ऑस्ट्रेलिया में प्रैक्टिस मैच की झलकियां देखकर ये तो समझ आ गया कि विराट कोहली ने गेंदबाजी में अपने ‘ट्रंपकार्ड्स’ को नहीं खोला. उन्होंने पूरे मैच में भुवनेश्वर कुमार से एक ओवर भी गेंदबाजी नहीं कराई. जसप्रीत बुमराह ने 1.1 ओवर फेंका और कुलदीप यादव से विराट कोहली ने सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी कराई. हाल के दिनों में ऐसा देखने में आया है कि जब विरोधी टीम के कप्तान अपने मुख्य गेंदबाजों को प्रैक्टिस मैच में ‘एक्सपोज़’ नहीं करते.
विराट ने इसी ‘थ्योरी’ को अपनाया लेकिन उनकी इस थ्योरी की कामयाबी कुछ रोज बाद पता चलेगी जब टीम इंडिया 6 दिसंबर से एडिलेड में पहला टेस्ट मैच खेलने उतरेगी. संकट इस बात का है कि अपने ‘ट्रंपकार्ड्स’ के अलावा विराट कोहली ने जो भी पत्ते चले उसमें से कोई भी काम नहीं आया. ये हालत तब हुई जब ऑस्ट्रेलियाई टीम में एकाध खिलाड़ी को छोड़कर किसी को भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का तजुर्बा नहीं है. मोहम्मद शामी को छोड़ दिया जाए तो बाकि के गेंदबाजों ने प्रैक्टिस मैच में अपना असर नहीं छोड़ा. मोहम्मद शामी ने 24 ओवरों में 97 रन देकर तीन विकेट लिए. उनके अलावा बाकी गेंदबाजों पर अपेक्षाकृत नौसिखिए बल्लेबाजों ने रन बनाए. इन गेंदबाजों को उम्मीद के मुताबिक विकेट भी नहीं मिले. बाद में मौजमस्ती के लिए विराट कोहली और मुरली विजय ने भी गेंदबाजी की लेकिन विराट कोहली जानते हैं कि टेस्ट सीरीज में ऐसी मौज मस्ती नहीं बल्कि पांच तगड़े गेंदबाजों की जरूरत होगी. फिलहाल प्रैक्टिस मैच में गेंदबाजी के आंकड़े देखते हैं
इस गेंदबाजी से तो बढ़ जाएगी विराट की टेंशन
प्लेइंग 11 का पेंच कुछ ऐसा है कि भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के अलावा उमेश यादव और ईशांत शर्मा में से किसी एक गेंदबाज को प्लेइंग 11 में मौका मिलेगा. इसी तरह अगर कुलदीप यादव का प्लेइंग 11 में खेलना तय है तो आर अश्विन या रवींद्र जडेजा में से भी कोई एक खिलाड़ी ही मैदान में उतरेगा.
प्रैक्टिस मैच में गेंदबाजों की लाइन लेंथ देखकर ही विराट कोहली को इस बात का फैसला करना था लेकिन ये आंकड़े इस बारे में उनकी मदद नहीं कर पाएंगे. अब विराट कोहली को दूसरी बातों का ध्यान रखना होगा. जो सीधे तौर पर खिलाड़ियों की उपयोगिता से जुड़ी हुई हैं.
* ईशांत शर्मा टीम के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज हैं
* आर अश्विन निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी करते हैं
* रवींद्र जडेजा को स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है
गेंदबाजों का सही कॉम्बिनेशन है बहुत जरूरी
इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में विराट कोहली के चुने प्लेइंग 11 पर ऊंगलियां उठी थीं. उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्लेइंग 11 चुनते वक्त विराट कोहली सतर्क रहेंगे. ये बात उन्हें भी पता है कि हाल के दिनों में विदेशी पिचों पर भारतीय टीम के बेहतर प्रदर्शन में उनके गेंदबाजों का रोल कितना बड़ा रहा है.
इस साल की शुरूआत में भारतीय टीम के गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर शानदार प्रदर्शन किया था. उन्होंने मेजबान टीम के खिलाड़ियों को हर टेस्ट मैच में ऑल आउट किया. जिसके बाद ये उम्मीद बंधी की अब टीम इंडिया विदेशी पिचों पर भी टेस्ट सीरीज जीत सकती है. बदकिस्मती ये रही कि भारतीय बल्लेबाजों ने उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया. जिसके चलते भारत को दक्षिण अफ्रीका में हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में भी यही परेशानी आड़े आई. बल्लेबाजों ने गेंदबाजों की मेहनत पर पानी फेरा और इंग्लैंड ने टेस्ट सीरीज जीत ली. रवि शास्त्री ये दावा कर चुके हैं कि मौजूदा टीम इंडिया ‘बेस्ट टूरिंग साइड’ है यानी विदेश दौरो पर जाने वाली भारतीय टीमों के इतिहास की सबसे अच्छी टीम है. फिलहाल प्रैक्टिस मैच में उनके इस दावे की सच्चाई दूर-दूर तक नहीं दिखाई दी.
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