आखिरी गेंद के विवाद में फंसकर यजुवेंद्र चहल के प्रदर्शन पर बात रह जाए तो उनके साथ अन्याय होगा. मुंबई और बंगलुरू के मैच में यजुवेंद्र चहल ने कमाल का ‘स्पेल’ किया जो निर्णायक साबित होते- होते रह गया. आखिरी गेंद पर अगर अंपायरों ने लसित मलिंगा की गेंद को नो-बॉल करार दिया होता तो बाजी पलट सकती थी. ऐसी सूरत में एबी डीविलियर्स क्रीज पर होते और आखिरी गेंद पर जीत के लिए 6 रनों की दरकार होती. बाद में अंपायरों की इस गलती पर आरसीबी के कप्तान विराट कोहली ने खुलकर गुस्सा भी जाहिर किया.
हालांकि कोई भी खेल अगर-मगर से नहीं खेला जाता. रिकॉर्ड बुक में यही दर्ज होगा कि जीत मुंबई के खाते में गई. हां, लेकिन गुरूवार को यजुवेंद्र चहल ने जिस दिलेरी से गेंदबाजी की, वो सुपर-डुपर तारीफ के काबिल है.
मुंबई के खिलाफ मैच में यजुवेंद्र चहल ने चार ओवर में 38 रन देकर 4 विकेट लिए. फॉलोथ्रू में एक कैच उनसे छूटा वरना वो पांच विकेट चटकाने में कामयाब होते. फिलहाल सीजन के पहले हफ्ते में ‘पर्पल कैप’ उनके कब्जे में आ चुकी है. दिलचस्प बात ये है कि इन 38 रनों में 20 रन चहल के एक ही ओवर में बने. बावजूद इसके उन्होंने अपनी रणनीति में कोई परिवर्तन नहीं किया. वो एक ओवर में 20 रन पड़ने के बाद भी विकेट लेने की कोशिश करते रहे ना कि रन रोकने की. बाकि के तीन ओवरों में उन्होंने 18 रन ही दिए. यजुवेंद्र चहल के स्पेल को इन आंकड़ों में देखते हैं फिर बात आगे बढ़ाएंगे.
बिना डरे गेंदबाजी का मिला ईनाम
- चहल ने अपने पहले ओवर में 4 रन देकर एक विकेट लिया. क्विंटन डी कॉक बने पहला शिकार
- दूसरे ओवर में चहल ने 8 रन दिए
- तीसरे ओवर में चहल ने 20 रन दिए. युवराज सिंह ने लगातार 3 छक्के लगाए फिर विकेट भी दिया
- चौथे ओवर में चहल ने 6 रन देकर 2 विकेट लिए. सूर्यकुमार यादव और कीरॉन पोलार्ड को आउट किया
एक के बाद एक लगातार गिरे इन विकेटों की वजह से ही मुंबई को 200 रनों के भीतर रोका जा सका. वरना युवी, सूर्यकुमार और पोलार्ड में से अगर कोई एक बल्लेबाज भी क्रीज पर रह गया होता तो मुंबई की टीम 200 रनों के पार स्कोर बनाती. मुंबई के लिए कमाल किया हार्दिक पांड्या ने जिन्होंने 14 गेंद पर 32 रन बनाकर स्कोर को दो सौ रनों के पास तो पहुंचा ही दिया जो आरसीबी को भारी पड़ा.
क्या रही यजुवेंद्र चहल की खासियत?
यजुवेंद्र चहल ने खुद कहा कि तीन छक्के पड़ने के बाद भी वो युवराज सिंह को आउट करने की सोच रहे थे. उनकी इस हिम्मत की दाद कॉमेंट्री टीम के सभी सदस्यों ने की. सभी ने कहा कि चहल ऐसे स्पिनर हैं जो रन रोकने की बजाए विकेट लेने की सोचते हैं. दरअसल आरसीबी के साथ साथ टीम इंडिया में भी उनके कप्तान विराट कोहली ने उन्हें यही रोल दिया भी है. इसीलिए चहल ने बल्लेबाजों को उस लाइन पर गेंद फेंकी जहां वो बड़े शॉट्स जरूर मारें. वो अपनी ‘पेस’ में ‘वेरिएशन’ करते रहे और ‘स्टंप टू स्टंप’ गेंदबाजी करते रहे. जिसका अच्छा नतीजा उन्हें मिला.
चहल के प्रदर्शन पर क्यों सभी की हैं निगाहें?
दरअसल, पिछले कुछ अंतर्राष्ट्रीय मैच यजुवेंद्र चहल के लिए अच्छे नहीं रहे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में उनकी जमकर पिटाई हुई थी. आखिरी मैच में उन्होंने 10 ओवर में 80 रन लुटा दिए थे और उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला था. इसके बाद से ही ये चर्चा थी कि 2019 विश्व कप के लिहाज से आईपीएल में चहल की गेंदबाजी पर सभी की नजर रहेगी. विश्व कप की टीम में चहल की जगह 200 फीसदी तय है लेकिन उनके हालिया फॉर्म और आत्मविश्वास का असर निश्चित तौर पर विश्व कप में भी दिखाई देगा.
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