फीफा वर्ल्ड कप 2018 में मंगलवार रात 11.30 बजे ग्रुप-डी के दो अहम मैच खेले जाएंगे- क्रोएशिया Vs आइसलैंड और अर्जेंटीना Vs नाइजीरिया
ग्रुप-डी यानी कि पिछले वर्ल्ड कप की रनरअप रही अर्जेंटीना का ग्रुप. एक तरीके से इसे ग्रुप ऑफ डेथ ही कह लीजिए. जिस अर्जेंटीना को विश्व कप शुरू होने से पहले हर कोई खिताब का प्रबल दावेदार मान रहा था, अब उसी टीम के टूर्नामेंट में दूसरे राउंड में पहुंचने के भी लाले पड़ रहे हैं. उम्मीदें अगर-मगर के खेल में फंस गई हैं. अगर अर्जेंटीना विश्व कप से बाहर होती है तो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर कहे जाने वाले लियोनेल मेसी की साख पर ऐसा बट्टा लगेगा जिसे वो जिंदगीभर नहीं मिटा पाएंगे.
कैसे हुई अर्जेंटीना की ये हालत?
दरअसल साउथ अमेरिका की इस ‘मजबूत’ कहे जाने वाली इस टीम ने अभी तक बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है. टीम के न तो डिफेंस में कुछ कमाल दिखता है और न ही अटैक में कोई पैनापन. पूरी तरह से ये टीम इकलौते मेसी की ओर नजर गड़ाए रहती है कि वो ही इन्हें प्लेट में जीता हुआ मैच परोस कर दे दें लेकिन दुख की बात तो ये कि खुद मेसी ही फॉर्म में नहीं हैं.
आइसलैंड के खिलाफ पहले मुकाबसे में मेसी ने आसान पेनल्टी मिस की और अर्जेंटीना ने खुद से बेहद कमजोर टीम के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेला. उसके बाद क्रोएशिया ने मेसी की टीम को दौड़ा-दौड़ा कर 3-0 से पीटा. अब अपने ग्रुप में अर्जेंटीना का एक मैच बचा है और वो भी खतरनाक ‘Super Eagles’ कही जाने वाली नाइजीरिया टीम से.
क्या है आगे जाने का ‘मंत्र’?
अर्जेंटीना को हर हाल में नाइजीरिया के खिलाफ जीत चाहिए. अगर मैच ड्रॉ भी हुआ तो उनके लिए दरवाजे बंद हो जाएंगे
अर्जेंटीना को ये भी दुआ करनी है कि क्रोएशिया आइसलैंड को हरा दे.
अगर आइसलैंड क्रोएशिया को हराती है तो जितने गोल से वो क्रोएशिया को हराएंगे, उससे दो गोल ज्यादा से अर्जेंटीना को नाइजीरिया को हराना होगा.
फुटबॉल के लगभग सभी बड़े ईनाम अपने नाम कर चुके लियोनेल मेसी ने कभी भी वर्ल्ड कप ट्रॉफी नहीं जीती है और शायद ये उनका आखिरी मौका है. वो अभी 31 साल के हैं और अगले वर्ल्ड कप में 35 के हो जाएंगे.
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