दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की याचिका को खारिज करते हुए कुश्ती महासंघ को सलेक्शन ट्रायल का आदेश देने से मना कर दिया है.
सुशील ने अपनी याचिका में 74 किलो भारवर्ग में भारत के प्रतिनिधित्व के लिए उनके और नरसिंह पंचम के बीच ट्रायल कराने की मांग उठाई थी.
कोर्ट के इस फैसले के बाद पहलवान नरसिंह पंचम यादव के रियो ओलंपिक जाने का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है.
कोर्ट ने पूछा- सुशील के खिलाफ क्यों न हो कार्रवाई?
हाईकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई करते हुए कुश्ती महासंघ की दलील को सही माना कि इस भारवर्ग में नरसिंह पंचम यादव बेहतर उम्मीदवार हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष राज सिंह को नोटिस जारी किया है.
इस नोटिस में कोर्ट ने पूछा है कि झूठा हलफनामा देने के लिए सुशील कुमार के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए?
अदालत ने ये भी कहा कि चूंकि ओलंपिक अगस्त में होने हैं, लिहाजा पूरी संभावना है कि अभी चयन ट्रायल कराने पर कोई पहलवान घायल हो जाए.
सुशील ने रियो ओलंपिक में 74 किलो भारवर्ग में भारत के प्रतिनिधित्व करने वाले उम्मीदवार को तय करने के लिए सलेक्शन ट्रायल कराने की मांग उठाई थी. सुशील ने इसी संबंध में कोर्ट में याचिका देकर कुश्ती महासंघ को इसके लिए आदेश देने की मांग की थी.
कुश्ती महासंघ ने इसका यह कहकर विरोध किया था कि नरसिंह सुशील से बेहतर उम्मीदवार हैं. महासंघ ने कहा था कि नरसिंह ने पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर कोटा हासिल किया था.
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