भारत के पूर्व सुपरस्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने कहा है कि मौजूदा टीम में तीनों प्रारूपों में खेलने वाले विराट कोहली और रोहित शर्मा को छोड़कर कोई ज्यादा रोल मॉडल नहीं है. उन्होंने साथ ही कहा कि टीम में सीनियरों के सम्मान की आदत भी कम होती जा रही है. युवराज ने यह बातें मंगलवार 7 अप्रैल को रोहित से इंस्टाग्राम लाइव पर कहीं.
देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन और कोरोनावायरस के कारण सभी तरह के खेल आयोजन स्थगित हैं. ऐसे में भारतीय खिलाड़ी अलग अलग तरीकों से अपना वक्त गुजार रहे हैं.
भारतीय वनडे और टी20 टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा भारतीय टीम के अपने साथियों के साथ इंस्टाग्राम लाइव कर रहे हैं. इससे पहले रोहित ने युजवेंद्र चहल और जसप्रीत बुमराह के साथ भी बातचीत की थी. इसी कड़ी में मंगलवार को रोहित ने अपने पुराने साथी युवराज के साथ बात की.
पहले सीनियर खिलाड़ी अनुशासन में रहते थे
रोहित ने जब युवराज से पूछा कि टी-20 विश्व कप 2007 और वनडे विश्व कप 2011 जीतने वाली टीम और मौजूदा टीम में क्या अंतर है तो युवराज ने कहा,
“जो अंतर मुझे हमारी टीम में और अभी की टीम में नजर आता है तो वो यह है कि हमारे समय में सीनियर खिलाड़ी बड़े अनुशासन में रहते थे. सोशल मीडिया था नहीं तो भटकाव नहीं होता था.”
उन्होंने कहा, "हमें एक निश्चित तरीके से अपने आप को संभालना होता था. हम अपने सीनियर खिलाड़ियों की तरफ देखते थे कि वो मीडिया में किस तरह से बातें कर रहे हैं और बाकी सब. वह आगे से नेतृत्व करते थे. यही हमने उनसे सीखा और आप लोगों को भी बताया."
मौजूदा टीम में रोल मॉडल कम
भारत को 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज ने कहा कि सोशल मीडिया के आने के बाद से बहुत कम खिलाड़ियों की ओर देखा जा सकता है. युवराज ने कहा,
“इस टीम में सीनियर जैसे की आप (रोहित) और विराट, जो तीनों प्रारूप खेलते हैं. मुझे लगता है कि जबसे सोशल मीडिया आया है तब से बहुत कम ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी तरफ देखा जा सकता है. सीनियरों के प्रति सम्मान काफी कम हो गया है.”
युवराज ने हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल के कॉफी विद करण शो पर हुए विवाद का हवाला देते हुए लिखा, "राहुल और हार्दिक का मामला ले लीजिए. हम सोच नहीं सकते थे कि ऐसा होगा. यह उनकी भी गलती नहीं है. आईपीएल के अनुबंध भी काफी लंबे होते हैं. खिलाड़ी भारत के लिए नहीं खेलते तब भी काफी पैसा आता है."
युवराज ने कहा,
“आपको मार्गदर्शन के लिए सीनियर चाहिए होते हैं. सचिन ने हमेशा मुझसे कहा कि अगर आप मैदान पर अच्छा करोगे तो सब कुछ सही होगा. मैं एनसीए में था और देखा खिलाड़ी टेस्ट मैच नहीं खेलना चाहते. दूसरी पीढ़ी टेस्ट मैच खेलना नहीं चाहती यही क्रिकेटरों का असली टेस्ट है.”
भारत के लिए करीब 300 वनडे और 40 टेस्ट मैच खेलने वाले युवराज सिंह ने मई 2019 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. अपने संन्यास के बाद से युवराज ने कई बार कहा है कि टीम मैनेजमेंट ने आखिरी सालों में उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार नहीं किया.
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