भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी फाइनल में कंगारू टीम ने जीत दर्ज की और खिताब अपने नाम किया. मैच का फैसला पेनल्टी शूट आउट में हुआ जिसमें भारतीय टीम को 3-1 से करारी हार मिली. भारतीय टीम शूटआउट में सिर्फ एक बार गेंद को गोलपोस्ट में डाल पाई. फुल टाइम तक स्कोर 1-1 था.
आपको बता दें साल 2016 में हुई पिछली चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारत को ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में हराया था. तब भी मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट के जरिए हुआ था और भारत को 3-1 से हार मिली थी. भारतीय टीम ने लगातार दो बार चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल हारा है.
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने पहले क्वार्टर में आक्रामक शुरुआत करते हुए भारतीय गोल पोस्ट पर कई हमला बोले. भारतीय कप्तान और गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने मुस्तैदी दिखाई और कंगारुओं को लीड नहीं लेने दी. भारत को 8वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन टीम कोई फायदा नहीं उठा सकी. उसके बाद भारत के दिलप्रीत सिंह को एक बार फिर पेनल्टी मिली. पहले क्वार्टर में टीम के लिए ये दूसरी पेनल्टी थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया के डिफेंस ने एक बार फिर शानदार काम किया. पहले क्वार्टर में काफी जद्दोजहद के बाद भी स्कोरलाइन 0-0 रही.
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत को मैच का तीसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल पाने में सफलता नहीं मिली. इस बीच 24वें मिनट में ऑस्ट्रेलिया को पहला पेनल्टी मौका मिला और उन्होंने पूरा फायदा उठाते हुए शानदार गोल ठोका. ऑस्ट्रेलिया के लिए पहला गोल ब्लेक गोवर्स ने दागा.
तीसरे क्वार्टर में हुई भारत की वापसी
तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम के ऊपर दबाव था लेकिन खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन का ग्राफ उठाया और ऑस्ट्रेलिया के गोलपोस्ट पर कई अटैक किए. हालांकि तीसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में भारत को चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारत ने फिर से इसे गंवा दिया.
आखिरकार जब तीसरा क्वार्टर खत्म होने में सिर्फ 3 मिनट बाकी थे तो चिंगलेन कांगजेम के शॉट पर विवेक सागर ने गेंद को डिफलेक्ट किया और भारत ने पहला गोल दागा. स्कोर 1-1 से बराबर हो गया. इसके बाद चौथे और आखिरी क्वार्टर में भी दोनों ही टीमों ने भरसक प्रयास किया लेकिन गोल नहीं कर पाए.
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