नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympic 2020) में भारत के सफर को स्वर्णिम अंत दिया है. चोपड़ा ने 7 अगस्त को इतिहास रचते हुए इस ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिला दिया. नीरज ने मेंस जेवलिन थ्रो के अपने दूसरे प्रयास में 87.5 मीटर भाला फेंका और ये उनका बेस्ट रहा.
23 वर्षीय नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत के करीब खंडरा गांव के निवासी हैं. नीरज एक किसान के बेटे हैं. नीरज का गोल्ड मेडल लाना ऐतिहासिक है क्योंकि भारत के लिए ओलंपिक के 121 साल के इतिहास में ये पहली बार है जब एथलेटिक्स इवेंट में कोई गोल्ड मेडल मिला है.
2008 बीजिंग ओलंपिक्स में अभिनव बिंद्रा ने मेंस 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को व्यक्तिगत इवेंट में पहला गोल्ड मेडल दिलाया था. लेकिन नीरज के गोल्ड के पहले एथलेटिक्स में भारत का गोल्ड का सपना अधूरा था.
फ्लाइंग सिख कहे जाने वाले धावक मिल्खा सिंह का सपना आखिरकार पूरा हो गया है. वो चाहते थे कि ट्रैक एंड फील्ड प्रतिस्पर्धाओं में भारत ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीते. हालांकि, ये ऐतिहासिक पल देखने के लिए फ्लाइंग सिख अब हमारे बीच मौजूद नहीं हैं.
भारत का हर नागरिक आज गर्व से भरा हुआ है और नीरज चोपड़ा को बधाई दे रहा है. इसी बीच नीरज का एक पुराना वायरल हो रहा है. 2017 के इस ट्वीट पर लोग अब खूब कमेंट कर रहे हैं.
नीरज ने ट्वीट किया था, “जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे, जब मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे, जब लगातार काम करने के बाद थकावट ना हो, समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है.“
बेशक नीरज चोपड़ा ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा लिया है और आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)