पहली बार चैंपियन बनने से एक कदम दूर खड़ी इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान ऑयन मॉर्गन ने साफ तौर पर कहा है कि रविवार को होने वाला फाइनल कम स्कोर वाला मैच होगा और काफी कड़ा मुकाबला होगा.
साथ ही मॉर्गन ने कहा कि आक्रामकता उनकी टीम की खास विशेषता है और न्यूजीलैंड के साथ होने वाले फाइनल में भी इसे कायम रखना चाहेगी.
वर्ल्ड कप के शुरू होने से पहले बड़े स्कोर बनने के दावे किए गए थे और यहां तक उम्मीद जताई गई थी कि वनडे क्रिकेट में पहली बार 500 रन देखने को मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है.
कोई भी टीम अभी तक टूर्नामेंट में 400 का भी आंकड़ा पार नहीं कर पाई है. सबसे बड़ा स्कोर 397 रन का रहा, जो इंग्लैंड ने अफगानिस्तान के खिलाफ बनाया था. वहीं, कई मौकों पर लो-स्कोरिंग मैचों में काफी करीबी मुकाबला देखने को मिला. इसको देखते हुए मॉर्गन ने उम्मीद जताई कि फाइनल मैच लो-स्कोरिंग रहेगा.
मॉर्गन ने न्यूजीलैंड की तारीफ की, जिसने कई मैचों में 300 से नीचे के स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया है.
“मुझे लगता है कि न्यूजीलैंड ने शानदार काम किया है. लॉर्ड्स हाई स्कोरिंग वाला मैदान नहीं है, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि फाइनल भी हाई स्कोरिंग मैच नहीं होने वाला है. यह थोड़ा टक्कर वाला होगा.”ऑयन मॉर्गन, इंग्लैंड कप्तान
मॉर्गन ने फाइनल से पहले शनिवार 13 जुलाई को प्रेस कांफ्रेंस में कहा,
“आक्रामक क्रिकेट हमारी खासियत है और मुझे लगता है कि यह हमें अधिक सकारात्मक और आक्रामक बनाने में मदद करती है. यह हमें थोड़ा स्मार्ट बनाती है कि हमें कैसे खेलना है.”ऑयन मॉर्गन, इंग्लैंड कप्तान
इंग्लैंड की टीम 27 साल बाद पहला फाइनल खेल रही है और ये मौका उन्हें अपनी ही जमीन पर मिला है. इस पर मॉर्गन ने कहा-
“मुझे लगता है कि यह आरामदायक है और घर में होना शानदार है. मैं फाइनल को लेकर उत्साहित हूं. हम इसका आनंद लेना चाहते हैं. यह वर्ल्ड कप फाइनल है और इसमें कुछ भी हो सकता है.”ऑयन मॉर्गन, इंग्लैंड कप्तान
मॉर्गन ने साथ ही कहा कि इस टीम का हिस्सा होना हर खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ी बात है.
“इस ड्रेसिंग रूम में होना मेरे लिए और हर किसी के लिए एक बड़ी बात है. यह चार साल की कड़ी मेहनत, समर्पण, बहुत सारी योजनाओं का परिणाम है.”ऑयन मॉर्गन, इंग्लैंड कप्तान
दोनों टीमें पहली बार एक-दूसरे के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में उतरेंगी. इंग्लैंड का ये चौथा फाइनल है, जबकि न्यूजीलैंड दूसरी बार ही फाइनल में पहुंची है. हालांकि दोनों में से कोई भी आजतक वर्ल्ड चैंपियन नहीं बन पाया है.
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