पहले सेशन में ढीली गेंदबाजी करने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने दूसरे सत्र में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के रन बिल्कुल रोक दिए. बल्लेबाजों पर दबाव बना और वो आउट होते गए. खासकर उमेश यादव ने तो कमाल की गेंदबाजी की.
जानिए हमारे क्रिकेट एक्सपर्ट निशांत अरोड़ा क्या कहना है पहले दिन के खेल के बारे में.
शेन वॉर्न ने सुबह अपनी पिच रिपोर्ट में कहा था कि ये उनको पांचवे दिन का विकेट लगता है, और ऐसा ही कुछ है पुणे का विकेट. काफी सूखा और गेंद यहां तेजी से टर्न कर रहा है. अक्सर ऐसा होता है कि जहां पर स्पिनर्स को ज्यादा टर्न मिल रही होती है वहां उन्हें थोड़ा वक्त लगता है अपनी लाइन और लेंथ को संभालने में, आपको बार-बार गेंद उतना टर्न नहीं कराना जो बल्ले को बीट करता रहे बल्कि आपको बॉल सिर्फ उतना टर्न कराना है जो बैट का किनारा लेकर स्लिप, सिली पॉइंट और शॉर्ट लेग में जा सके.
आपको क्रेडिट देना पड़ेगा ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाजों को खासकर ओपनर्स डेविड वॉर्नर और मैट रेनशॉ को जिन्होंने काफी आक्रामक तेवर अपनाए, कोई भी ढीली गेंद नहीं छोड़ी, सिंगल लिए और भारतीय गेंदबाजों को अपनी रणनीति दोबारा सोचने के लिए मजबूर किया
लंच में भारतीय टीम जब वापिस गई होगी तो जाहिर सी बात है कोच अनिल कुंबले ने गेंदबाजों से बात की होगी. लंच के बाद जब वापिस आई भारतीय टीम तो उनका प्रदर्शन देखने लायक था. जिस तरह से गेंदबाजों ने अपनी लाइन को संभाला और रवींद्र जडेजा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया गया.
इस तरह के विकेट पर रवींद्र जडेजा हमेशा खतरनाक गेंदबाज होंगे क्योंकि कभी-कभी खुद जडेजा को भी नहीं पता होता कि कौन सा गेंद उनका टर्न होगा और कौन सा सीधा जाएगा. आज दोनों बार बल्लेबाज उनके स्पिन के लिए खेले लेकिन गेंद तेजी से सीधा उनके पैड पर लगा.
भारतीय गेंदबाजों को एक चीज का और क्रेडिट देना पड़ेगा कि जिस तरह से दूसरे सेशन में उन्होंने स्कोरिंग मौकों को एक दम से मुश्किल बना दिया. पहले सेशन में 84 रन आए लेकिन दूसरे सेशन में 30 ओवर में सिर्फ 69 रन आए. रन एक दम बंद हो गए थे जिसका नतीजा ये था कि स्टीव स्मिथ और शॉन मार्श का विकेट मिला.
मिचेल स्टार्क के आड़े हाथों से खेले गए कुछ शॉट की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 250 रन का स्कोर तो पार कर लिया है लेकिन जिस तरह की शुरुआत उन्हें मिली थी वो थोड़े निराश तो जरूर होंगे. भारत के लिए इस वक्त बहुत जरूरी होगा कि जो आखिरी विकेट है उसको जल्दी से जल्दी गिराएं. जितने कम स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया को आउट कर सकें वो बेहतर होगा क्योंकि ये बात हमेशा याद रखनी होगी कि इस विकेट पर भारत को आखिरी बल्लेबाजी करनी है जो कि कभी भी आसान नहीं होगा.
उमेश यादव की तारीफ करना यहां पर लाजिमी है. वो भारतीय क्रिकेट के सबसे उभरते हुए और पिछले एक साल में सबसे ज्यादा सीखने वाले गेंदबाज हैं और वही उन्होंने आज दिखाया अपने प्रदर्शन से.
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