पिछले कुछ महीनों से वर्ल्ड चैंपियन बनने की दावेदारी को सच साबित करते हुए इंग्लैंड ने क्रिकेट की दुनिया में आखिर अपना झंडा गाड़ ही दिया. पहली बार चैंपियन बनने वाली इंग्लैंड टीम ने जिस तरह ये मुकाम हासिल किया, वो भी क्रिकेट इतिहास में कभी नहीं भुलाया जा सकता.
एक ऐसा फाइनल, जो कई उतार-चढ़ाव से गुजरा और जिसने कई बार अपना पाला बदला, लेकिन आखिर गिरा इंग्लैंड की झोली में. इस मैच में कई मौके आए जिन्होंने मैच बदल दिया, लेकिन सबसे खास था वो मौका, जब स्टोक्स के ‘3 छक्कों’ ने इंग्लैंड को बचा दिया.
महज 86 रन पर ही 4 विकेट खोने वाली इंग्लैंड को बेन स्टोक्स और जॉस बटलर ने मिलकर संभाला. दोनों ने 110 रन की पार्टनरशिप कर इंग्लैंड को जीत के पास पहुंचाया. हालांकि जीत जब नजर में थी तो बटलर 59 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बावजूद स्टोक्स टिके रहे और मैच को आखिर तक ले गए.
सिक्सर नंबर-1
48 ओवर के बाद इंग्लैंड को जरूरत थी 2 ओवर में 24 रन की. 49वें ओवर में जिमी नीशम की पहली 3 गेंदों पर सिर्फ 2 रन आए और प्लंकेट का विकेट मिला. अब जरूरत थी 9 गेंद में 22 रन की.
स्टोक्स ने नीशम की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर ऊंचा शॉट खेला. ऐसा लगा कि गेंद 6 रन के लिए चली गई, लेकिन बाउंड्री पर खड़े ट्रेंट बोल्ट ने आसानी से कैच ले लिया. लेकिन यहीं बोल्ट गलती कर गए और बाउंड्री का खयाल किए बिना एक कदम पीछे हटे. वहां बाउंड्री पर बोल्ट का पैर लग गया और इंग्लैंड को 6 रन मिल गए.
अगर बोल्ट ये गलती न करते, तो इंग्लैंड का खेल वहीं खत्म हो जाता और न्यूजीलैंड को लगातार दूसरी बार निराश होकर नहीं लौटना पड़ता.
सिक्सर नंबर-2
49वें ओवर की गलती से न्यूजीलैंड उबरता दिखा और आखिरी 6 गेंद में इंग्लैंड को जरूरत थी 15 रन की. स्ट्राइक पर थे स्टोक्स और दूसरी तरफ थे आदिल रशीद.
स्टोक्स ने 50वें ओवर की पहली 2 गेंदों पर कोई रन नहीं बनाया. बोल्ट के ओवर की तीसरी गेंद पर स्टोक्स ने ऑफ स्टंप से बाहर निकल लॉन्ग ऑन पर लंबा छक्का जड़ दिया. इस छक्के के बाद 3 गेंद पर इंग्लैंड को जीत के लिए 9 रन की जरूरत थी.
सिक्सर नंबर-3
इसी वक्त बेन स्टोक्स ने ट्रेंट बोल्ट की गेंद को डीप मिडविकेट की ओर मारा और रन के लिए दौड़ पड़े.
जब स्टोक्स दूसरे रन के लिए लौटे तो डीप मिडविकेट से मार्टिन गुप्टिल ने गेंद को सीधा विकेटकीपर की ओर फेंका. स्टोक्स ने उसी दौरान क्रीज पर पहुंचने के लिए डाइव लगाते हुए बल्ला आगे बढ़ाया. गुप्टिल का थ्रो स्टोक्स के बैट से टकराकर विकेटकीपर के पीछे बाउंड्री के पार चला गया.
कोई कुछ समझ नहीं सका. न्यूजीलैंड के फील्डरों को यकीन नहीं हो रहा था. बेन स्टोक्स जमीन पर बैठे हुए थे और दोनों हाथ हवा में उठाए हुए थे, जैसे माफी मांग रहे हों. लेकिन सबसे जरूरती बात ये थी कि इंग्लैंड को 6 रन मिल गए.
इन 6 रनों के साथ जीत का अंतर घट कर 2 गेंद में 3 रन रह गया. हालांकि बोल्ट ने अगली 2 गेंद पर सिर्फ 2 रन दिए, लेकिन मैच टाई हो गया और फिर सुपर ओवर में फैसला हुआ.
इसके बाद सुपर ओवर में दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाए, लेकिन पूरे मैच में सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने के कारण इंग्लैंड को मैच और वर्ल्ड कप का विजेता घोषित किया गया.
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