टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympic 2020) में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने 7 अगस्त को इतिहास रच दिया. नीरज ने इस ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिला दिया. नीरज ने मेंस जेवलिन थ्रो के दूसरे प्रयास में अपना बेस्ट 87.5 मीटर भाला फेंका. चोपड़ा अब कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई गेम्स और ओलंपिक्स तीनों में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.
2008 बीजिंग ओलंपिक्स में अभिनव बिंद्रा ने मेंस 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को व्यक्तिगत इवेंट में पहला गोल्ड मेडल दिलाया था. लेकिन नीरज के गोल्ड के पहले एथलेटिक्स में भारत का गोल्ड का सपना अधूरा था.
स्टार एथलीट नीरज से दुनिया का ठीक से परिचय 2016 में हुआ था, जब उन्होंने IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में अंडर-20 वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया था. नीरज चोपड़ा का 86.48m थ्रो उन्हें 2016 के रियो ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल दिला सकता था लेकिन क्वालिफिकेशन की डेडलाइन निकल चुकी थी. नीरज को मेडल के लिए पूरे पांच साल का इंतजार करना पड़ा.
नीरज चोपड़ा के पांच सालों तक चले मेडल कैंपेन को भारत सरकार की TOPS स्कीम और प्राइवेट स्पॉनसर JSW का समर्थन मिला था.
लेकिन सरकार ने नीरज की ट्रेनिंग और ओलंपिक की तैयारी पर कितना खर्च किया? यहां जानिए:
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, सरकार ने टोक्यो ओलंपिक्स तक 450 दिनों में नीरज की ट्रेनिंग और ओवरसीज कम्पटीशन के लिए 4,85,39,638 रुपये खर्च किए.
नीरज की मार्च 2019 में कोहनी की सर्जरी के बाद डॉ क्लॉज बर्तोनेट्स को उनका निजी कोच बनाया गया और सरकार ने अब तक 1,22,24,880 रुपये उनकी सैलरी पर खर्च किया है.
नीरज के लिए 4,35,000 रुपये की कीमत पर चार जेवलिन खरीदे गए हैं.
2021 में नीरज पर 19,22,533 रुपये का खर्च हुआ जब टोक्यो जाने से पहले उन्होंने यूरोपियन टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने के लिए स्वीडन में 50 दिन कैंप किया था.
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