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चौके पर मिलते हैं 8 रन ! ये रहे ब्लाइंड क्रिकेट के कुछ रोचक नियम

ब्लाइंड क्रिकेट के नियम आम क्रिकेट से कुछ अलग हैं, जो इसे खास बनाते हैं

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भारत और पाकिस्तान के बीच हुए टी-20 ब्लाइंड वर्ल्ड कप को भारत जीत चुका है. बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत ने पाकिस्तान को 9 विकेट से करारी मात दी. वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को हराने का भारत का रेकॉर्ड रहा है, लेकिन ये वर्ल्ड कप जरा खास है.

भारत में क्रिकेट धर्म की तरह माना जाता है. लेकिन देश में ज्यादातर लोगों को ब्लाइंड क्रिकेट के नियम-कानून के बारे में कुछ भी नहीं पता.

आम क्रिकेटर्स की तरह ये खिलाड़ी भी अपने खेल को पूरे जज्बे और मजे के साथ खेलते हैं. ब्लाइंड क्रिकेट में इन खास क्रिकेटर्स के लिए कुछ खास नियम हैं.

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टीम में 3 अलग-अलग वर्ग के खिलाड़ी

ब्लाइंड क्रिकेट टीम में कुल 11 खिलाड़ी होते हैं. इन खिलाड़ियों को 3 अलग-अलग वर्ग बी-1, बी-2 और बी-3 में बांटा जाता है. हर टीम में बी-1 के 4, बी-2 के 3 और बी-3 वर्ग के 4 खिलाड़ियों को जगह दी जाती है.

बी-1 वर्ग में वो खिलाड़ी होते हैं जिन्हें पूरी तरह से दिखाई नहीं देता है. वही बी-2 वर्ग के खिलाड़ी 6 मीटर तक और बी-3 वर्ग के खिलाड़ी 9 मीटर तक देख सकते हैं. मैदान पर हर वर्ग के खिलाड़ी की अपनी अलग पहचान होती है.

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चौका मारने पर मिलते हैं 8 रन !

आपको बता दें कि बी-1 वर्ग के बल्लेबाज को स्कोर करने के बाद उसका दोगुना मिलता है, यानी 2 रन बनाने पर 4 रन, वहीं 6 रन बनाने पर 12 रन दिए जाते हैं. ये नियम बी-2 और बी-3 वर्ग के खिलाड़ियों के लिए मान्य नहीं है.

गेंदबाजी के भी नियम अलग

ब्लाइंड क्रिकेट के लिए भी पिच 22 गज की होती है, जिसे निशान लगाकर 2 बराबर भागों में बांटा जाता है. गेंदबाज हाथ घुमाकर बॉल फेंकने की बजाय अंडरआर्म बॉलिंग करते हैं. गेंदबाज को गेंद फेंकते वक्त पिच के पहले भाग में एक टप्पा और कुल दो बार टप्पे खिलाकर गेंद फेंकना जरूरी होता है.

फिल्डिंग में एक रोचक नियम है कि अगर बॉल एक बार टप्पा खाकर फिल्डर के हाथ में जाती है, तो बल्लेबाज को आउट दिया जाता है.
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गेंद के बारे में खास बातें

फाइबर की बनी 15-16 ग्राम वजन की गेंद का इस्तेमाल किया जाता है. गेंद फेंकते या फिल्डिंग के दौरान आवाज सुनाई दे, इसके लिए गेंद में बॉल बेयरिंग लगी होती है, वहीं बैट सामान्य क्रिकेट की ही तरह होता है.

आपको बता दें कि बल्लेबाज, फिल्डिंग समझने के लिए फिल्डर्स को तालियां बजाने के लिए बोलता है. इससे उसे फिल्डिंग का अंदाजा हो जाता है. साथ ही अगर उसे फिल्डिंग के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए होती है, तो वो विपक्षी टीम के विकेटकीपर से भी सहयोग ले लेता है. ये सारे नियम ब्लाइंड क्रिकेट को और भी खास बनाते हैं.

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