ADVERTISEMENTREMOVE AD

चीनी कंपनियों से नाता तोड़े IPL, वरना बहिष्कार: स्वदेशी जागरण मंच

जब पूरी दुनिया चाइनीज कंपनियों का बहिष्कार कर रही है, तब आईपीएल उन्हें पनाह दे रहा है: मंच

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

आईपीएल में चाइनीज मोबाइल कंपनी की स्पांसरशिप जारी रखने के फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने नाराजगी जाहिर की है. उसने कहा है कि अगर चाइनीज मोबाइल कंपनी से आईपीएल का नाता नहीं टूटा तो फिर संगठन आयोजन के बहिष्कार की अपील करेगा. नागरिकों के जरिए देश में आईपीएल के खिलाफ अभियान चलेगा. स्वदेशी जागरण मंच ने गुस्से का इजहार करते हुए कहा है कि जब पूरी दुनिया चाइनीज कंपनियों का बहिष्कार कर रही है, तब आईपीएल उन्हें पनाह दे रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'बहिष्कार के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा'

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, "चीन के हमले में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद से देश में चाइनीज सामानों और कंपनियों के बहिष्कार का अभियान चल रहा है. पूरे देश की भावनाएं चीन के खिलाफ हैं. ऐसी दशा में आईपीएल के आयोजकों ने चाइनीज मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाए रखने का फैसला किया है. यह आईपीएल का बिजनेस चलाने वालों की असंवेदनशीलता को दर्शाता है. अगर फैसले पर विचार नहीं हुआ तो फिर हमारे पास आईपीएल का बहिष्कार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा."

अश्विनी महाजन ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक व्यवसाय है. इस व्यवसाय को चलाने वाले लोग देश और इसकी सुरक्षा चिंताओं के प्रति असंवेदनशील हैं. जब पूरी दुनिया चाइनीज कंपनियों का बहिष्कार कर रही है, तब आईपीएल उन्हें पनाह दे रहा है. उन्हें समझना चाहिए कि कुछ भी राष्ट्र से ऊपर नहीं है, यहां तक कि क्रिकेट भी नहीं.

स्वदेशी जागरण मंच ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "यह जानकर हैरानी हुई है कि इंडियन प्रीमियर लीग ने चाइनीज मोबाइल कंपनी की स्पॉन्सरशिप में आयोजन जारी रखने का फैसला किया है. आईपीएल गवर्निग काउंसिल ने चीन के सबसे जघन्य कृत्य से शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपमान प्रकट किया है."

सुरक्षा-आर्थिक चिंताओं का पूरी तरह से अनादर: अश्विनी महाजन

अश्विनी महाजन ने कहा कि ऐसे समय में जब अपने बाजार को चीनी प्रभुत्व से मुक्त करने के लिए समूचा देश कड़ी मेहनत कर रहा है, सरकार भी चाइनीज कंपनियों को बाहर करने को लेकर हर कदम उठा रही है, चाहे चीनी निवेश को रोकने की बात हो या फिर चीनी कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्च र और टेलीकॉम सेक्टर के टेंडर से दूर रखने की कोशिशें. ऐसे में आईपीएल का यह कृत्य न केवल देश की मनोदशा पर चोट है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और आर्थिक चिंताओं का पूरी तरह से अनादर दिखाता है.

अश्विनी महाजन ने कहा, "हम आईपीएल आयोजकों से आग्रह करते हैं कि वे चीनी कंपनी को अपने प्रायोजक के रूप में अनुमति देने के फैसले पर पुनर्विचार करें. ऐसा न होने पर हम देशभक्त नागरिकों को आईपीएल का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित करेंगे. याद रखें कि राष्ट्र की सुरक्षा और गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है, क्रिकेट भी नहीं."

(इनपुट: IANS)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×