भारत को एमएस धोनी जैसा रत्न देने वाला शहर रांची भारत में 26वां टेस्ट सेंटर बनने जा रहा है. 16 मार्च को जब सीरीज के तीसरे टेस्ट की पहली गेंद डाली जाएगी, तो वो पूरे रांची और झारखंड के लिए बेहद भावनात्मक पल होगा.
विडंबना देखिए कि भारत के सबसे सफल कप्तान और रांची के बेटे यानी धोनी के घर में मैच हो रहा है, लेकिन वो इस जश्न का हिस्सा नहीं हैं. धोनी कोहली के घर यानी दिल्ली में विजय हजारे ट्रॉफी खेल रहे हैं.
चाहे धोनी अपने शहर में रहें या न रहें, लेकिन अपने दोस्त और शागिर्द विराट कोहली से जबरदस्त प्रदर्शन की पूरी उम्मीद होगी.
4 मैचों की टेस्ट सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबर है. पिछले दो मैचों में चीटिंग कांड, स्लेजिंग, प्रेस कॉन्फ्रेंस और बयानबाजी जैसी चीजों के बाद सीरीज का पारा बहुत गरम है. दुनिया जानती है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत, ये दोनों ही टीमें बेहद आक्रामक तेवर रखती हैं. ऐसे में रांची में खेला जाने वाला बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का निर्णायक मैच दोनों ही टीमों के हुनर के साथ-साथ दिमागी मजबूती का भी इम्तिहान लेगा.
योग्यता के पैमाने पर अब तक दोनों ही टीमें बराबर हैं. यहां से जीत उसी की होगी, जो प्रेशर को अच्छे से झेल पाए और धैर्य दिखाए. विराट कोहली और स्टीवन स्मिथ, दोनों ही कप्तानों के लिए रांची टेस्ट उनकी परिपक्वता का इम्तिहान होगा.
जब शेर पिंजरे से बाहर निकलता है, तो बहुत तेज दहाड़ता है और हमला करता है. बेंगलुरु में भी ऐसा ही हुआ और हमें लगता है कि पूरे दौरे पर ऐसा ही होगा.मैथ्यू वेड, विकेटकीपर, ऑस्ट्रेलिया
जोश और आक्रामकता बेशक कोहली की सेना की ताकत हैं, लेकिन रांची में शांत दिमाग की भी जरूरत होगी. बल्लेबाजी में अब तक फ्लॉप ही रहे कोहली को तो खासकर अति आक्रामकता से बचना होगा. ऑस्ट्रेलियाई टीम जरूर भारतीय बल्लेबाजी पर दो टेस्ट मैच से चले आ रहे दबाव को कम नहीं करना चाहेगी.
स्टार्क के चोटिल होकर घर वापस जाने से कंगारू खेमा चिंतित तो होगा, लेकिन पैट कमिंस के टैलेंट पर किसी को कोई शक नहीं. भारतीय टीम के लिए ओपनर मुरली विजय का फिट होना जरूरी है. साथ ही इस मैच में भी अश्विन और वॉर्नर के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा.
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