कानपुर टेस्ट के बाद टीम इंडिया जश्न मना रही है. टीम का 500वां टेस्ट मैच था, सौभाग्य से मैच होमग्राउंड पर था और टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन कर यह मैच जीता.
पूरे पांच दिन चले टेस्ट मैच में विपक्षी टीम के सभी 20 विकेट चटका दिए गए. 5 खिलाड़ियों ने 50 रन से ज्यादा की साझेदारी कर टीम को एक बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद की और इंडिया ने न्यूजीलैंड को 197 रन से मात देकर जीत अपने नाम की.
वैसे इतने खास मैच का अंजाम तो इतना ही ऐतिहासिक और स्टाइलिश होना चाहिए था!
लेकिन इस मैच में कई और बातें भी रहीं, जिन पर गौर किया जाना चाहिए. साथ ही उन पहलुओं पर भी, जिनका असर सीरीज के आने वाले मैचों पर दिख सकता है. तो जानिए क्या हैं कानपुर टेस्ट मैच की 8 खास बातें:
1. स्पिनर्स का ‘मक्का’ साबित हुआ कानपुर
कानपुर के ग्रीन पार्क मैदान की खुरदरी पिच पर स्पिनर्स के रंग दिखेंगे. यह अनुमान पहले ही लगा लिया गया था. लेकिन स्पिनर्स का जादू इस कदर चलेगा, इसका भी अंदाजा किसी को नहीं था.
इंडिया-न्यूजीलैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में दोनों टीमों के मिलाकर 35 विकेट (भारत-15, न्यूजीलैंड-20) गिरे, जिनमें से 26 विकेट स्पिनर्स के हाथ लगे.
2. स्पिन के बादशाह अश्विन
कानपुर टेस्ट मैच में एक सफल स्पिन गेंदबाज के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए आर. अश्विन ने सभी पैमानों पर बेहतरीन परफॉर्म किया. साथ ही कई कीर्तिमान भी बनाए.
- रविवार को अश्विन दूसरे ऐसे गेंदबाज बन गए, जिन्होंने सबसे तेजी से 200 विकेट चटकाए हों.
- इस मैच में स्पिनर्स ने 26 विकेट लिए, तो इनमें 10 विकेट अकेले अश्विन के नाम हुए.
- पांच बार अश्विन यह कारनामा कर चुके हैं, जब एक ही टेस्ट मैच में उन्होंने 10 विकेट लिए.
- कानपुर टेस्ट में 19वीं बार था, जब उन्होंने एक पारी में 5 विकेट लिए.
- और महज 37 टेस्ट मैच के तजुर्बे के साथ, एक टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने वाले वो दुनिया के चौथे गेंदबाज भी बन गए हैं.
3. गुरु कुंबले को मिला चैलेंज
इस वक्त इंडियन टीम के हेड कोच अनिल कुंबले ने अपने दौर में 132 टेस्ट खेले. 8 बार ऐसा मौका आया, जब कुंबले ने एक ही टेस्ट मैच में 10 विकेट चटकाए.
अश्विन ने महज 37 मैच में 5 बार ऐसा कारनामा कर दिखाया है. माना जा रहा है कि कुंबले के इस रेकॉर्ड को अश्विन जल्द अपने नाम कर सकते हैं. हालांकि अपने स्टूडेंट की सक्सेस से जाहिर तौर पर कुंबले खुश होंगे.
4. मैन ऑफ द मैच- रवींद्र जडेजा
टीम में एक खास किस्म का बैलेंस ही टीम की जीत का कारण बना, जिसका क्रेडिट रवींद्र जडेजा को जरूर मिलना चाहिए. जडेजा ने कानपुर टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा 90 के स्ट्राइक रेट के साथ दोनों पारियों में मिलाकर 92 रन ठोके, जिसमें एक अर्धशतक शामिल था.
फिर गेंदबाजी की जिम्मेदारी भी जडेजा ने खूब संभाली. उन्होंने 68 ओवर फेंके, जिनमें 131 रन देकर 6 विकेट लिए. सबसे कम इकोनॉमी रेट के साथ जडेजा कानपुर टेस्ट में बेहद किफायती गेंदबाज साबित हुए.
5. फाइनली रोहित रिटर्न्स
लंबे वक्त से खराब फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा का फॉर्म में लौटना टीम इंडिया के लिए वरदान साबित हुआ. पहली पारी में रोहित ने 35 रन और दूसरी पारी में नाबाद 68 रनों की पारी खेली, जिससे टीम इंडिया की काफी हेल्प मिली.
6. न्यूजीलैंड ने भी परख लिया सेंटनर को
टीम में नए आए 24 साल के मिचेल जोसेफ सेंटनर के तौर पर न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को भी कानपुर टेस्ट के बाद एक भरोसेमंद ऑलराउंडर खिलाड़ी मिला. अंडर-19 और न्यूजीलैंड की ए-टीम में खेल चुके सेंटनर लेफ्ट हैंड बैट्समैन हैं. साथ ही स्लो लेफ्ट आर्म बॉलिंग करते हैं.
इस मैच में सेंटनर ने 5 विकेट लिए. वहीं सेंटनर ने पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए 32 रन और दूसरी पारी में शानदार 71 रन बनाए. बहरहाल, इस सीरीज में सेंटनर के खेल पर दर्शकों की आगे भी नजर रहेगी.
7. घरेलू मैदान पर सफलता एक बार फिर...
टीम इंडिया कुल 500 टेस्ट मैच खेल चुकी है. इनमें 130 टेस्ट इंडिया ने जीते हैं. 157 में हार का सामना करना पड़ा है और 212 टेस्ट मैच ड्रॉ हुए हैं.
आंकड़ों पर नजर डालें, तो टेस्ट मैचों में इंडिया का सक्सेस रेट 47.19 है. इसमें से 57.25 परसेंट मैच इंडिया ने अपने घरेलू मैदान पर जीते हैं. कानपुर टेस्ट में भी यही आंकड़ा प्रबल दिखाई दिया.
8. ‘रैंक वन’ बनने की संभावना!
इंडिया अगर इस सीरीज को न्यूजीलैंड से 1-0 से भी जीत जाती है या सीरीज के 2 मैच जीत लेती है, तो आईसीसी रेटिंग के हिसाब से टीम इंडिया रैंक तालिका में नंबर 1 पर पहुंच जाएगी. यह जीत 3-0 से हुई, तो पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के लिए इस साल पहले पायदान के लिए भारत को पछाड़ना बहुत मुश्किल हो जाएगा.
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