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CWG2022:खेलो इंडिया बजट-यूपी का 1 पदक 251 करोड़ तो हरियाणा का 4 करोड़ रु. में पड़ा

2016 के सर्वे में देश के 62% सरकारी स्कूलों में मैदान नहीं थे, 2018 तक ओडिशा के 3 में से 2 स्कूलों में मैदान नहीं थे

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बर्मिंघम में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की पदक तालिका में भारत चौथे पायदान पर रहा. भारत ने अपनी झोली में 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 61 पदक डाले. भारत के नाम जो 61 पदक हुए हैं, उसके पीछे कुल 107 पदकवीरों का योगदान रहा है. राज्यों के प्रतिनिधित्व के अनुसार सबसे बेहतरीन प्रदर्शन क्रमश: हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, दिल्ली और महाराष्ट्र का रहा है. लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि केंद्र सरकार द्वारा खेलो इंडिया योजना के तहत जिन राज्य को भारी-भरकम राशि दी गई वहां से पदक काफी कम आए हैं. बजट के हिसाब से यूपी के 2 पदक 251 और गुजरात के 4 मेडल 152 करोड़ रुपये के पड़े हैं. आइए जानते हैं किस राज्य की झोली केंद्र सरकार ने बजट से भरी वहीं बदले में उन राज्यों ने पदकों का या तो सूखा दिखाया या बूंद मात्र का प्रदर्शन किया.

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खेलों इंडिया में किस राज्य को कितना बजट दिया गया

हाल ही में 2 अगस्त 2022 को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री की ओर से खेलो इंडिया स्कीम के तहत राज्यों को कितनी राशि सैंक्शन की गई है उसकी जानकारी दी गई है. खेलो इंडिया स्कीम के तहत 2754.28 करोड़ रुपये की राशि दी गई है. राज्यवार इतनी राशि जारी की गई है :

  1. अंडमान-निकोबार : 7.23

  2. आंध्र प्रदेश : 33.80

  3. अरुणाचल प्रदेश : 183.72

  4. असम : 47.68

  5. बिहार : 50.83

  6. छत्तीसगढ़ : 20.65

  7. दिल्ली : 89.36

  8. गोवा : 19.10

  9. गुजरात : 608.37

  10. हरियाणा : 88.89

  11. हिमाचल प्रदेश : 38.10

  12. जम्मू और कश्मीर : 27.89

  13. झारखंड : 10.38

  14. कर्नाटक : 128.52

  15. केरल : 62.74

  16. लद्दाख : 14.28

  17. लक्षद्वीप : 9.00

  18. मध्यप्रदेश : 85.64

  19. महाराष्ट्र : 110.80

  20. मणिपुर : 80.45

  21. मेघालय : 28.00

  22. मिजोरम : 39.00

  23. नागालैंड : 45.00

  24. ओडिशा : 28.00

  25. पुदुचेरी : 16.02

  26. पंजाब : 93.71

  27. राजस्थान : 112.26

  28. सिक्किम : 25.83

  29. तमिलनाडु : 33.00

  30. तेलंगाना : 24.11

  31. त्रिपुरा : 38.35

  32. उत्तर प्रदेश : 503.02

  33. उत्तराखंड : 23.78

  34. पश्चिम बंगाल : 26.77

नोट : राशि करोड़ रुपये में है.

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में किस राज्य के कितने पदकवीर रहे हैं?

2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को 61 पदक दिलाने में कुल 107 खिलाड़ियों का योगदान रहा है. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, झारखंड और महाराष्ट्र ने पदकों के लिहाज से बढ़िया प्रदर्शन किया वहीं यूपी, एमपी, कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों ने निराश किया. द ब्रिज डॉट कॉम के अनुसार इस बार कॉमनवेल्थ में राज्यवार प्रदर्शन कुछ इस तरह रहा है.

राज्य खिलाड़ी पदक

  • हरियाणा : 38 : 24

  • पंजाब : 26 : 18

  • तमिलनाडु : 17 : 4

  • दिल्ली : 14 : 8

  • महाराष्ट्र : 14 : 7

  • केरल : 13 : 5

  • उत्तर प्रदेश : 12 : 2

  • कर्नाटक : 10 : 2

  • झारखंड : 8 : 8

  • असम : 7 : 1

  • मणिपुर : 7 : 3

  • तेलंगाना : 7 : 7

  • गुजरात : 5 : 4

  • ओडिशा : 5 : 2

  • आंध्र प्रदेश : 4 : 1

  • राजस्थान : 4 : 0

  • उत्तराखंड : 4 : 3

  • पश्चिम बंगाल : 4 : 1

  • चंडीगढ़ : 3 : 3

  • अंडमान और निकोबार : 2 : 0

  • हिमाचल प्रदेश : 2 : 1

  • मध्यप्रदेश : 2 : 1

  • मिजोरम : 2 : 2

  • छत्तीसगढ़ : 1 : 0

  • जम्मू और कश्मीर : 1: 0

  • त्रिपुरा : 1 : 0

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बजट के अनुसार कितने का पड़ा पदक?

यहां पर हम उन शीर्ष 10 राज्यों के आंकड़ों के बारे में बात करेंगे जिन्हें खेलो इंडिया में सबसे ज्यादा राशि सैंक्शन की गई है.

  1. गुजरात : 608.37 करोड़ रुपये : 4 पदक मिले : 152.09 करोड़ रुपये का एक पदक

  2. उत्तर प्रदेश : 503.02 करोड़ रुपये : 2 पदक मिले : 251.51 करोड़ रुपये का एक पदक

  3. अरुणाचल प्रदेश : 183.72 करोड़ रुपये : एक भी खिलाड़ी ने प्रतिनिधित्व नहीं किया

  4. कर्नाटक : 128.52 करोड़ रुपये : 2 पदक मिले : 64.26 करोड़ रुपये का एक पदक

  5. राजस्थान : 112.26 करोड़ रुपये : 0 पदक मिले : एक भी पदक नहीं मिला

  6. महाराष्ट्र : 110.80 करोड़ रुपये : 7 पदक मिले : 15.82 करोड़ रुपये का एक पदक

  7. पंजाब : 93.71 करोड़ रुपये : 18 पदक मिले : 5.20 करोड़ रुपये का एक पदक

  8. दिल्ली : 89.36 करोड़ रुपये : 8 पदक मिले : 11.17 करोड़ रुपये का एक पदक

  9. हरियाणा : 88.89 करोड़ रुपये : 24 पदक मिले : 3.70 करोड़ रुपये का एक पदक

  10. मध्य प्रदेश : 85.64 करोड़ रुपये : 1 पदक मिला : 85.64 करोड़ रुपये का एक पदक

इस साल केंद्रीय बजट में खेलो इंडिया का बजट बढ़ाया गया था, जबकि भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के बजट पर कैंची चलाई गई थी. खेलो इंडिया में 316 करोड़ 29 लाख रुपए का इजाफा किया गया था. जबकि SAI के बजट में सात करोड़ 41 लाख रुपए की कटौती की गई थी. साई वह संस्था है जो देश के खिलाड़ियों को खेलने की चीजें, सुविधाएं आदि मुहैया करवाती है. इसके अलावा नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड को 25 करोड़ से घटाकर 16 करोड़ कर दिया गया था.

स्कूलों में मैदानों की कमी, ऐसे में कैसे बढ़ेंगे पदक?

2016 में अखिल भारतीय स्कूल शिक्षा सर्वेक्षण ने कितने स्कूल परिसर में खेल के मैदान हैं, इसे लेकर एक सर्वेक्षण किया था. सर्वे में पता चला कि देश के केवल 38% सरकारी स्कूलों में खेल के मैदान हैं, यानी 62 फीसदी स्कूलों में खेल के मैदान नहीं थे. प्राइवेट या निजी स्कूलों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी. देश के 48 फीसदी निजी स्कूलों में ही खेल के मैदान थे. वहीं मार्च 2020 में, शिक्षा पर बनी एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें कहा गया था कि 2018 तक ओडिशा के तीन में से दो स्कूलों में खेल का मैदान नहीं थे.

2021 में ओलंपिक गेम्स होने थे इसके बावजूद केंद्र सरकार ने खेल बजट में 8.16% की कटौती की थी. हालांकि इस साल पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ोत्तरी की गई है.

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