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IND VS PAK: क्या थी पाकिस्तान की सबसे बड़ी गलती?

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असल में तो ये मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैच का एक्शन रीप्ले था. पाकिस्तानी टीम ने भी वही गलती की जो ऑस्ट्रेलिया की टीम ने की थी. वो गलती है टॉस जीतने के बाद भी भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी का मौका देना. फिर लक्ष्य का पीछा करते समय शुरूआती बल्लेबाजों का अति सुरक्षात्मक रवैया. इन दोनों जीत में दो फर्क हैं, एक बारिश की लुका-छिपी और दूसरा भारत-पाकिस्तान मैच में हार का अंतर.

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ये अंतर बड़ा इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान की टीम ने एक बड़ी गलती के साथ-साथ कई और गलतियां भी कर डालीं. सबसे बड़ी गलती तो टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला करने की थी. जिसका जिक्र हमने किया.

आप ही सोचिए, जो पाकिस्तान की टीम 6 में से 5 बार लक्ष्य का पीछा करने में हार चुकी है उसका कप्तान सातवीं बार भी पहले गेंदबाजी का फैसला करता है. मैनचेस्टर की पिच से गेंदबाजों को मिलने वाली जिस मदद की उम्मीद उन्होंने की थी वो उम्मीद टूटी और भारत के खिलाफ वर्ल्ड कप में जीत का सपना भी.

बल्लेबाजी में भारत ने दिखाया दम

रोहित शर्मा ने 113 गेंदों पर बनाए 140 रन जिसमें 14 चौके और 3 छक्के शामिल हैं
(फोटो: Cricket World Cup)

भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जैसे ही तीन सौ रनों के आंकड़े को छुआ ये बात समझ आ गई कि पाकिस्तान की टीम अब मुकाबले से बाहर हो चुकी है. वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना सबसे बड़ा 336 रनों का स्कोर बनाकर ही जीत तय कर ली थी. इसका श्रेय जाता है वर्ल्ड कप में दूसरा शतक लगाने वाले रोहित शर्मा को. जिन्होंने शानदार बल्लेबाजी की.

रोहित शर्मा के अलावा केएल राहुल और विराट कोहली ने भी अर्धशतक लगाया. इसी पारी के दौरान विराट कोहली ने अपने वनडे करियर के 11000 रन भी पूरे किए. थोड़ी बात दूसरी गलतियों पर भी करनी चाहिए.

अव्वल तो पाकिस्तानी टीम ने रोहित शर्मा को कई मौके दिए. इसके अलावा पाकिस्तानी गेंदबाजों ने बेवजह शॉर्ट गेंदबाजी करने के अलावा अतिरिक्त रन दिए. पाकिस्तानी स्पिनर्स भी बेअसर रहे.

अब उस बड़े मुद्दे पर आते हैं कि आखिर क्या वजह है कि पाकिस्तान की टीम हर बार विश्व कप में भारत से हार जाती है. बार-बार एक जैसी गलतियां क्यों होती हैं. इसे भी समझना होगा क्योंकि पाकिस्तान की टीम की असली मुसीबत की जड़ में यही बातें हैं.

अनुशासन में रहना और दबाव से दूरी

भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाजों की बल्लेबाजी देखिए आपको समझ आ जाएगा कि विरोधी टीम के खिलाड़ियों को इज्जत कैसे दी जाती है. भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के बाद पाकिस्तान के गेंदबाजों को भी संभलकर खेला.

क्रिकेट में जीत एक प्रॉसेस के तहत मिलती है और ये अनुशासन उसी प्रॉसेस का हिस्सा है. मैच को लेकर चलने वाली तमाम चर्चाओं से भारतीय टीम खुद को दूर रखती है. टीम के खिलाड़ी मानते हैं कि भले ही रिकॉर्ड्स में पाकिस्तान कमजोर दिख रही हो लेकिन वो उसे किसी भी हाल में हल्के में नहीं लेंगे. कप्तान कोहली खुद भी कहते हैं कि वो अपनी टीम की क्षमता पर फोकस करेंगे फिर विरोधी टीम कोई भी हो. वो टीम की क्षमता ही उसके खिलाड़ियों की प्लानिंग में दिखाई देती है.

रिवर्स स्विंग ना होना बड़ा सरदर्द

मोहम्मद आमिर ने भारत के 3 विकेट चटकाए और वहाब रियाज ने एक विकेट अपने नाम किया
(फोटो: PCB)

पाकिस्तान की टीम के तेज गेंदबाजों की दिक्कत यहीं से शुरू होती है अगर गेंद रिवर्स स्विंग ना हो. जब से वनडे क्रिकेट में दो गेंद इस्तेमाल की जाने लगी तब से पाकिस्तानी गेंदबाजों की ताकत भी आधी हो जाती है. हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में जब पाकिस्तान की टीम लगातार हारी तो सेलेक्टर्स ने मोहम्मद आमिर और वहाब रियाज को टीम में वापसी के लिए कहा.

इन दोनों गेंदबाजों की वापसी का फायदा भी पाकिस्तान की टीम को अब तक नहीं मिला. मोहम्मद आमिर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच विकेट जरूर लिए लेकिन उनकी टीम मैच जीत नहीं पाई. भारत के खिलाफ भी उन्होंने मायूस किया.

पाकिस्तान में असमय हो रही है क्रिकेट की मौत

बात एक दशक से भी ज्यादा पुरानी है लेकिन है बहुत पते की. पाकिस्तानी क्रिकेट के हुक्मरान शायद इस कमी को या तो गंभीरता से समझ नहीं रहे हैं या फिर उनके पास इस परेशानी से निकलने का अब कोई रास्ता नहीं है.

श्रीलंका की टीम पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की असमय मौत हुई है. पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेट पर इसका बहुत बुरा असर हुआ है. पाकिस्तान की टीम अब या तो विदेशी जमीन पर खेलती है या फिर दुबई में. जिस तरह का टैलेंट पाकिस्तान की टीम में आना चाहिए वो नहीं आता. नतीजा पाकिस्तान की टीम को मोस्ट अनप्रेडिक्टेबल टीम का दर्जा तो मिल जाता है लेकिन जीत नहीं मिलती.

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