न्यूजीलैंड के हाथों दूसरे टेस्ट मैच में मिली 7 विकेट की हार के बाद भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया है कि उनकी टीम ने गलतियों से सबक नहीं लिया और ना ही इसमें सुधार किया. भारत को क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के हाथों दूसरे टेस्ट मैच में 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा.
इसी के साथ न्यूजीलैंड ने दो मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 से अपने नाम की और भारत को आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में पहली सीरीज हारने पर मजबूर कर दिया.
कोहली ने मैच के बाद कहा,
“हम इस दौरे पर कोई बहाना नहीं बना रहे हैं. हम सीख रहे हैं और गलतियों में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. टी-20 काफी अच्छा था. वनडे टीम में हमारे युवाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया. यह कुछ सकारात्मक बाते हैं, लेकिन टेस्ट में एक टीम के तौर पर हम अच्छा खेल नहीं दिखा पाए, जैसा कि हम करना चाहते थे.”
उन्होंने कहा, "हमें यह स्वीकार करने की जरूरत है कि हम अच्छे नहीं थे. हमें इन चीजों को गंभीरता से लेना होगा और इसमें सुधार करना होगा."
न्यूजीलैंड के बॉलर्स ने हमें मजबूर किया
कोहली ने माना कि वह और उनके बल्लेबाज न्यूजीलैंड गेंदबाजों के सामने दबाव में दिखे और इस दबाव के कारण ही उनके गेंदबाजों ने बल्लेबाजों को गलती करने के लिए मजबूर किया.
भारतीय कप्तान ने कहा,
“हमने पहले टेस्ट में जज्बा नहीं दिखाया और यहां भी हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन इसके बाद गलतियां दोहराईं. साथ ही न्यूजीलैंड को भी इसका श्रेय दिया जाना चाहिए. उनके गेंदबाजों ने लगातार अच्छे एरिया में गेंदबाजी की. हमारे बल्लेबाजों ने गलतियां कीं और न्यूजीलैंड ने लगातार दबाव बनाए रखा. न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने हम पर दबाव बनाए रखा और हम उसमें फंसे रहे.”
बैटिंग में पूरी तरह रहे फेल
पूरी टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाज बैकफुट पर नजर आए. पहले टेस्ट में उसके बल्लेबाज 165 और 191 जबकि दूसरे मैच में 242 और 124 रन ही बना सके.
कोहली ने कहा,
“आमतौर पर हमारे बल्लेबाज फाइट करते हैं, लेकिन यहां बल्लेबाजों ने कुछ खास नहीं किया, जिससे कि गेंदबाजों को आक्रमण करने का मौका मिले. यह निराशाजनक है जब टीम के बल्लेबाज अपने गेंदबाजों का साथ ना दें. घर के बाहर सीरीज और मैच जीतने के लिए आपको गेंद, बल्ले और फील्ड में एक संतुलित प्रदर्शन करने की जरूरत होती है. हमें अब इस पर विचार करना होगा कि क्या गलत हुआ.”
हालांकि, भारतीय कप्तान ने हार का कारण टॉस को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि हमारे खिलाड़ी सीरीज में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए.
उन्होंने कहा, "टॉस एक कारण हो सकता है लेकिन हम उसके बारे में नहीं सोचते. यह आपके नियंत्रण में नहीं होता. हां, टॉस गेंदबाजों को प्रत्येक मैच में पहले दो घंटे तक थोड़ा मदद देता है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आप इस पर विचार नहीं कर सकते. आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देना पड़ता है. इस बार हम अपना बेस्ट खेल नहीं दिखा पाए."
भारतीय टीम अब 12 मार्च से साउथ अफ्रीका के खिलाफ घर में ही 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलेगी. वहीं टेस्ट चैंपियनशिप में भारत की अगली सीरीज साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होनी है.
(इनपुटः IANS)
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