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महिला वर्ल्डकप: सेमीफाइनल के लिए तैयार हैं भारत की ये 5 योद्धा

अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ एक बार 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची है

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भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए आज का दिन करो या मरो वाला है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल मैच में गुरुवार को 6 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान पर उतरेगी. अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ एक बार 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची है.

यह मुकाबला डर्बी के काउंटी ग्राउंड में खेला जाएगा. भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी है क्यूंकि इसी टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 8 विकेट से हराया था. लेकिन साल 2009 वर्ल्ड कप में जिस तरह भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में दो बार हराया था वह भी हमें नहीं भूलना चाहिए.

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मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी स्टार क्रिकेटर मैच का रुख किसी भी वक्त पलटने का माद्दा रखते हैं और आस्ट्रेलियाई टीम के हाथों से मैच छीन सकते हैं.

आइए जानते हैं भारत की पांच स्टार क्रिकेटर्स के बारे में, जिनके आंकड़े उनकी कामयाबी बयां करते हैं.

1. मिताली राज

अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ एक बार 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची है

सेमीफाइनल में भारत को पहुंचाने के लिए कप्तान मिताली राज पूरी तरह से फॉर्म में है. मिताली राज के शतक की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है.

34 साल की मिताली अबतक इस टूर्नामेंट में 356 रन बना चुकी है. साथ ही मिताली इस टूर्नामेंट से सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में चौथे नंबर पर हैं. मिताली ने अपने क्रिकेट करियर में अब तक कुल 184 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 52.00 की औसत से 6137 रन बनाए हैं. अबतक उन्होंने 6 शतक और 49 अर्धशतक लगाए हैं. नाबाद 114 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है.

2. पूनम राउत

ओपनर स्मृति मंधाना के शुरुआती दो मैचों के बाद खराब परफॉरमेंस से टीम परेशान थी तब 27 साल की पूनम राउत ने ही ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाली थी.

इसी वर्ल्ड कप में जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोई भी बल्लेबाज नहीं टिक पा रहा था तब राउत ने ही 136 बॉल पर 106 रन की शानदार पारी खेलकर टीम को सम्मानजनक 226/7 के स्कोर पर पहुंचाया था.

अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ एक बार 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची है

3. वेदा कृष्णामूर्ति

अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ एक बार 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची है

वेदा कृष्णमूर्ति ने टूर्नामेंट के सबसे महत्वपूर्ण समय पर अपना कमाल दिखाया था. 24 साल की मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 45 गेंदों पर 70 रन बनाए.

कृष्णमूर्ति की इस धमाकेदार पारी ने भारत को 265/7 रन के चुनौतीपूर्ण स्कोर पर पहुंचाया था, कृष्णामूर्ति की इस परफॉरमेंस की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को 186 रनों से हराया था.

4. झूलन गोस्वामी

अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ एक बार 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची है

34 साल की झूलन गोस्वामी महिला वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गई हैं. उन्होंने पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ एक विकेट लेने के साथ ही महिला विश्वकप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी बन गयी हैं. झूलन के नाम अब 31 विकेट हैं.

झूलन के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 162 वनडे मैचों में 3.24 की इकॉनामी रेट से अब तक कुल 190 विकेट लिए हैं.

5. राजेश्वरी गायकवाड़

अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ एक बार 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची है

वर्ल्ड कप में अपना डेब्यू करने वाली बाएं हाथ की ऑफ स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 15 रन देकर पांच विकेट झटके थे. राजश्वरी को एकता बिष्ट की जगह टीम में शामिल किया था.

जहां बल्लेबाजी की जिम्मेदारी मिताली राज, हरमनप्रीत कौर और वेदा कृष्णामूर्ति के कन्धों पर है, वहीं बॉलिंग की जिम्मेदारी 28 साल की उम्र में अपना पहला मैच खेलने वाली राजेश्वरी के कन्धों पर होगी.

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