वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में जैसे ही विराट कोहली ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का 60वां शतक ठोका, तो वो महानता के शिखर के एक कदम और करीब आ गए. भारतीय कप्तान ने सिर्फ 107 गेंदों पर 140 रनों की पारी खेली और अब वो रिकॉर्ड 10 हजार रन से सिर्फ 81 कदम दूर हैं.
अपने 10 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में विराट कोहली ने लंबा सफर तय किया है. उन्होंने 73 टेस्ट में 6,331 रन, 212 वनडे मैचों में 9,919 रन और 62 टी20 मैच में 2,102 रन बनाए हैं. दिल्ली के रहने वाले ये खिलाड़ी वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीमों का भी हिस्सा रहे हैं.
29 साल का ये क्रिकेटर अभी से ही वनडे क्रिकेट में शतक बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. वो सिर्फ अब सचिन तेंदुलकर से पीछे हैं. मास्टर ब्लास्टर के पास बल्लेबाजी के सभी बड़े रिकॉर्ड हैं- टेस्ट में सबसे ज्यादा रन, वनडे में सबसे ज्यादा रन, टेस्ट में सबसे ज्यादा सेंचुरी, वनडे में सबसे ज्यादा सेंचुरी.
लेकिन कोहली बड़ी ही तेजी से इन रिकॉर्ड्स को तोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं. जिस तरह की बल्लेबाजी वो अभी कर रहे हैं, अगर अपने बचे हुए करियर में भी यूं ही बल्ला चलाते रहे तो तेंदुलकर के सभी रिकॉर्ड तो टूटेंगे ही, साथ ही वो भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज भी कहलाएंगे.
वनडे में लक्ष्य का पीछा करना हो तो...
अगर एक खिलाड़ी को आंकने की बात आती है, तो सबसे पहला सवाल ये आता है कि इस खिलाड़ी ने कितनी बार अपने देश को दबाव के हालातों में जीत दिलाई है. और अगर लक्ष्य का पीछा करने की बात हो तो विराट कोहली का कोई तोड़ नहीं.
जब सचिन तेंदुलकर ने अपना करियर खत्म किया था तो लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे ज्यादा सेंचुरी उन्हीं के नाम थीं. 232 पारियों में मास्टर ब्लास्टर ने 17 शतक लगाए वहीं कोहली ने लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 116 पारियों में ही 22 शतक ठोक दिए हैं. औसत में भी 26 का अंतर है जो साफ दिखाता है कि लक्ष्य का पीछा करने के मामले में विराट कोहली सचिन तेंदुलकर से इक्कीस हैं.
चौथी पारी का रिकॉर्ड
ज्यादातर टेस्ट मैचों में, बल्लेबाजी के लिए सबसे मुश्किल वक्त चौथी पारी का होता है. मैच के चौथे और पांचवें दिन जब ओपनर बल्लेबाजी करने आते हैं, तो तब तक पिच वैसे ही खराब हो चुकी होती है. रफ पैच का इस्तेमाल करते हुए स्पिनर्स खासी मुश्किलें पैदा करते हैं और 180 से ज्यादा का भी लक्ष्य मुश्किल ही माना जाता है.
इस मामले में भी विराट कोहली सचिन तेंदुलकर से मीलों आगे हैं. कोहली ने 22 पारियों में चौथी पारी में 51.70 की औसत से रन ठोके हैं. हालांकि कोहली अभी तक चौथी पारी में बल्लेबाजी करते हुए कोई बड़ी जीत तो नहीं दिला पाए हैं लेकिन 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 141, इंग्लैंड में पहले और चौथे टेस्ट में 51 और 58 रन जैसी अच्छी पारियां उन्होंने खेली हैं.
दूसरी तरफ अगर तीसरी पारी की बल्लेबाजी की बात की जाए तो वहां तेंदुलकर का रिकॉर्ड विराट कोहली से बेहतर है.
कप्तानी का रिकॉर्ड
एक कप्तान के तौर पर सचिन तेंदुलकर के लिए चीजें अच्छी नहीं रहीं. ये उनका दुर्भाग्य ही था कि उन्हें अच्छी टीम नहीं मिली. कुछ खिलाड़ियों को लगता था कि क्योंकि सचिन खुद इतने टैलेंटिड हैं इसलिए वो दूसरों से भी उसी प्रदर्शन की उम्मीद करते थे जो कि बहुत मुश्किल है.
टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ 16 % और वनडे में 35.07 % की सफलता का रिकॉर्ड देखा जाए तो सचिन तेंदुलकर यहां विराट कोहली से बहुत ही ज्यादा पीछे हैं. विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने लगातार 9 टेस्ट सीरीज जीती हैं और भारत की साउथ अफ्रीका में पहली वनडे सीरीज भी विराट कोहली की कप्तानी में जीते.
साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड
एक भारतीय बल्लेबाज को तभी सम्मान मिलता है जब वो विदेशी धरती पर जाकर रन बनाए. विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर, दोनों ने ही साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की बाउंसी और स्विंग कंडीशन में अच्छा प्रदर्शन किया है.
अगर टेस्ट की बात करें तो सचिन तेंदुलकर का औसत बेहतर है और अगर वनडे के रिकॉर्ड देखेंगे तो विराट कोहली का SENA देशों में रिकॉर्ड गजब का है. यहां तक कि तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए भी वनडे क्रिकेट में विराट कोहली ने सचिन से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है जिन्होंने अपने करियर में ज्यादातर वक्त ओपनिंग की. खैर, इसमें कोई शक नहीं कि 2011 के बाद से वनडे में आए दो नई गेंदों वाले नियम ने कोहली को फायदा किया है. लेकिन, औसत में जो भारी अंतर उसके हिसाब से तो कोहली को सचिन से वनडे फॉर्मेट में बेहतर ही माना जाएगा.
घर पर रिकॉर्ड
अगर घर पर प्रदर्शन की बात की जाए तो विराट कोहली का प्रदर्शन सचिन तेंदुलकर से काफी बेहतर है. टेस्ट और वनडे में कोहली का औसत बहुत ही अच्छा है.
हालांकि सचिन तेंदुलकर वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी थे लेकिन कोहली 183 के सर्वोच्च स्कोर के साथ अभी इस माइलस्टोन से पीछे हैं. लेकिन अपने करियर के बचे हुए सालों में कोहली ये रिकॉर्ड भी अपने नाम कर सकते हैं.
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