ओलंपिक के इतिहास में भारत को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले 23 वर्षीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा(Neeraj Chopra) ने वर्ल्ड नंबर 1 रैंकिंग जर्मनी के जोहानेस वेटर (Johannes Vetter) के उस दावे पर जवाब दिया है, जहां उन्होंने कहा था कि उनके सामने नीरज के जीतने का कोई चांस ही नहीं है.
नीरज ने शनिवार को जैवलिन फाइनल में गोल्ड अपने नाम करने के बाद कहा,
"लोग मुझे बता रहे थे कि वेटर ने मेरे बारे में क्या कहा था, मैं तब इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता था. लेकिन ओलिंपिक में वर्ल्ड रैंकिंग का इतना महत्व नहीं है. मायने यह रखता है कि किसका दिन है, कौन उस दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है. ईमानदारी से कहूं तो मैं अब उसके लिए दुखी हूं, क्योंकि वह फाइनल में जल्दी ही बाहर हो गया था. लेकिन खेल ऐसा ही है, महान लोग भी रोज नहीं जीत पाते"
जोहानेस वेटर ने नीरज चोपड़ा को आंका था कम
जोहानेस वेटर ने कहा था कि वह फाइनल में आसानी से 90 मीटर से अधिक जैवलिन थ्रो कर देंगे लेकिन तीन थ्रो के बाद वेटर 9 वें स्थान पर रहे - और इस तरह 82.52 के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ उन्हें बाहर होना पड़ा.
वेटर ने पिछले महीने कहा था,
"मैं टोक्यो में 90 मीटर से अधिक फेंकना चाहता हूं, इसलिए नीरज के लिए मुझे हराना मुश्किल होगा"वेटर
जबकि नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीत लिया और वो नौवें स्थान पर रहे वेटर से पांच मीटर से भी अधिक आगे रहे.
“वेटर इस साल जोरदार फॉर्म में थे.मुझे नहीं पता कि ओलंपिक में उसके लिए क्या गलत हुआ. हो सकता है कि उसने ओलंपिक से पहले बहुत सारी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया हो….या वह दबाव में रहा हो, मुझे नहीं पता. यदि आपका पहला थ्रो अच्छा है, तो अन्य सभी एथलीट अपने आप दबाव में आ जाते हैं”नीरज चोपड़ा
शनिवार को हुए फाइनल में, 87.03 मीटर के पहले थ्रो ने नीरज चोपड़ा को शुरुआत से ही मेडल पोजीशन में सबसे ऊपर रखा. नीरज पूरे मुकाबले के दौरान बाकी प्रतिद्वंदी एथलीटों पर बढ़त बनाए हुए थे.
अच्छे दोस्त भी हैं नीरज और वेटर
नीरज के जीत के बाद वेटर ने कहा कि “वह (नीरज) वास्तव में प्रतिभाशाली है, हमेशा बहुत फ्रेंडली .मैं उसके लिए खुश हूं ”
नीरज और वेटर पहली बार 2018 में जर्मनी के ऑफेनबर्ग में मिले थे,जहां दोनों ने एक ही ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग लिया था. तब से दोनों के बीच अच्छी दोस्ती भी हो गई थी. लेकिन इसके बावजूद वेटर को अपने भारतीय दोस्त के हाथो ओलंपिक में हारने की उम्मीद नहीं होगी.
वेटर ने 2017 और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्रमशः एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज जीता था, लेकिन 28 वर्षीय इस स्टार एथलीट के पास अभी एक भी ओलंपिक मेडल नहीं है . उन्होंने अपने जैवलिन कैरियर में 17 बार 90 मीटर के निशान को पार किया है, जिसमे से सात तो 2021 में ही आये हैं.पिछले सितंबर में पोलैंड में उन्होंने 97.76 मीटर थ्रो किया था जो पिछले दो दशकों से अधिक समय में सबसे लंबा थ्रो है.
हालांकि, शनिवार को ओलंपिक फाइनल में, फेवरेट वेटर को ‘न्यूकमर’ नीरज चोपड़ा ने हराकर भारत के पीढ़ियों के इंतजार को समाप्त कर दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)