फीफा वर्ल्ड कप के कुछ रिकॉर्ड्स शायद कभी नहीं टूट सकते. 1950 का विश्व कप फाइनल उरुग्वे और ब्राजील के बीच खेला गया था जिसे देखने स्टेडियम में 1,73,830 दर्शक पहुंचे (अनाधिकारिक आंकड़े दो लाख के करीब बताते हैं) या फिर तुर्की के हाकन सुकुर का रिकॉर्ड जिन्होंने 2002 में किक-ऑफ के सिर्फ 11 सेकेंड बाद गोल दागकर सबसे तेज गोल करने का कीर्तिमान बनाया.
लेकिन कुछ ऐसे बड़े रिकॉर्ड्स हैं जो रूस में टूट सकते हैं. डालते हैं उन पर एक नजर...
1) एक खिलाड़ी जो तीन रिकॉर्ड एक साथ तोड़ेगा
फीफा वर्ल्ड कप में सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी का रिकॉर्ड अब तक कोलंबिया के गोलकीपर फरीद मोन्ड्रैगन के नाम है जिन्होंने 43 साल की उम्र में शिरकत की थी. मिस्र के कप्तान और गोलकीपर एसाम अल-हदारी 45 साल के होंगे जब वो 15 जून को उरूग्वे के खिलाफ मैदान पर उतरेंगे.
इस तरह वो वर्ल्ड कप में खेलने वाले सबसे ज्यादा उम्र के खिलाड़ी, सबसे ज्यादा उम्र के कप्तान और सबसे ज्यादा उम्र के गोलकीपर बन जाएंगे. इसी के साथ सबसे बड़ी उम्र में वर्ल्ड कप डेब्यू करने का, यानी अपना पहला मैच खेलने का रिकॉर्ड भी उनके नाम हो जाएगा.
2) किसी अफ्रीकी खिलाड़ी की हैट्रिक
अफ्रीका ने दुनिया को कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं. रोजर मिल्ला, सैमुएल एटो, जॉर्ज विया, दिदिए ड्रोग्बा, याया टूरे – ये कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने विश्व स्तर पर और वर्ल्ड कप में भी शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन एक ही मैच में तीन गोल यानी हैट्रिक किसी के नाम नहीं है.
रूस वर्ल्ड कप में कुछ अफ्रीकी खिलाड़ी इस रिकॉर्ड को तोड़ने का दम रखते हैं. सबसे ज्यादा संभावना मिस्र के ही मोहम्मद सालाह से है. लिवरपूल के लिए खेलते हुए उन्होंने बीते सीजन इंग्लिश प्रीमियर लीग में सबसे ज्यादा गोल किए. हालांकि वो चोट से उबर रहे हैं लेकिन मौजूदा फॉर्म में वो इस वक्त दुनिया को टॉप तीन खिलाड़ियों में शामिल हैं. सेनेगल के सादियो माने लिवरपुल में सालाह के साथी स्ट्राइकर हैं और उनकी स्पीड और गोल करने की क्षमता हैट्रिक बनाने का दम रखती है.
3) सबसे ज्यादा गोल करने का रिकॉर्ड
ब्राजील के बेहतरीन स्ट्राइकर रोनाल्डो ने कुल 15 गोल किए, जिस रिकॉर्ड को जर्मनी के मिरोस्लाव क्लोजे ने 2014 में पीछे छोड़ा.16 गोल का रिकॉर्ड जर्मनी के ही थॉमस मुलर तोड़ सकते हैं. 28 साल के मुलर ने दो वर्ल्ड कप में अब तक 10 गोल किए हैं और इस रिकॉर्ड को तोड़ने के सबसे करीब हैं. मुलर शानदार फॉर्म में है और जर्मनी के बुंदेसलीगा में इस सीजन उन्होंने 29 गोल और चैंपियंस लीग में दस गोल किए हैं.
4) सबसे ज्यादा कार्ड मिलने का रिकॉर्ड
मेक्सिको के डिफेंडर राफेल मार्केज सबसे ज्यादा कार्ड लेने वाले खिलाड़ी बन सकते हैं. ये रिकॉर्ड जिनेदिन जिदान और ब्राजील के काफू के नाम है जिन्हें कुल 6 कार्ड मिले हैं. राफेल के पास भी 6 कार्ड हैं और आक्रामक डिफेंस करने वाला ये खिलाड़ी इस खराब रिकॉर्ड में सबसे आगे निकल सकता है.
वैसे राफेल मार्केज का ये पांचवा वर्ल्ड कप होगा. उनसे पहले मेक्सिको के ही एंटोनियो, जर्मनी के लोथार मैथाउस और इटली के गोलकीपर बफून ने पांच विश्व कप में हिस्सा लिया है.
5) दो बार गोल्डन बॉल जीतने का रिकॉर्ड
गोल्डन बॉल फीफा वर्ल्ड कप में सबसे बेहतरीन खिलाड़ी को दिया जाता है. अब तक किसी भी खिलाड़ी को ये दो बार नहीं मिला है. लेकिन शायद ये रिकॉर्ड इस बार टूट जाए. इसके लिए जिन दो खिलाड़ियों पर नज़र रहेगी वो हैं लियोनेल मेसी और थॉमस मुलर.
मेसी को 2014 में गोल्डन बॉल मिली थी जबकि मुलर ने 2010 में सिर्फ 20 साल की उम्र में ये करिश्मा दिखाया. वर्ल्ड कप में ट्रॉफी के बाद गोल्डन बॉल जीतना सबसे बड़ी कामयाबी मानी जाती है . वैसे इसे जीतने के लिए मेसी और मुलर को रोनाल्डो, मो. सालाह, नेमार जैसे खिलाड़ियों से कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा.
6) कन्फेडरेशन कप जीतने के बाद वर्ल्ड कप जीतना
कन्फेडरेशन कप को विश्व कप की तैयारी माना जाता है. ये फीफा वर्ल्ड कप से एक साल पहले उसी मेजबान देश में होता है जहां वर्ल्ड कप होना है. इसमें पांचों महाद्वीप के चैंपियन और मेजबान देश हिस्सा लेते हैं. लेकिन अब तक किसी भी टीम ने कन्फेडरेशन कप जीतने के बाद वर्ल्ड कप नहीं जीता है. इस बार जर्मनी ने कन्फेडरेशन कप जीता है और वो वर्ल्ड कप में बड़े दावेदार भी हैं.
7) सबसे ज्यादा पेनल्टी शूट ऑउट में जीतना
तय समय में विजेता का फैसला ना हो तो पेनल्टी शूट आउट से नतीजा निकाला जाता है. पेनल्टी शूट आउट तक कोई भी टीम नहीं आना चाहती क्योंकि पासा किसी ओर भी पड़ सकता है. कमजोर दिल वालों के लिए ये काफी मुश्किल वक्त होता है. लेकिन दो टीम इसमें अव्वल रहे हैं – जर्मनी और अर्जेंटीना.
दोनों ने ही चार बार पेनल्टी शूट आउट में मैच जीता है और इस बार उनके पास अपने ही रिकॉर्ड को बेहतर करने का मौका है.
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