ADVERTISEMENTREMOVE AD

विनेश फोगाट ने किया खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान, PM मोदी को लिखा पत्र

विनेश फोगाट ने कहा, "मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है."

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारतीय पहलवान साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने और बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने के ऐलान के बाद अब पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों को लौटाने का ऐलान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- "मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूं. इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद."

ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • 01/02

    विनेश फोगाट का पीएम मोदी को पत्र

    (फोटो- X/@Phogat_Vinesh)

  • 02/02

    विनेश फोगाट का पीएम मोदी को पत्र

    (फोटो- X/@Phogat_Vinesh)

विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा...

माननीय प्रधानमंत्री जी,

"साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. देश के लिए ओलंपिक पदक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिये मजबूर होना पड़ा, यह सब सारे देश को पता है और आप तो देश के मुखिया हैं तो आपतक भी यह मामला पहुंचा होगा. प्रधानमंत्री जी, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं, यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूं."

विनेश ने साक्षी मलिक और प्रधानमंत्री की मुलाकात को याद करते हुए लिखा कि "मुझे साल 2016 याद है, जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी, तो आपकी सरकार ने उन्हें "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" की ब्रांड एम्बेसडर बनाया था."

"आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तबसे मुझे वह साल 2016 बार बार याद आ रहा है. क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं. हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई एतराज नहीं है, क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है. मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है. बस यही दुआ करूंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो. पर हमारी जिंदगियां उन फैंसी विज्ञापनों जैसी बिलकुल नहीं है."
विनेश फोगाट, भारतीय पहलवान

उन्होंने आगे कहा कि "कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भोगा है उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट घुट कर जी रही हैं. आपके वो फैंसी विज्ञापनों के फ्लेक्स बोर्ड भी पुराने पड़ चुके होंगे और अब साक्षी ने भी संन्यास ले लिया है. जो शोषणकर्ता है उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है, बल्कि बहुत भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए हैं. आप अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या क्या किया है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

"सड़कों पर घिसड़ रहे, कोई सुध नहीं ले रहा"

अपने पत्र में विनेश ने आगे कहा,

"उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबुली है और हम महिला खिलाड़ियों को जलील करने का एक मौका भी नहीं छोड़ा है. उससे ज्यादा गंभीर यह है कि उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. यह बहुत भयावह है."

उन्होंने आगे कहा कि "कई बार इस सारे घटनाक्रम को भूल जाने का प्रयास भी किया लेकिन इतना आसान नहीं है. सर, जब मैं आपसे मिली तो यह सब आपको भी बताया था. हम न्याय के लिए पिछले एक साल से सड़कों पर घिसड़ रहे हैं. कोई हमारी सुध नहीं ले रहा."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×