IPL के 10वें सीजन की शुरुआत हो चुकी है. आठ ओपनिंग सेरेमनी में से एक हैदराबाद में खत्म हुई. आठ टीम और कई सितारों की लीग में जब भारतीय क्रिकेट के ‘फैब -4’ विशेष सम्मान के लिए मैदान पर आए, तो मैदान पर सिर्फ और सिर्फ शोर सुनाई दिया. खेल की शुरुआत होने से पहले सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण को सीओए के सदस्यों ने मेमेंटो दिया .
विराट कोहली और डेविड वार्नर ने स्टेडियम में खुली जीप पर एंट्री की. पिछले साल के चैंपियन डेविड वार्नर ने आईपीएल ट्रॉफी को अपने हाथ में ले रखा था.
रवि शास्त्री और 'फैब-4' के बीच एक छोटी बातचीत भी हुई.
क्रिकेट के भगवाल कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर आईपीएल की सफलता से काफी खुश दिखे.
मुझे भरोसा नहीं हो रहा है कि आईपीएल को दस साल हो गए हैं. यह बहुत बड़ी सफलता है. जब 2007 में इसकी शुरुआत हुई थी, मैंने कभी नहीं सोचा था कि आईपीएल को इतनी बड़ी जीत हासिल होगी. लेकिन, अब यह देश के लिए गर्व की बात है. ये टूर्नामेंट पूरी दुनिया में वाहवाही लूट चुका है. मुझे शुरुआत में कभी नहीं लगा था कि इस टूर्नामेंट में इतना तगड़ा कंपटीशन देखने को मिलेगा. मुझे लगता था का खिलाड़ी इतना जोश के साथ नहीं खेलेंगे. लेकिन, जैसे जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ता गया, खिलाड़ियों में जोश भी बढ़ता गया.सचिन तेंदुलकर
लोकल क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने भी अपने आईपीएल को लेकर अपनी बात रखी..
आईपीएल से सबसे ज्यादा फायदा अनकैप्ड प्लेयर को हुआ है. इस तरह का एक्सपोजर केवल भारतीय खिलाड़ियों को ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के खिलाड़ियों को मिला है. जिस तरह का आत्मविश्वास उनमें पैदा होता है, उनका डर निकल जाता है. आपने देखा धर्मशाला में खेले गए मैच में कुलदीप यादव को देखते. इस दौरान उनमें डर जरा सा भी नहीं देखा गया. मुझे ऐसा लगता है कि आईपीएल जिस तरह का एक्सपॉजर देता है, वो अद्भुत है.वीवीएस लक्ष्मण, एसिस्टेंट कोच, सनराइजर्स हैदराबाद
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने आईपीएल मैचों की तुलना फीफा विश्व कप से की.
आईपीएल का क्रिकेट पर किस तरह का असर पड़ा है, ये वाकई देखने के लिए अद्भुत है. कुछ साल पहले मैं फीफा वर्ल्डकप देखने गया था और वहां माहौल बहुत इससे मिलता जुलता है. युवा खिलाड़ियों के लिए इस वातावरण में खेलना गजब है. यह आपका खेल, आपका आत्मविश्वास एक नए लेवल पर लेकर जाता है. हमने इंडियन क्रिकेट को आगे जाते देखा है. इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता है.सौरव गांगुली
वहीं वीरेंद्र सहवाग अपने खेलने के दिनों को याद कर रहे थे. किंग्स XI के क्रिकेट ऑपरेशन हेड सहवाग ने युवा खिलाड़ियों को कुछ टिप्स भी दिए.
मुझे लगता है, मैं ही सिर्फ एक ऐसा खिलाड़ी हूं, जिसने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट एक साथ खेले हैं. मैंने कभी अपनी सोच नहीं बदली. मैंने टी-20 और टेस्ट मैच में हर एक गेंद को खेलने और मारने की कोशिश की. मैं इस बात पर भरोसा करता हूं कि अगर आप क्रिकेट खेलते हो, तो लोगों को एंटरटेन करने के लिए खेलना चाहिए. मैंने लड़कों को खेलने का तरीका बताया है, मैंने उनको कहता हूं खेलते समय कभी आउट होने की चिंता मत करो. इस तरह, जब उनके कोच पूरी तरह से खेलने की आजादी देते हैं, तो उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ जाता है.वीरेंद्र सहवाग
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