सचिन, नाम ही काफी है. लेकिन क्या आपको पता है कि मास्टर ब्लास्टर सचिन पाकिस्तान के साथ अपने करियर की पहली पारी के बाद क्रिकेट को अलविदा कहने की सोचने लगे थे? जी हां, सचिन कराची में खेले गए अपने करियर के पहले मैच के बाद क्रिकेट छोड़ने का सोच लिया था.
दरअसल सचिन तेंदुलकर ने गौरव कपूर के शो 'ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस' शो में धोनी से लेकर क्रिकेट की दुनिया और अपने पर्सनल लाइफ के बारे में कई दिलचस्प कहानियां बताई हैं.
सचिन की वो पहली पारी
सचिन ने अपनी पहली पारी को याद करते हुए बताया,
अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में मेरी पहली पारी कराची (पाकिस्तान) में थी. तब मुझे लगा था कि यह शायद मेरी जिदंगी की पहली और आखिरी इनिंग है. मुझे लगा अब कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि यह मेरे बस की बात नहीं है शायद. पहले मैच में मुझे कुछ पता नहीं लग रहा था कि क्या हो रहा है. एक तरफ से वकार यूनिस बॉलिंग कर रहे थे तो दूसरी तरफ से वसीम अकरम. मुझे कुछ ज्यादा आइडिया नहीं था और वो गेंद को रिवर्स स्विंग भी करा रहे थे. अचानक जाकर ऐसे अटैक के सामने खेलने को लेकर मेरे पास कोई प्लान नहीं था.सचिन तेंदुलकर
साथियों ने दिया हौसला
सचिन ने कहा, “जब मैं ड्रेसिंग रूम में आया तो मेरे दिमाग में चल रहा था कि ये मेरे बस की बात नहीं है. मैंने ड्रेसिंग रूम में अपने साथी खिलाड़ियों से बात की. साथी खिलाड़ियों ने मुझे बताया कि मुझे विकेट पर वक्त देना होगा और संयम से काम लेना होगा, यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट है. आप दुनिया के सबसे बेस्ट बॉलिंग अटैक के सामने खेल रहे हो.”
तेंदुलकर ने कहा, “साथी खिलाड़ियों ने मुझे बताया कि आप यह मत सोचो मुझे पहली ही गेंद से शॉट मारना शुरू कर देना है. आपको विपक्षी टीम के गेंदबाजों को सम्मान देना होगा.”
सचिन ने खुद से कहा- तूने कर दिखाया और तू कर सकता है
बता दें कि सचिन ने अपने पहले टेस्ट में सिर्फ 15 रन बनाए थे, लेकिन फैसलाबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में सचिन ने अच्छी वापसी की थी. सचिन ने कहा,
कराची के बाद फैसलाबाद टेस्ट की पहली पारी में मैंने 59 रन बनाए थे. इसके बाद जब मैं ड्रेसिंग रूम में वापस आया तो मैंने खुद से कहा, तूने कर दिखाया और तू कर सकता है.सचिन तेंदुलकर
विकेट के पीछे धोनी और सचिन
सचिन ने इस शो में कैप्टन कूल धोनी के कप्तान बनने के किस्से पर भी चर्चा किया. शो के होस्ट गौरव कपूर ने सचिन से कहा कि धोनी कप्तान चुने जाने के पीछे आपका बड़ा योगदान रहा है. ये बात खुद धोनी भी कई बार बोल चुके हैं. आपने धोनी में ऐसा क्या देखा जिससे आपको लगा कि वो कप्तान बनने लायक हैं.
सचिन ने जवाब में कहा,
जब भी मैं स्लिप एरिया में फील्डिंग कर रहा होता तो मैं हमेशा धोनी के साथ बातचीत करते रहता था. मैं उससे पूछता था कि ये फील्ड यहां होनी चाहिए, अब ये बॉलर को गेंद सौंपनी चाहिए, तो आपको (धोनी) क्या लगता है? इस पर धोनी भी अपनी राय देता था. मैं धोनी के साथ ज्यादा से ज्यादा बातचीत करने की कोशिश करता. मुझे यह महसूस हुआ कि वह कुछ अलग हटकर सोचता है.इसके बाद एंकर गौरव कपूर ने मजाक में सचिन से कहते हैं, ‘शायद एमएस को पता ही नहीं था कि असल में उसका जॉब इंटरव्यू चल रहा था.”सचिन तेंदुलकर
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