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टॉस हुआ आउट! काउंटी क्रिकेट में अब नहीं किया जाएगा टॉस

स्पिन गेंदबाजों को बढ़ावा देने के लिए लिया गया टॉस को अनिवार्य न रखने का फैसला.

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हेड या टेल?

किसी भी क्रिकेट के दीवाने के लिए मैच की शुरुआत पहली बॉल नहीं टॉस से होगी. टीवी पर प्रसारित हो रहे मैच को थोड़ी देर से देखने वाला दर्शक अपने साथी दर्शकों के सामने सबसे पहले ये ही सवाल दागता है, टॉस कौन जीता?

लेकिन, आपको ये जानकर हैरानगी होगी कि इंग्लिश और वेल्स बोर्ड के हालिया निर्णय के अनुसार चार दिनों तक चलने वाले काउंटी क्रिकेट मैचों में अब से टॉस करना अनिवार्य नहीं होगा.

नए नियम के अनुसार खेलने आ रही विजिटिंग टीम को पहले गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा.

अगर वह गेंदबाजी नहीं चुनता है तो फिर टॉस किया जाएगा.

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क्यों लिया गया ये निर्णय

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की बैठक में ये फैसला इंग्लिश स्पिनरों को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है.

घरेलू टीम के टॉस जीत कर बल्लेबाजी करने के बजाय अब मेहमान कप्तान के पास दखल देने का भी विकल्प होगा.

उधर इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की विशेष समिति के अध्यक्ष पीटर राइट का कहना है कि ये फैसला सिर्फ स्पिनर्स के लिए नहीं है.

पिछले कुछ सालों से चैंपियनशिप की पिचों को लेकर भी चिंता रही है. पर यह कहना ज्यादा सही होगा कि स्पिन गेंदबाजी को लेकर बढ़ती चिंता की वजह चीजें नजर में आई हैं.
पीटर राइट, इंग्लैड क्रिकेट बोर्ड

राइट ने कहा, “2015 की चैंपियनशिप में सिर्फ 21.5 फीसदी स्पिन गेंदें फेंकी गईं. जब ये आंकड़े कमेटी के सामने रखे गए तो हमने फैसला किया कि अगर हम ज्यादा स्पिन गेंदबाजों को खेल में चाहते हैं तो हमें उन्हें स्पिन के लिए बेहतर पिचें मुहैया करानी होंगी.”

“सीधी बात है कि काउंटी मैच जीतना चाहते हैं और इसका मतलब है 20 विकेट लेना. ज्यादातर पिचें शुरूआत में गीली और हरी होती हैं पर खेल आगे बढ़ने के साथ-साथ वे स्पिनरों की मदद के लिए खराब होने की बजाए बेहतर होती चली जाती हैं.”

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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