्लेबाज चेन्नई का नहीं है. इस सीजन के टॉप 10 बल्लेबाजों की फेहरिस्त देखते हैं. ये कहानी और लड़ाई और साफ हो जाएगी.
IPL में वो बल्लेबाज भी हैं जिनके पास ताकत और तकनीक दोनों है
इस फेहरिस्त में आंद्रे रसेल इकलौते बल्लेबाज हैं जिनका स्ट्राइक रेट 200 के पार है. लेकिन ऐसा नहीं कि सिर्फ उन्हीं की टीम मैच जीत रही हो. गेल की ताकत भरी पारी पर अगर विराट कोहली की तकनीक वाली पारी ने पानी फेरा तो केएल राहुल की तकनीक भरी पारी पर कीरॉन पोलार्ड ने पानी फेर दिया था.
ये लड़ाई पंजाब बनाम मुंबई के मैच में देखने को मिली थी. जब 198 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए कीरॉन पोलार्ड ने 31 गेंद पर 83 रन ठोंक दिए थे. उनकी इसी धुआंधार पारी की वजह से केएल राहुल के शतक के बाद भी पंजाब की टीम हार गई थी.
ऐसे उदाहरण सीजन के और भी कई मैचों में देखने को मिलेंगे. ताकत और तकनीक की इस लड़ाई में एक श्रेणी उन बल्लेबाजों की भी है जो इन दोनों का ‘मिक्स’ हैं. सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में टॉप पर चल रहे डेविड वॉर्नर इसी श्रेणी में आते हैं.
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