(फेसबुक लाइव की ये स्टोरी पहली बार 25 जुलाई, 2016 को क्विंट हिंदी पर छापी गई थी. अपने पाठकों के लिए हम इसे फिर से पेश कर रहे हैं.)
Live चैट में हुई बातचीत:-
कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसे हर कोई जानता और खेलता है फिर भी लीग से पहले इसे प्रसिद्धी नहीं मिल पाई थी.
सुपर रेड, सुपर टैकल और भी कई ऐसे बदलाव लाए गए हैं जिसके बाद इस खेल ने रफ्तार और रोमांच पकड़ लिया.
एशियन गेम्स में जीत के बावजूद लोग इस खेल के बारे में नहीं जानते थे. लीग ने खेल और खिलाड़ियों को उसकी असली पहचान दिलाई.
भारत का पारंपरिक खेल कबड्डी आज धमाल मचा रहा है. यह अब गांव का खेल नहीं रह गया है और इसका श्रेय प्रो कबड्डी लीग को जाता है. इस लीग का चौथे सीजन में भी इस खेल और खिलाड़ियों का धमाल जारी है.
हालांकि, पारंपिक कबड्डी से हटकर इसमें कुछ बदलाव लाए गए हैं. इस बदलाव के बारे में क्विंट हिंदी ने बात की हिंदी पट्टी के दर्शकों के लिए कबड्डी की आवाज बन चुके कमेंटेटर सुनील तनेजा और पिछले सीजन की विजेता टीम पटना पायरेट्स के खिलाड़ियों के साथ.
प्रो कबड्डी की रफ्तार और रोमांच का ही जादू है जिसने आईपीएल के बाद इस लीग को बेहद चर्चित और लोकप्रिय बना दिया है. इस खेल को प्रो कबड्डी ने ऐसा बदल डाला कि सेलिब्रिटिज भी इस के फैन बनते जा रहे हैं.
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