भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का तीसरा मैच फाइनल जैसा है. मैच जीतने वाली टीम सीरीज पर कब्जा करेगी. वर्ल्ड कप से चंद हफ्ते पहले अगर भारतीय टीम को विदेशी जमीन पर ये जीत हासिल होती है तो निश्चित तौर पर उसका मनोबल बढ़ेगा. फिलहाल भारतीय टीम की सबसे बड़ी परेशानी है पांचवां गेंदबाज.
जसप्रीत बुमराह को वनडे सीरीज में आराम दिया गया है. हार्दिक पांड्या अपने एक विवादास्पद बयान की वजह से टीम से बाहर कर दिए गए हैं. ऐसे में प्लेइंग 11 को लेकर टीम की रणनीति को बदलना पड़ा है. इस बदली रणनीति से टीम इंडिया की गेंदबाजी पर काफी फर्क पड़ा है. पांचवें गेंदबाज की कमी साफ तौर पर खल रही है, जिसका सीधा फायदा कंगारुओं को मिला है.
पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 288 रन बनाए, दूसरे मैच में 298. विराट कोहली के शतक और धोनी के अर्धशतक की बदौलत भारत ने भले ही दूसरा वनडे मैच जीत लिया लेकिन विदेशी जमीन पर हर मैच में करीब 300 रनों के लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं रहेगा. कुछ आंकड़े देखकर समझ आ जाएगा कि पांचवें गेंदबाज की कमी भारत को किस कदर खल रही है.
पहले वनडे में पांचवे गेंदबाज ने दिए 68 रन
- पांचवे गेंदबाज के तौर पर खालिद अहमद और अंबाती रायडू ने गेंदबाजी की
- खालिद अहमद ने 8 ओवर में 55 रन दिए
- रायडू ने 2 ओवर में 13 रन दिए
ऐसे में इन दो गेंदबाजों के ओवरों में बने 68 रन टीम इंडिया पर भारी पड़े. एक और परेशानी ये भी हुई कि अंबाती रायडू के गेंदबाजी एक्शन को लेकर आईसीसी तक आपत्ति पहुंच गई. दूसरे वनडे में विराट कोहली ने खालिद अहमद को बाहर करके मोहम्मद सिराज को मौका दिया. इस मैच में मोहम्मद सिराज अपने वनडे करियर का डेब्यू कर रहे थे. इस दबाव में वो बिल्कुल ही पटरी से उतर गए. उन्होंने अपने शुरूआती ओवरों में लेग स्टंप पर कई गेंदें फेंकी, जिसपर बल्लेबाजों ने आसानी से रन बटोरे. उनकी गेंदबाजी पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने 12 चौके जड़े. उनके आंकड़े देखिए...
जाहिर है मोहम्मद सिराज कभी इन आंकड़ों को याद नहीं रखना चाहेंगे. 10 ओवर में 76 रन देकर वो डेब्यू मैच में सबसे ज्यादा रन लुटाने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए. आपको बताते चलें कि इससे पहले ये रिकॉर्ड करसन घावरी के नाम पर था.
जाहिर है अब शुक्रवार को मैदान में उतरने से पहले टीम इंडिया इन आंकड़ों पर गौर कर चुकी होगी. विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री माथापच्ची कर रहे होंगे कि इस पांचवें गेंदबाज की कमी से कैसे निपटा जाए. भारतीय टीम के पास खालिद अहमद और मोहम्मद सिराज के बाद तीसरे विकल्प के तौर पर विजय शंकर हैं. विजय शंकर ने भी अभी तक भारत के लिए वनडे करियर का आगाज नहीं किया है. वो अब तक पांच टी-20 मैच जरूर खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने कुल 3 विकेट लिए हैं. उन्हें मौका देने में एक बार फिर इस बात का रिस्क रहेगा कि कहीं वो दबाव में ना आ जाएं. बतौर स्पिनर यजुवेंद्र चहल को अभी तक सीरीज में मौका नहीं मिला है लेकिन उन्हें प्लेइंग-11 में मौका देने का मतलब कम ही बनता है क्योंकि कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा पहले से ही खेल रहे हैं.
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