भारतीय टीम ने गिरते पड़ते एशिया कप जीत लिया. फाइनल में जिस बात का डर था वही हुआ. बांग्लादेश ने भारतीय टीम को जीत के लिए रूला दिया. 223 रनों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए टीम इंडिया ने मैच की आखिरी गेंद तक फैंस को ‘टेंशन’ में रखा. आखिरकार मैच की आखिरी गेंद पर केदार जाधव ने जीत दिलाई. इस जीत के बाद भारतीय टीम ने सातवीं बार एशिया कप पर तो कब्जा कर लिया लेकिन उसकी एक परेशानी ज्यों की त्यों बनी हुई है.
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ये परेशानी है बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार की. आपको याद ही होगा कि एशिया कप में टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा कप्तानी कर रहे थे. 2019 में होने वाले विश्व कप की तैयारियों के मद्देनजर एशिया कप में टीम इंडिया को कुछ सवालों का जवाब ढूंढना था. जिसमें सबसे बड़ा सवाल था कि बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाए. एशिया कप में बतौर कप्तान रोहित शर्मा ने इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की लेकिन उन्हें भी कामयाबी नहीं मिली. दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी दोनों ने नंबर चार पर बल्ला चलाया.
क्या है ये नंबर चार की चिकचिक आइए आपको विस्तार से समझाते हैं. इस ग्राफिक्स के जरिए आप समझिए कि 2017 के बाद से अब तक नंबर चार पर किन-किन बल्लेबाजों को आजमाया गया है और कैसे नतीजे मिले हैं. ये आंकड़े एशिया कप में फाइनल मुकाबले से पहले के हैं.
युवराज सिंह अब इस रेस से बाहर हैं. उनके अलावा सभी खिलाड़ी हैं जो वनडे टीम का हिस्सा हैं. 2019 विश्व कप से पहले इन सभी को आजमाना भी जरूरी है. नंबर चार पर टीम इंडिया को एक ऐसा बल्लेबाज चाहिए जो टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने की सूरत में पारी को खड़ा कर सके.
दिनेश कार्तिक भले ही आंकड़ों के लिहाज से बेहतर दिखते हैं लेकिन सच्चाई ये है कि वो अब तक खुद को ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के तौर पर साबित नहीं कर पाए हैं. उनके क्रीज पर मौजूद रहते भी वो भरोसा नहीं आता है कि वो मैच को जिता देंगे. 2004 में वनडे करियर शुरू करने के बाद अब तक 14 साल में उनके खाते में एक भी वनडे शतक नहीं है.
एशिया कप में नंबर-4 पर कार्तिक का प्रदर्शन
एशिया कप में नंबर-4 पर धोनी का प्रदर्शन
आप खुद ही समझ सकते हैं कि क्या नंबर चार पर भविष्य में कार्तिक या धोनी को जिम्मेदारी दी जा सकती है. ये आंकड़े तो कहते हैं किसी हाल में नहीं. इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि इन दोनों खिलाड़ियों का करियर उम्र के लिहाज से अब ज्यादा लंबा नहीं है. बेहतर होगा कि नंबर चार पर ऐसे बल्लेबाज का आजमाया जाए जो कम से कम अगले तीन चार साल तक टीम इंडिया के लिए इस जिम्मेदारी को उठा सके. फिलहाल जिन नामों पर विचार किया जाना चाहिए वो हैं अजिंक्य रहाणे, केएल राहुल, केदार जाधव और मनीष पांडे.
कप्तान के तौर पर विराट कोहली की जिम्मेदारी है इन चार खिलाड़ियों में से किसी एक को भरोसा देकर नंबर चार पर लगातार खेलने की जिम्मेदारी दें. इन चारों खिलाड़ियों के सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों को जान लेते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए कि 2019 का विश्व कप इंग्लैंड में होना है और वहां की परिस्थितियों में कौन ज्यादा फायदेमंद होगा.
* रहाणे तकनीकी तौर पर सक्षम हैं. सवाल विराट की पसंद-नापसंद का है
* केएल राहुल टॉप ऑर्डर में खेलते हैं. उन्हें तैयार किया जा सकता है.
* केदार जाधव समझदार खिलाड़ी हैं. अच्छी गेंदबाजी भी करते हैं.
* मनीष पांडे को परिपक्वता और कंसिसटेंसी दिखानी होगी.
विश्व कप में अब ज्यादा समय बचा नहीं है. बल्लेबाजी क्रम में आखिरी समय तक बदलाव करते रहना भी समझदारी का काम नहीं है. बेहतर होगा कि विराट कोहली अपने सारे प्रयोग करके जल्दी से जल्दी नंबर चार की किचकिच को दूर करें.
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