चेन्नई (CSK) पर बेंगलुरू (RCB) की जीत में विराट (Virat Kohli) के एक हथियार की विशेष भूमिका रही. इस बॉलर ने धोनी (Dhoni) के दो ओपनरों को सस्ते में निपटा दिया. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पास विराट कोहली और एबी डिविलियर्स जैसे दिग्गज तो बहुत सालों से जुड़ें हैं.
गेंदबाजी के मोर्चे पर युजवेंद्र चहल उनके लिए किसी दिग्गज से कम भी नहीं. लेकिन, अगर आईपीएल सीजन 2020 में किसी एक खिलाड़ी ने अपने दम पर बेंगलुरु को एक बेहद अच्छी टीम के तौर पर उभरने का मौका दिया तो वो हैं चेन्नई के स्पिनर वाशिंगटन सुंदर.
ऊंगलियों पर गेंद नचाने वाले सुंदर
पिछले ही हफ्ते अपना 21वां जन्म-दिन मनाने वाले सुंदर कई मायनों में अपवाद हैं. सुंदर फटाफट फॉर्मेट में भी एक ‘सुंदर ऑफ स्पिनर ‘ की अहमियत को फिर से प्रासंगिक बना रहे हैं.
जिस दौर में और खास तौर पर टी20 में कलाई वाले स्पिनर की तूती बोल रही है, वहां सुंदर अपनी ऊंगली के जरिये स्पिनर के तौर पर पुरानी कला को फिर से जीवंत करने के प्रयास में जुटे हैं.
किसी भी गेंदबाज के लिए टी20 या फिर आईपीएल में सबसे मुश्किल चुनौती होती है नई गेंद से शुरुआत. स्पिनर के लिए ये चुनौती और बढ़ जाती है. लेकिन, अब तक पावरप्ले के दौरान सुंदर, कोहली के लिए तुरुप के इक्के बनकर उभरे हैं.
संयोग का तुक्का नहीं, लगातार सुंदर गेंदबाजी
चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ शेन वॉटसन और फैफ डूप्लेसी जैसे अनुभवी और खतरनाक ओपनर को सुंदर ने अपने पहले 2 ओवर्स में सिर्फ 11 रन देकर चलता किया. लेकिन, ये सिर्फ तुक्का नहीं बल्कि उनकी आदत बन चुकी है.
मुंबई के खिलाफ 3 ओवर में 7 रन और 1 विकेट, राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 2 ओवर में 12 रन, और दिल्ली के खिलाफ 3 ओवर में 17 रन,. कुल 10 ओवर की गेंदबाजी में सुंदर ने सिर्फ 3 चौके दिए हैं और उनका इकॉनोमी रेट 4.70 जिसे असाधारण ही कहा जा सकता है.
सुंदर के साथ सौतेला बर्ताव?
यही वजह है कि शुरुआती मैचों में कोहली जब सुंदर को ना तो पूरे 4 ओवर की गेंदबाजी करा रहे थे और ना ही पॉवर-प्ले में उनका इस्तेमाल कर रहे थे तो जानकार हैरान थे.
पिछले साल भी कोहली ने उन्हें सिर्फ 3 मैच खिलाए और महज 9 ओवर की बॉलिंग कराई. एक भारतीय कप्तान का ऐसा फैसला बेहद हैरान करने वाला था क्योंकि अब तक भारत के लिए 23 टी20 इंटरनेशनल में 19 विकेट के साथ-साथ सुंदर ने 7 से भी कम रन प्रति ओवर खर्च किए हैं.
अगर आईपीएल के इतिहास में सबसे किफायती गेंदबाजों की सूची पर नजर डालें तो सुंदर टॉप 10 में शुमार हैं(ऐसे गेंदबाज जिन्होंने कम से कम 25 मैच तो खेलें हों). इस सूची में वो राशिद खान, अनिल कुंबले, मुथैया मुरलीधरण, सुनील नरेन, डेनियल विटोरी और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों के साथ हैं.
इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड दौरे पर मैंने खुद टी20 सीरीज के दौरान कप्तान कोहली और रवि शास्त्री को सुंदर के साथ नेट प्रैक्टिस के दौरान अलग से समय बिताते देखा. ऐसा आभास हुआ कि कप्तान-कोच इस युवा गेंदबाज को टी20 वर्ल्ड कप के लिए एक अहम खिलाड़ी मानते हैं.
सुंदर ही नहीं सुशील भी
सुंदर के बारे में मीडिया में वैसी चर्चा नहीं हो पाती है जिसके वो हकदार हैं. इसकी वजह है उनका खुद विनम्र होना. मौजूदा पीढ़ी के बाकी खिलाड़ियों के विपरीत सुंदर पंरपरावादी खिलाड़ी दिखते हैं, जो चुपचाप अपना काम करते हैं और बस लाइमलाइट से दूर रहतें हैं. लेकिन, जब सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज ये कहें कि- बल्लेबाज के पैरों को आखिरी समय तक देखते रहना और फिर उसके मुताबिक अपनी लाइन और लेंथ में
बदलाव करना एक खास योग्यता है, तो आप समझ लें कि सुंदर वाकई में बहुत ही सुंदर गेंदबाज हैं.
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